महासमुंद: कोविड की वजह से जिले में मिट्टी परीक्षण का काम भी प्रभावित है. पिछले डेढ़ साल से शासन की ओर से कृषि विभाग को मिट्टी परीक्षण का ना लक्ष्य मिला है और ना ही बजट. जिसकी वजह से जिले में मिट्टी परीक्षण का काम प्रभावित है. हालांकि विभाग में स्वेच्छा से परीक्षण के लिए मिट्टी लेकर आ रहे किसानों की जांच की जा रही है.
मिट्टी परीक्षण के लिए ना बजट मिली ना लक्ष्य
विभागीय अफसरों का कहना है कि शासन की ओर से ही कोविड संक्रमण को देखते हुए मिट्टी परीक्षण करने पर रोक लगा दी गई है. जिसकी वजह से बजट और लक्ष्य नहीं मिला है. इधर, जानकारी के अभाव में अधिकांश किसान अपने खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए मिट्टी का परीक्षण नहीं करा पा रहे हैं. हालांकि कृषि विभाग का कहना है कि समय-समय पर किसानों को मिट्टी परीक्षण कराना चाहिए. क्योंकि रासायनिक खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो जाती है. जिससे पैदावार में कमी आती है. जागरुक किसान मिट्टी का परीक्षण कराने सैंपल लेकर विभाग को देते हैं.
खाद के दाम में बढ़ोतरी के खिलाफ किसान कांग्रेस कार्यकर्ता 15 मई को घरों के सामने देंगे धरना
मिट्टी में जिंक की कमी
जांच प्रभारी अमित मोहंती ने बताया कि जांच के दौरान जिले में खेतों में जिंक की कमी पाई गई है. जिसके लिए किसानों को जिंक उपलब्ध कराया गया और इसकी जानकारी भी दी गई. उन्होंने बताया कि रासायनिक खाद की वजह से ऐसा होता है. मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए किसानों को अब जैविक खाद उपलब्ध कराया जाएगा. जिले में परीक्षण के लिए कुल 8 लैब है जिसमें 2 बड़े और 6 मिनी लैब है.
वर्षवार टेस्ट और रिपोर्ट के आंकड़े
साल | टेस्ट | रिपोर्ट कार्ड |
2015-16 | 19061 | 42457 |
2016-17 | 34528 | 195848 |
2017-18 | 30667 | 152570 |
2018-19 | 28434 | 156220 |
2019-20 | 3515 | 3512 |
2020-21 | 100 | 100 |