महासमुंद: छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. संघ ने मांग की है कि कोरोना काल में ड्यूटी करने वाले कर्मचारी और अधिकारियों की सुरक्षा और बीमा की व्यवस्था की जाए. उन्होंने शिक्षकों द्वारा पालकों से संपर्क कर जाति प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता को तत्काल स्थगित करने की भी मांग की. बता दें कि संघ लगातार शासन-प्रशासन के सामने अपनी मांग रख रहा है, इसके बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
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कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
कोरोना काल में लगातार शासकीय कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं. प्रदेश में कर्मचारी संघ के संरक्षक प्रमोद तिवारी और अध्यक्ष ओम नारायण शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में लगातार काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग की जा रही है. इसके बाद भी शासन-प्रशासन इसे लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है.छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने 10 अगस्त को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कोरोना काल में काम करने वाले सभी संवर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों के सुरक्षा व बीमा की मांग की गई थी. इसके बाद 28 अगस्त को फिर से मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मरीजों की देखभाल और व्यवस्था में लगे कर्मचारियों के लिए कोरोना भत्ता,कर्मचारियों की सुरक्षा और मृतकों के लिए स्पेशल पैकेज की मांग की गई थी.
कर्मचारी संघ ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को लक्ष्य देकर घर-घर जाकर पालकों से संपर्क कर अभिलेख संकलित करने कहा गया है.इस बाध्यता को संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्थगित कर देना चाहिए. कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इस मांग को गंभीरता से लेने की बात कही है.