महासमुंद: बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम डूमरपाली के सैकड़ों ग्रामीणों ने पंचायत की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर व झूठे केस में फंसाने की बात को लेकर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को शिकायत करते हुए ज्ञापन सौंपा हैं. पूरा मामला खल्लारी थाना क्षेत्र के ग्राम डूमरपाली का है. जहां सैकड़ों की संख्या में ग्रामवासियों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों का आरोप हैं कि पंचायत की आरक्षित जमीन पर नाथूराम सिन्हा, संतोष सिन्हा और रमेश सिन्हा ने अतिक्रमण कर अपने कब्जे में ले लिया है.
दरअसल ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटाने और अतिक्रमणकारियों को समझाने के लिए गांव में बैठक आयोजित कर पूरे मामले का सुलझाने की कोशिश भी की, लेकिन आरोपी नाथूराम सिन्हा, संतोष सिन्हा और रमेश सिन्हा ने गांववालों और पंचायत पदाधिकारियों पर ही जान से मारने की धमकी देने की झूठी शिकायत खल्लारी थाने में दर्ज करा दी.
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गांव की घास भूमि पर अतिक्रमण
जिसके बाद ग्रामीणों ने 2 जुलाई को तहसीलदार बागबाहरा को ज्ञापन दिया. इस पर अतिक्रमण हटाने के लिए 6 अगस्त को न्यायालय द्वारा आदेश जारी किया गया, लेकिन संबंधित व्यक्ति के नाम पर जमीन का पट्टा होने की बात कहकर अतिक्रमण हटाने वाले आदेश के खिलाफ स्टे लगा दिया गया. जिसके बाद तहसीलदार के आदेश पर पटवारी ने जांच की जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि अतिक्रमण की हुई भूमि जिसका खसरा नंबर 582 दिखाया गया है, आबादी भूमि के अंतर्गत आता है. जबकि अतिक्रमण भूमि का खसरा नंबर 310 है, जो कि घास भूमि है.
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सामूदायिक भवन का सपना
ग्रामीणों ने पंचायत की जमीन से अतिक्रमण हटाने की मांग की है, ग्रामीणों का कहना हैं कि पंचायत की जमीन से अतिक्रमण हटाने के बाद वहां स्वास्थ्य केंद्र या अन्य कोई भी भवन बनाकर इसका उपयोग ग्रामीण कर सकते हैं. फिलहाल पूरे मामले में अधिकारियों ने जांच की बात कही हैं.