महासमुंद: जिले में लगातार हो रही बारिश की वजह से किसानों को काफी नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है. बेमौसम बारिश की वजह से सबसे ज्यादा धान के फसल को नुकसान हो रहा है. वहीं सब्जी की फसल को भी भारी नुकसान हो हुआ है.
बड़ी आबादी कृषी से जुड़ी: महासमुंद जिले की 70 फीसदी आबादी कृषि पर ही निर्भर है. किसान खरीफ और रबी के सीजन में धान, सब्जी, दलहन, तिलहन आदि की खेती करते हैं. गर्मी के मौसम में हुए बेमौसम बरसात से जिले के लगभग एक दर्जन से ज्यादा गांव के किसानों की फसल 60 से 80 प्रतिशत तक खराब हो गयी है. जिले के पटेवा, झलप क्षेत्र के सिनोधा गांव, भावा, तेंदूवाही, बरेकेल, बनपचरी, झाखरमुडा, रायतुम के साथ ही और भी कई गांव के सैकड़ों किसान प्रभावित हुवे हैं.
किसान लगा रहे आर्थिक मद्द की गुहार: बेमौसम बरसात की वजह से हुए नुकसान के बाद किसान जहां अब शासन प्रशासन से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं. वही आला अधिकार राजस्व और कृषि विभाग के आला अधिकारी सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही किसानों की किसी भी तरह की मद्द की बात कह रहे हैं. जिले में रबी सीजन में 34 हजार हेक्टेयर में धान की फसल किसानों ने लगाई है. मौसम विभाग के अधिकारियों ने आने वाले एक दो दिन तर और बारिश होने की संभावना जताई है.
यह बी पढ़ें: chhattisgarh price today: छत्तीसगढ़ में सोना चांदी महंगा, पेट्रोल-डीजल, मंडी भाव स्थिर
जिले में कितनी किसकी खेती: महासमुंद में कुल 268000 हेक्टेयर जमीन में खेती की जाती है. जिसमें से 248700 हेक्टेयर में धान की खेती की जाती है. 7110 हेक्टेयर में दलहन की खेती होती है. 2360 हेक्टेयर में तिलहन की खेती होती है. 9830 हेक्टेयर में सब्जियां उगाई जाती हैं.