महासमुंद: कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से चिकित्सकीय प्रबंधन में जुटे हुए हैं. आरटीपीसीआर परिक्षण की प्रक्रिया के साथ जिले में रैपिड एन्टीजन टेस्ट, यानी कोविड-19 की त्वरित जांच सहित ट्रू-नाॅट का सेटअप भी स्थापित किया गया है. जिसमें, क्रमशः पंद्रह मिनट और औसतन एक से दो घंटे के बीच ही नमूनों का परीक्षण कर कोरोना की जांच की जा रही है.
प्रशासने ने दी हरी झंडी
जिला स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इन व्यवस्थाओं को अपग्रेड करने की पहल अब पूरी होने जा रही है. आगामी 24 से 48 घंटे के भीतर ही पहले से बेहतर सेवा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए, कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशानुसार आपेक्षित बदलाव किए जा रहे हैं. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एसपी वारे ने बताया कि रैपिड एन्टीजन टेस्ट प्रणाली के लिए जिला प्रशासन ने भी हरी झंडी दे दी है. जिसके तहत उक्त परिसर में एक अलग कमरा बनाया जाएगा. इस कमरे में कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों के संबंध में कान्टेक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. अब तक यह कार्य फीवर क्लीनिक के विशाल परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ संपादित किया जा रहा था.
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मिलेंगी बेहतर सेवाएं
डाॅ. वारे ने बताया कि स्वास्थ्य महकमा हर संभव प्रयास करने में तत्पर है. तीनों तरह की केविड-19 जांच यानी आरटीपीसीआर टेस्ट, ट्रू-नाॅट परीक्षण और रैपिड एन्टीजन जांच के लिए सेटअप सहित जांच दल भी मुस्तैद है. आंशिक रूप से तकनीकी दिक्कतों के चलते यदि कभी परेशानी आ भी जाए तो जांच की प्रक्रिया बाधित नहीं होती. सुचारू रूप से चल रही दूसरी परीक्षण पद्वति से उसे पूरा कर लिया जाता है. आगामी व्यवस्थाओं के साथ अगले दो दिनों के भीतर और भी बेहतर सेवाएं मिल पाएगी.
15 मिनट में आ रही रिपोर्ट
डॉ. वारे ने बताया कि जिले में अब तक ट्रू-नाॅट मशीनरी से कुल 2 हजार 426 नमूने परखे गए. जिनमें केवल 44 प्रकरण ही ऐसे थे जो धनात्मक रहे. वहीं, 15 मिनट में परिणाम देने वाली एन्टीजन टेस्ट प्रणाली को लेकर महासमुंद विकासखंड की बात करें तो सोमवार तक हुए कुल 2 हजार 556 परीक्षणों में 133 मामलों में ही धनात्मक परिणाम मिले. अब तक के कोरोना मरीजों के आंकड़ो को देखते हुए डॉक्टरों ने अपील क है कि जिन्हें सर्दी, खांसी, या बुखार जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, वे निःसकोच जांच कराने के लिए आएं.