जिले के इतिहास में यह दूसरा जंगल सत्याग्रह है. इस सत्याग्रह में भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष समेत ग्रामीण, युवा, महिला, पुरुष, बुजुर्ग सभी शामिल हैं. उनका कहना है कि ग्रामीण की आय का मुख्य स्रोत खेती है. ऐसे में खेती के लिए पानी नहीं मिलना गंभीर समस्या है. उनका यह भी कहना है कि वे लगातार अधूरे बांध को पूर्ण कराने की मांग कर रहे हैं. इस मांग को लेकर गांव वालों ने एकजुट होकर जंगल सत्याग्रह का फैसला लिया है.
दाने-दाने के लिए मोहताज किसान
लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि 2016-17 में बांध की मरम्मत के लिए खनिज न्यास से 34 लाख 49 हजार रुपए की मंजूरी दी गई थी. वहीं कुछ समय बाद काम भी शुरू हुआ, लेकिन बीच में ही बंद हो गया, जिसके कारण सिंचाई में दिक्कत हो रही है. पिछले खेती का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत लहंगर के आश्रित ग्राम महूकाम में 7 सौ एकड़ जमीन की सिंचाई बांध के पानी से की जाती थी, लेकिन बांध के अधूरे काम की वजह से खेती प्रभावित हो रही है. किसान और उसके परिवार दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं.
कार्य को चालू कराने का दिया आश्वासन
वन विभाग के रेंजर मनोज चंद्राकर ने धरना स्थल पर पहुंचकर गांव वालों को आश्वासन दिया और कहा कि 3 दिनों के अंदर कार्य को चालू कर दिया जाएगा और इस 3 माह के अंदर बांध का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा.