महासमुंद : नेशनल हाईवे स्थित पटेवा थाने पर अक्सर अवैध वसूली के आरोप लगते रहते हैं. सुबह 5 बजे से 9 बजे तक वाहनों की जांच के नाम पर वसूली यहां आम बात है. पुलिस के जवान रोज सुबह उठकर उगाही करने के काम में लग जाते और उसके बाद थाने में ड्यूटी करने जाते. पटेवा थाना के सामने अवैध वसूली करने वाले 9 पुलिसकर्मियों को एसपी धर्मेंद्र सिंह ने गुरुवार को लाइन अटैच कर दिया. जिन पुलिस कर्मियों पर ये कार्रवाई की गई उनमें दो प्रधान आरक्षक और सात आरक्षक शामिल हैं.
एसपी ने मौके पर लिया एक्शन : गुरुवार सुबह जब एसपी धर्मेंद्र सिंह 5 मजदूरों की मौत के मामले में बसना के गढ़फुलझर जा रहे थे. तभी पटेवा थाना के सामने सरेआम वसूली का नजारा देखकर वे भी चौंक गए. उन्होंने इस मामले पर तुरंत एक्शन लिया. वसूली करने वाले दो प्रधान आरक्षक और सात आरक्षकों को लाइन अटैच कर दिया.
कैसे मौके पर पकड़ाए आरक्षक : गढ़फुलझर जाते वक्त एसपी धर्मेंद्र सिंह के दिमाग में पटेवा थाना के शिकायत की बात चल रही थी. इसलिए जब वो थाना से थोड़ी दूर पहुंचे तो अपनी गाड़ी को रुकवा दिया. इसके बाद गाड़ी से उतरकर एसपी पैदल ही थाना की ओर चल दिए. थाने के सामने पहुंचते ही एसपी का दिमाग घूम गया. थाने के ठीक सामने आरक्षक गाड़ियों को रुकवाकर उनसे उगाही करते मिले. ये नजारा देखते ही एसपी आग बबूला हो गए और उगाही में शामिल सभी आरक्षकों को लाइन अटैच कर दिया. इस मामले में नौ लोगों पर कार्रवाई हुई है.
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एसपी के निर्देश का भी नहीं कर रहे थे पालन : इस घटना के दो दिन पहले ही एसपी ने बैठक में साफ लहजे में गलत काम करने पर सजा देने की बात कही थी. जो गुरुवार को सच साबित हुई. निर्देश के बाद भी पटेवा थाने का पूरा स्टाफ अवैध वसूली में जुटा था. एसपी धर्मेंद्र सिंह ने आरक्षक दानवीर, संजय सोनी, सुनील चंद्रवंशी, रामशरण पात्रे, राजेश दीवान, करण देवदास, नरेश जोशी और प्रधान आरक्षक बंसी लाल जांगड़े, झुमुक लाल हिरवानी को लाइन अटैच किया गया है.