महासमुंद: ग्राम कुहरी में संचालित श्रीजन बीज बैंक की नींव जून 2016 में रखी गई थी. शुरू में बैंक के पास धान, सब्जी, दलहन की विलुप्त होती प्रजातियों के 40 किलोग्राम बीज थे. वर्तमान में बैंक के पास लगभग 14 क्विंटल बीज हैं. बैंक के संचालक मण्डल में बारह सदस्य है जिनमें 6 महिला और 6 पुरूष शामिल हैं. बीज बैंक लगातार ग्रामीणों को अच्छी और उन्नत बीज उपलब्ध करा रही है.
10 गांव के किसान उठा रहे फायदा
इस बैंक में दस गांव कुहरी, बांसकुडा, सेनकपाट, केसल्डीही, खडसा, बोडरा, बनसिवनी, घोघीबाहरा, ठुमसा,फुसेराडीह के लगभग 250 किसान वर्तमान में इस बीज बैंक से जुडे हुए हैं. जिनमें महिला किसान और पुरूष किसान समान रूप से शामिल हैं.
बैंक में बीज के बदले बीज की पौलसी
जो भी किसान इस बैंक से बीज ले जाते है उन्हें फसल उत्पादन होने के बाद लिए गए बीज का डेढ गुना वापस करना होता है. वर्तमान में बैंक के पास धान की 19 दलहन की 11 धान की और 42 प्रकार की सब्जियों की 200 से अधिक वेरायटी के बीज मौजूद है.
बैंक का उद्देश्य
इस बैंक का मुख्य उद्देश्य खेती किसानी में बढते लागत को कम करना, लोगो को पुरानी परंपरागत खेती से अवगत करना, महिलाओ को किसान का दर्जा दिलाना, कीटनाशक के दुष्प्रभाव से बचाना और साथ ही पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना है. बैंक के प्रमुख का कहना है कि वर्तमान में किसान और लोगो का रूझान एक बार फिर जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है ,ऐसे में पुराने किस्म की विलुप्तता को बचाने के लिए बैंक की स्थापना की गई है. किसानों ने भी बीज बैक से फायदा होने की बात कही है.