महासमुंद: अपने दोनों हाथों में सांप पकड़कर कर्तब दिखाने वाला ये शख्य कोई स्नेक कैचर नहीं, बल्कि सरकारी नौकरी करने वाले संजय सिंह परिहार हैं. संजय सांपों के संरक्षण के लिए काम करते हैं. संजय मानते हैं कि सांप हमारे दुश्मन नहीं दोस्त हैं और पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने में इनका अहम योगदान है. वे कहते हैं कि जब तक हम उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, तब तक वे भी हमें नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.
बरसात के मौसम में लोगों में सांपों का डर बहुत बढ़ जाता है. चूहों की तलाश में सांप घरों के अंदर घुस जाते हैं, जिसे कई बार लोग डर से मार देते हैं. संजय पिछले कई साल से सांपों को बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. वे सांपों से डरने और उन्हें मारने की बजाए उनके संरक्षण में लगे हुए हैं. संजय बड़े से बड़े और खतरनाक से खतरनाक सांप को बड़ी आसानी से पकड़कर दूर जंगल में छोड़ देते हैं.
प्रकृति की सुंदरता के लिए सांप जरूरी
वे कहते हैं कि सांप प्रकृति के बचाव के लिए बेहद जरूरी हैं. सांपों को मारने से पहले कोई ये नहीं सोचता कि इसी तरह एक-एक करके सापों को मारते रहे, तो एक दिन हमारी प्रकृति सांपों से विहीन हो जाएगी.
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सांपों से बचने के उपाय-
- घर के आसपास कोई खाद्य पदार्थ ना फेंकें, ताकि चूहे खाने के लिए नहीं आएं.
- घर में मौजूद चूहों के बिलों को बंद करें, कीटनाशक का उपयोग करें.
- गोबर और सूखी लकड़ियों के ढेर को घर से दूर रखें.
- खिड़की के पास मौजूद पेड़ की शाखाओं और लताओं की कटाई करवाएं.
- रात में घर से बाहर निकलते समय हमेशा जूते पहनें और टॉर्च का इस्तेमाल करें.
- सांप का सामना हो तो उस पर नजर बनाए रखें.
- घर में या आसपास सांप निकलने की स्थिति में वन विभाग या स्नेक रेस्क्यू टीम को सूचित करें.
सर्पदंश होने की स्थिति में प्राथमिक उपचार
- सांप के डंसने के बाद पीड़ित व्यक्ति को शांत रखें, जिससे उसका ब्लड प्रेशर ना बढ़े.
- सांप ने शरीर के जिस हिस्से में काटा हो, उसे स्थिर रखें और उसके ऊपर पट्टी बांधें.
- पीड़ित को जल्द से जल्द स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाएं, जहां एंटी वेनम उपलब्ध हो.
- सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति पर घरेलू इलाज, झाड़-फूंक, पारंपरिक औषधि का प्रयोग ना करें.
नाग पंचमी में की जाती है सांपों की पूजा
संजय सिंह और विकास शर्मा अब तक 8 हजार सांपों को बचा चुके हैं. सांपों का संरक्षण करना वे अपनी ड्यूटी मानते हैं और सरकारी ड्यूटी खत्म करने के बाद वे सांपों को बचाने के लिए निकल पड़ते हैं. सांपों को लेकर लोगों के बीच अलग-अलग मान्यताएं हैं. अकसर सावन के महीने में पड़ने वाली नाग पंचमी के दिन सांपों की पूजा की जाती है, लेकिन इसके दूसरे ही दिन लोग सांपों को मारने से भी पीछे नहीं हटते हैं.
सांपों के संरक्षण के लिए कर रहे काम
विकास शर्मा जिला पुलिस बल में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर महासमुंद जिले में पदस्थ हैं. वही संजय सिंह परिहार वन विभाग में कार्यरत हैं. यह दोनों शख्स सांपों को पकड़कर उन्हें सुरक्षित जगहों पर छोड़ देते हैं. इसके साथ ही लोगों को भी सांपों के संरक्षण के लिए प्रेरित करते हैं. संजय बताते हैं कि सर्पदंश का यदि सही समय पर इलाज किया जाए, तो किसी भी व्यक्ति को बचाया जा सकता है. अक्सर लोगों की मौत सांप के काटने से नहीं बल्कि डर से हो जाती है.
बता दें कि पूरी दुनिया में 500 से भी ज्यादा प्रजाति के सांप पाए जाते हैं. इनमें 8 प्रजाति के सांप छत्तीसगढ़ में पाए जाते हैं. छत्तीसगढ़ के महासमुंद में सबसे ज्यादा तादाद में सांप पाए जाते हैं. घोड़ा करायत सांप को बहुत जहरीला माना जाता है. वहीं छत्तीसगढ़ में कोरबा दूसरा ऐसा जिला है, जहां ज्यादातर सांप पाए जाते हैं.
सांपों का संरक्षण जरूरी
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां 70 प्रतिशत लोग आज भी खेती व पशुपालन से जुड़े हुए हैं. अगर हम सभी सांपों को मार देंगे तो फिर खेतों में पाए जाने वाले चूहों को खाएगा कौन. चूहे हमारी फसलों को खा जाते हैं. उनकी तादाद ज्यादा न बढ़े, इसलिए प्रकृति ने सांपों को संतुलन का जिम्मा दिया है. सांप हमारे खेतों में पाए जाने वाले चूहों का शिकार करते हैं, वह चूहों के बिल में घुसकर उनका शिकार करने में सक्षम होते हैं, जिसके कारण हमारी फसलें सुरक्षित रहती हैं और हम खाने के लिए अन्न, पशुओं के लिए चारा और पहनने के कपड़ों के लिए कपास जैसी फसलें उगा पाते हैं. इसलिए भी सांपों का संरक्षण बहुत जरूरी है.
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भगवान ने बड़ी ही खूबसूरती के साथ प्रकृति की रचना की है. इंसानों के बीच तरह-तरह के जीव-जंतु रहते हैं, जो बहुत ही सुंदर हैं और हम सबको इनका सम्मान करना चाहिए. अपने इस काम से संजय एक ओर जहां गांव के लोगों की मदद करते हैं, वहीं प्रकृति के इस खूबसूरत जीव की रक्षा भी करते हैं.