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'कर्जमाफी से नहीं बनेगी बात, खेती के लिए पानी भी दे दो सरकार' - second jungle Satyagraha

महासमुंद : जिले के मोहकम में ग्रामीणों ने दूसरा जंगल सत्याग्रह शुरू कर दिया है. यह सत्याग्रह डबरा जलाशय का निर्माण शीघ्र पूरा कराने की मांग को लेकर किया जा रहा है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मांग पूरी नहीं की गई है, तो वे बांध नहीं तो काम नहीं का नारा लगाते रहेंगे और जंगल में धरना देते रहेंगे.

दूसरा जंगल सत्याग्रह
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Published : Feb 24, 2019, 8:33 PM IST

जिले के इतिहास में यह दूसरा जंगल सत्याग्रह है. इस सत्याग्रह में भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष समेत ग्रामीण, युवा, महिला, पुरुष, बुजुर्ग सभी शामिल हैं. उनका कहना है कि ग्रामीण की आय का मुख्य स्रोत खेती है. ऐसे में खेती के लिए पानी नहीं मिलना गंभीर समस्या है. उनका यह भी कहना है कि वे लगातार अधूरे बांध को पूर्ण कराने की मांग कर रहे हैं. इस मांग को लेकर गांव वालों ने एकजुट होकर जंगल सत्याग्रह का फैसला लिया है.

वीडियो


दाने-दाने के लिए मोहताज किसान
लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि 2016-17 में बांध की मरम्मत के लिए खनिज न्यास से 34 लाख 49 हजार रुपए की मंजूरी दी गई थी. वहीं कुछ समय बाद काम भी शुरू हुआ, लेकिन बीच में ही बंद हो गया, जिसके कारण सिंचाई में दिक्कत हो रही है. पिछले खेती का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत लहंगर के आश्रित ग्राम महूकाम में 7 सौ एकड़ जमीन की सिंचाई बांध के पानी से की जाती थी, लेकिन बांध के अधूरे काम की वजह से खेती प्रभावित हो रही है. किसान और उसके परिवार दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं.


कार्य को चालू कराने का दिया आश्वासन
वन विभाग के रेंजर मनोज चंद्राकर ने धरना स्थल पर पहुंचकर गांव वालों को आश्वासन दिया और कहा कि 3 दिनों के अंदर कार्य को चालू कर दिया जाएगा और इस 3 माह के अंदर बांध का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा.

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जिले के इतिहास में यह दूसरा जंगल सत्याग्रह है. इस सत्याग्रह में भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष समेत ग्रामीण, युवा, महिला, पुरुष, बुजुर्ग सभी शामिल हैं. उनका कहना है कि ग्रामीण की आय का मुख्य स्रोत खेती है. ऐसे में खेती के लिए पानी नहीं मिलना गंभीर समस्या है. उनका यह भी कहना है कि वे लगातार अधूरे बांध को पूर्ण कराने की मांग कर रहे हैं. इस मांग को लेकर गांव वालों ने एकजुट होकर जंगल सत्याग्रह का फैसला लिया है.

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दाने-दाने के लिए मोहताज किसान
लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि 2016-17 में बांध की मरम्मत के लिए खनिज न्यास से 34 लाख 49 हजार रुपए की मंजूरी दी गई थी. वहीं कुछ समय बाद काम भी शुरू हुआ, लेकिन बीच में ही बंद हो गया, जिसके कारण सिंचाई में दिक्कत हो रही है. पिछले खेती का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत लहंगर के आश्रित ग्राम महूकाम में 7 सौ एकड़ जमीन की सिंचाई बांध के पानी से की जाती थी, लेकिन बांध के अधूरे काम की वजह से खेती प्रभावित हो रही है. किसान और उसके परिवार दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं.


कार्य को चालू कराने का दिया आश्वासन
वन विभाग के रेंजर मनोज चंद्राकर ने धरना स्थल पर पहुंचकर गांव वालों को आश्वासन दिया और कहा कि 3 दिनों के अंदर कार्य को चालू कर दिया जाएगा और इस 3 माह के अंदर बांध का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा.

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Intro:एंकर - महासमुंद जिले सिरपुर क्षेत्र के ग्राम मोहकम में दूसरा जंगल सत्याग्रह आज प्रातः 9:00 बजे सिरपुर के नजदीक ग्राम मोहकम के कौहुआ डबरा बांन्ध जंगल में शुरू हुआ। ग्रामीण जंगल के भीतर जाकर जलाशय निर्माण के लिए अनशन शुरू किये है। जैसे ही दिन निकला ग्रामीण बोरिया बिस्तर बांध का जंगल की ओर आपने परिवार के साथ आ गये। मोहकम के ग्रामीण कौहूआ डबरा जलाशय का निर्माण शीघ्र पूरा कराने की मांग को लेकर जंगल सत्या कर रहे हैं। महासमुंद जिले के इतिहास में यह दूसरा जंगल सत्याग्रह है। भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष गांव वालों के साथ शामिल हुए गांव के मासूम बच्चे किशोर युवा महिला पुरुष बुजुर्ग इस वक्तधरना पर बैठे हैं उनका कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी यह स्थान पर धरना चलता रहेगा लगातार एक ही नारा लगा रहे थे बांन्ध नहीं तो काम नहीं का नारा। गौरतलब है कि क्षेत्र के ग्रामीण की आय का मुख्य स्रोत खेती है। खेती के लिए पानी नहीं मिलने से किसानो यह स्थित है और अधूरे बांध को पूर्ण कराने की मांग कर रहा है। इसी मांग को लेकर गांव वालों ने सहमत होकर जंगल में सत्याग्रह का फैसला लिया। इस तरह जंगल सत्याग्रह महासमुंद जिले में दूसरी बार हुआ है। इस जंगल में धरना देकर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया। ग्राम पंचायत लहंगर के आश्रित ग्राम महूकाम के 7सौ एकड़ जमीन का भाग बांध से सिंचाई होती है। वह 2016 - 17 में बांध की मरम्मत के लिए खनिज न्यास से से 34 लाख 49हजार मंजूर होना बताया जा रहा है। पर काम शुरू तो हुआ और बीच में ही बंद हो गया जिसके कारण सिंचाई में दिक्कत हो रही है। किसान भूखे हैं उनके परिवार में दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं। बरसात का पानी भी इस बार बाद में नहीं ठहरा जिसके कारण वह खेती नहीं कर पाए वन विभाग के अमले के रेंजर मनोज चंद्राकर उस जगह पर पहुंच कर गांव वालों को आश्वासन दिलाया कि 3 दिनों के अंदर कार्य को चालू कर दिया जाएगा और इस 3 महीनों के अंदर बांध कंप्लीट हो जाएगा किसान कहीं भी इस बात को लेकर परेशान ना।





Body:बाइट 1 - योगेश्वर चंद्राकर जनपद सदस्य महासमुंद (पहचान - पिला जैकेट वाला) बाइट क्रमांक 20817

बाइट 2 - मानिक बाई ग्रामीण (पहचान - फीका गुलाबी कलर की साड़ी) बाइट क्रमांक 21207

बाइट 3 - सिया बाई ग्रामीण (पहचान - पिला साड़ी) बाइट क्रमांक 21450

बाइट 4 - मनोज चंद्राकर रेंजर महासमुंद (पहचान - चश्मा और काला टी शर्ट) बाइट क्रमांक 13121


Conclusion:
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