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SPECIAL: नौकरी छोड़ शुरू की खेती, लाखों रुपए कमा रही है ये बेटी

महासमुंद की 26 साल की इंजीनियर वल्लरी चंद्राकर ने खेती के लिए नौकरी छोड़ दी और आज अपने साथ-साथ कई लोगों को रोजगार भी दे रही हैं.

नौकरी छोड़ शुरू की खेती
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Published : Oct 16, 2019, 2:29 AM IST

Updated : Oct 17, 2019, 10:55 AM IST

महासमुंद: वल्लरी, जिसका अर्थ होता है लता या मंजरी. 26 साल की इंजीनियर वल्लरी चंद्राकर ने भी अपनी प्रतिभा की लताओं से अपने परिवार को खूबसूरत उपवन दिया है. ट्रैक्टर चलाती, खेतों में काम करती, नाप-तौल करती और फिर बच्चों को पढ़ाती इस लड़की ने खेती के लिए नौकरी छोड़ दी और आज अपने साथ-साथ कई लोगों को रोजगार भी दे रही है.

नौकरी छोड़ शुरू की खेती

वल्लरी महासमुंद के बागबाहरा ब्लॉक के सिर्री गांव की रहने वाली हैं. महासमुंद, रायपुर, भिलाई और राजनांदगांव जैसे शहरों में इनकी पढ़ाई हुई. 2012 में इंजीनियरिंग कम्प्लीट करने के बाद वल्लरी ने रायपुर के दुर्गा कॉलेज में कम्प्यूटर सांइस और गणित की सहायक प्राध्यापिका की नौकरी की. उस वक्त इन्हें साढ़े 13 हजार रुपए मिलते थे. 2016 में वल्लरी ने एमटेक की डिग्री ली लेकिन मन तो पिता को देख खेतों में लग गया.

खेतों में काम करती है इंजीनियर वल्लरी चंद्राकर
खेतों में काम करती है इंजीनियर वल्लरी चंद्राकर
पपीता की खेती
पपीता की खेती

लाखों रुपए कमा रही हैं वल्लरी
बस फिर क्या था वल्लरी अपने गांव सिर्री पहुंच गईं और आज 40 एकड़ के फार्म हाउस मे ड्रिप पद्धती से करेला , खीरा , बरबट्टी (बोरो ), मिर्ची, लौकी जैसी कई सब्जियों और फलों की खेती कर लाखों रूपये कमा रही हैं. वल्लरी ने 60 लाख रूपये का इनवेस्ट किया और आज 20 लाख रूपये सालाना कमा रही हैं. वे कम पानी में अच्छी खेती करने करके किसानों के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं. वे कहती हैं कि गांव में रहकर यहां के लोगों के लिए कुछ न किया जाए, तो फिर क्या जीना. वल्लरी कई छात्र-छात्राओं को निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा दे रही हैं.

मिर्च की खेती
मिर्च की खेती
आम की खेती
आम की खेती

माता-पिता को अपनी बेटी पर गर्व
वल्लरी के पिता ऋषि चन्द्राकर रायपुर में सब इंजीनियर हैं. उनकी छोटी बहन पल्लवी चन्द्राकर एम.टेक की शिक्षा ग्रहण कर भिलाई इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हैं. माता-पिता अपनी बेटी की उपलब्धि पर बेहद खुश हैं. वे कहते हैं कि आज उन्हें, उनकी बेटी के नाम से लोग जानते हैं.

वल्लरी कई छात्र-छात्राओं को निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा दे रही हैं
वल्लरी कई छात्र-छात्राओं को निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा दे रही हैं
खेतों में काम करती है इंजीनियर वल्लरी चंद्राकर
खेतों में काम करती है इंजीनियर वल्लरी चंद्राकर

वल्लरी शांति बाई नारी शक्ति सम्मान से भी नवाजी जा चुकी हैं.

महासमुंद: वल्लरी, जिसका अर्थ होता है लता या मंजरी. 26 साल की इंजीनियर वल्लरी चंद्राकर ने भी अपनी प्रतिभा की लताओं से अपने परिवार को खूबसूरत उपवन दिया है. ट्रैक्टर चलाती, खेतों में काम करती, नाप-तौल करती और फिर बच्चों को पढ़ाती इस लड़की ने खेती के लिए नौकरी छोड़ दी और आज अपने साथ-साथ कई लोगों को रोजगार भी दे रही है.

नौकरी छोड़ शुरू की खेती

वल्लरी महासमुंद के बागबाहरा ब्लॉक के सिर्री गांव की रहने वाली हैं. महासमुंद, रायपुर, भिलाई और राजनांदगांव जैसे शहरों में इनकी पढ़ाई हुई. 2012 में इंजीनियरिंग कम्प्लीट करने के बाद वल्लरी ने रायपुर के दुर्गा कॉलेज में कम्प्यूटर सांइस और गणित की सहायक प्राध्यापिका की नौकरी की. उस वक्त इन्हें साढ़े 13 हजार रुपए मिलते थे. 2016 में वल्लरी ने एमटेक की डिग्री ली लेकिन मन तो पिता को देख खेतों में लग गया.

खेतों में काम करती है इंजीनियर वल्लरी चंद्राकर
खेतों में काम करती है इंजीनियर वल्लरी चंद्राकर
पपीता की खेती
पपीता की खेती

लाखों रुपए कमा रही हैं वल्लरी
बस फिर क्या था वल्लरी अपने गांव सिर्री पहुंच गईं और आज 40 एकड़ के फार्म हाउस मे ड्रिप पद्धती से करेला , खीरा , बरबट्टी (बोरो ), मिर्ची, लौकी जैसी कई सब्जियों और फलों की खेती कर लाखों रूपये कमा रही हैं. वल्लरी ने 60 लाख रूपये का इनवेस्ट किया और आज 20 लाख रूपये सालाना कमा रही हैं. वे कम पानी में अच्छी खेती करने करके किसानों के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं. वे कहती हैं कि गांव में रहकर यहां के लोगों के लिए कुछ न किया जाए, तो फिर क्या जीना. वल्लरी कई छात्र-छात्राओं को निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा दे रही हैं.

मिर्च की खेती
मिर्च की खेती
आम की खेती
आम की खेती

माता-पिता को अपनी बेटी पर गर्व
वल्लरी के पिता ऋषि चन्द्राकर रायपुर में सब इंजीनियर हैं. उनकी छोटी बहन पल्लवी चन्द्राकर एम.टेक की शिक्षा ग्रहण कर भिलाई इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हैं. माता-पिता अपनी बेटी की उपलब्धि पर बेहद खुश हैं. वे कहते हैं कि आज उन्हें, उनकी बेटी के नाम से लोग जानते हैं.

वल्लरी कई छात्र-छात्राओं को निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा दे रही हैं
वल्लरी कई छात्र-छात्राओं को निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा दे रही हैं
खेतों में काम करती है इंजीनियर वल्लरी चंद्राकर
खेतों में काम करती है इंजीनियर वल्लरी चंद्राकर

वल्लरी शांति बाई नारी शक्ति सम्मान से भी नवाजी जा चुकी हैं.

Intro:एंकर- कर्म छोटा या बड़ा नही होता ,कर्म से ही इंसान बड़ा होता है और कर्म ही इंसान की पहचान बनती है । इस बात को सच साबित कर दिखाया है महासमुंद जिले के ग्राम सिर्री की एक युवती ने ,जो साफ्टवेयर इंजीनियर की डिग्री प्राप्त कर व सहायक प्राध्यापक की नौकरी छोड़ आज उन्नत खेती कर रही है । जहाॅ यह युवती कृषि कार्य के अलावा गरीब बच्चों को निःशुल्क कम्प्यूटर की शिक्षा दे रही है ,वही युवती के माॅ-बाप अपनी पुत्री की इस कामयाबी पर गर्व कर रहे है । पेश है एक रिपोर्ट .....

Body:व्हीओ 01- बागबाहरा ब्लाक के ग्राम सिर्री की रहने वाली वल्लरी चन्द्राकर की शिक्षा-दीक्षा महासमुन्द , रायपुर , भिलाई , राजनान्द गाॅव मे हुई हैं। वल्लरी चन्द्राकर ने 2012 में बीई की डिग्री प्राप्त करने के बाद दुर्गा काॅलेज रायपुर मे कम्प्यूटर सांइस एवं गणित की सहायक प्राध्यापिका की नौकरी महज साढ़े तेरह हजार प्रति माह पर की । परन्तु वल्लरी को यह नौकरी रास नही आई । उसके बाद 26 वर्षीय वल्लरी ने 2016 में एम टेक की डिग्री प्राप्त की । वल्लरी के पिता ऋषि चन्द्राकर जल मौसम विभाग रायपुर मे सब इन्जीनियर के पद पर कार्यरत हैं। वल्लरी चन्द्राकर की छोटी बहन पल्लवी चन्द्राकर एम.टेक की शिक्षा ग्रहण कर भिलाई इंजीनियरिंग काॅलेज मे प्रोफेसर हैं। वल्लरी एम टेक की डिग्री लेने के बाद अपने पैतृक गाॅव सिर्री मे खेती करने की ठानी और 40 एकड़ के फार्म हाउस मे ड्रिप पद्धती से करेला , खीरा , बरबट्टी (बोरो ), मिर्ची,लौकी आदि की खेती कर लाखो रूपये कमा रही हैं। वल्लरी ने 60 लाख रूपये का इनवेस्ट कर 20 लाख रूपये सालाना कमा रही है । वल्लरी ट्रैक्टर से खेतो में हल चलाने से लेकर खेत का हर काम बखूबी से निभाती हैं। कम पानी मे अच्छी खेती करने वाली वल्लरीे आज उन किसानो के लिए एक मिसाल बन चुकी है ,जो खेती को घाटे का सौदा मानते हुवे आत्म हत्या कर लेते है । उन्नत खेती करने वाली वल्लरी का कहना है कि पापा को कृषि करते देख मेरा भी रूझान कृषि की तरफ गया और मै नौकरी छोड़ खेती कार्य में लग गई ।
Conclusion:व्हीओ 02- इस पूरे मामले में वल्लरी के माता-पिता का कहना है कि आज मेरे नाम से लोग वल्लरी को नही जानते ,बल्कि वल्लरी के नाम से मेरी पहचान होती है ,जो एक माॅ-बाप के लिए गर्व की बात है । गौरतलब है कि वल्लरी खाली समय मे गाॅव के गरीब बच्चो को निःशुल्क कम्प्यूटर की शिक्षा भी देती हैं साथ ही 40 से 50 लोगो को डेली का रोजगार भी मुहैया करा रही है । वल्लरी को 2 अपै्रल 2017 को छ.ग. प्रदेश महिला कुर्मी क्षत्रिय समाज द्वारा शांति बाई नारी शक्ति सम्मान से नवाजा भी गया है ।

बाईट:- 1:- वल्लरी चन्द्राकर - मिसाल बनी युवती - सिर्री पहचान नीले कलर का फुल शर्ट

बाईट:- 2:- ऋषि चन्द्राकर - युवती के पिता - सब इन्जीनियर - जल मौसम विभाग रायपुर पहचान सफेद हाफ टीशर्ट और चश्मा लगाया हुआ

बाईट:- 3:- श्रीमती युवल चन्द्राकर - युवती की माॅ पहचान पीला साड़ी और हरे कलर का ब्लाउज

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
Last Updated : Oct 17, 2019, 10:55 AM IST
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