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महासमुंद: अनोखा बैंक, जहां रुपये नहीं बीज मिलते और जमा होते हैं

बीज बैंक लगातार ग्रामीणों को अच्छी और उन्नत बीज उपलब्ध करा रही है. इस बैंक में दस गांव के महिला किसान और पुरूष किसान समान रूप से शामिल हैं.

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बीज बैंक
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Published : Dec 27, 2019, 12:06 AM IST

महासमुंद: ग्राम कुहरी में संचालित श्रीजन बीज बैंक की नींव जून 2016 में रखी गई थी. शुरू में बैंक के पास धान, सब्जी, दलहन की विलुप्त होती प्रजातियों के 40 किलोग्राम बीज थे. वर्तमान में बैंक के पास लगभग 14 क्विंटल बीज हैं. बैंक के संचालक मण्डल में बारह सदस्य है जिनमें 6 महिला और 6 पुरूष शामिल हैं. बीज बैंक लगातार ग्रामीणों को अच्छी और उन्नत बीज उपलब्ध करा रही है.

बीज बैंक पर स्पेशल स्टोरी

10 गांव के किसान उठा रहे फायदा
इस बैंक में दस गांव कुहरी, बांसकुडा, सेनकपाट, केसल्डीही, खडसा, बोडरा, बनसिवनी, घोघीबाहरा, ठुमसा,फुसेराडीह के लगभग 250 किसान वर्तमान में इस बीज बैंक से जुडे हुए हैं. जिनमें महिला किसान और पुरूष किसान समान रूप से शामिल हैं.

बैंक में बीज के बदले बीज की पौलसी
जो भी किसान इस बैंक से बीज ले जाते है उन्हें फसल उत्पादन होने के बाद लिए गए बीज का डेढ गुना वापस करना होता है. वर्तमान में बैंक के पास धान की 19 दलहन की 11 धान की और 42 प्रकार की सब्जियों की 200 से अधिक वेरायटी के बीज मौजूद है.

बैंक का उद्देश्य
इस बैंक का मुख्य उद्देश्य खेती किसानी में बढते लागत को कम करना, लोगो को पुरानी परंपरागत खेती से अवगत करना, महिलाओ को किसान का दर्जा दिलाना, कीटनाशक के दुष्प्रभाव से बचाना और साथ ही पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना है. बैंक के प्रमुख का कहना है कि वर्तमान में किसान और लोगो का रूझान एक बार फिर जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है ,ऐसे में पुराने किस्म की विलुप्तता को बचाने के लिए बैंक की स्थापना की गई है. किसानों ने भी बीज बैक से फायदा होने की बात कही है.

महासमुंद: ग्राम कुहरी में संचालित श्रीजन बीज बैंक की नींव जून 2016 में रखी गई थी. शुरू में बैंक के पास धान, सब्जी, दलहन की विलुप्त होती प्रजातियों के 40 किलोग्राम बीज थे. वर्तमान में बैंक के पास लगभग 14 क्विंटल बीज हैं. बैंक के संचालक मण्डल में बारह सदस्य है जिनमें 6 महिला और 6 पुरूष शामिल हैं. बीज बैंक लगातार ग्रामीणों को अच्छी और उन्नत बीज उपलब्ध करा रही है.

बीज बैंक पर स्पेशल स्टोरी

10 गांव के किसान उठा रहे फायदा
इस बैंक में दस गांव कुहरी, बांसकुडा, सेनकपाट, केसल्डीही, खडसा, बोडरा, बनसिवनी, घोघीबाहरा, ठुमसा,फुसेराडीह के लगभग 250 किसान वर्तमान में इस बीज बैंक से जुडे हुए हैं. जिनमें महिला किसान और पुरूष किसान समान रूप से शामिल हैं.

बैंक में बीज के बदले बीज की पौलसी
जो भी किसान इस बैंक से बीज ले जाते है उन्हें फसल उत्पादन होने के बाद लिए गए बीज का डेढ गुना वापस करना होता है. वर्तमान में बैंक के पास धान की 19 दलहन की 11 धान की और 42 प्रकार की सब्जियों की 200 से अधिक वेरायटी के बीज मौजूद है.

बैंक का उद्देश्य
इस बैंक का मुख्य उद्देश्य खेती किसानी में बढते लागत को कम करना, लोगो को पुरानी परंपरागत खेती से अवगत करना, महिलाओ को किसान का दर्जा दिलाना, कीटनाशक के दुष्प्रभाव से बचाना और साथ ही पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना है. बैंक के प्रमुख का कहना है कि वर्तमान में किसान और लोगो का रूझान एक बार फिर जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है ,ऐसे में पुराने किस्म की विलुप्तता को बचाने के लिए बैंक की स्थापना की गई है. किसानों ने भी बीज बैक से फायदा होने की बात कही है.

Intro:एंकर- आप ने बैंक तो बहुत देखे होगे ,पर हम आप को एक ऐसे बैंक के बारे में बताने व दिखाने जा रहे ,जो पैसो का लेन देन नही करता है । यह बैंक किसानों को विलुप्त होती धान ,सब्जी ,दलहन का बीज उपलब्ध कराता है और उनसे बदले में डेढ़ गुना बीज उत्पादन होने के बाद वापस लेता है साथ ही किसानों को जैविक खेती के लिए जागरूक करता है । पेश है एक रिपोर्ट ----




Body:व्हीओ 01- महासमुंद मुख्यालय से 20 किमी की दूरी व एनएच 53 के किनारे बसा है ग्राम कुहरी जहाॅ संचालित है श्रीजन बीज बैंक । इस बैंक की नींव जून 2016 में पडी । शुरू में बैंक के पास धान ,सब्जी,दलहन की विलुप्त होती प्रजातियों के( धान हल्का ,सुंगधित और पतला खालिस देसी ,मोटा ,गुरमटिया ,सफरी आदि ) 40 किलो बीज था और आज बैंक के पास लगभग 14 क्विंटल बीज है । बैंक के संचालक मण्डल में बारह सदस्य है जिनमें 6 महिला व 6 पुरूष शामिल है । इस बैंक में दस गांव ( कुहरी,बांसकुडा ,सेनकपाट ,केसल्डीही,खडसा ,बोडरा ,बनसिवनी ,घोघीबाहरा ,ठुमसा ,फुसेराडीह ) के 250 किसान जुडे हुवे है । जिनमें 125 महिला किसान व 125 पुरूष किसान शामिल है ,जो इस बैंक से बीज ले जाते है और उत्पादन होने के बाद लिये बीज का डेढ गुना लाकर वापस करते है । वर्तमान में बैंक के पास धान की 19 ,दलहन की 11 और 42 प्रकार की सब्जियों की 200 से अधिक वेरायटी के बीज मौजूद है । इस बैंक का मुख्य उद्धेश्य खेती किसानी में बढते लागत को कम करना ,लोगो को पुरानी परंपरागत खेती से अवगत करना ,महिलाओ को किसान का दर्जा दिलाना ,कीटनाशक के दुष्प्रभाव से बचाना साथ ही पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना है । बैंक के प्रमुख का कहना है कि वर्तमान में किसान और लोगो का रूझान एक बार फिर जैविक आहार की ओर है ,ऐसे में पुराने किस्म की विलुप्तता को बचाने के लिए बैंक की स्थापना की गई है । Conclusion:व्हीओ 02- बैंक से बीज लेने वाले किसान भी काफी खुश है और इस बैंक की तारीफ करते नही थक रहे है । इस पूरे मामले में कृषि विभाग के आला अधिकारी बैंक के इस कार्य को काफी अच्छा कार्य बताते हुवे सराहना कर रहे है । गौरतलब है कि बैंक से बीज का आदान-प्रदान के साथ देशी बीज के लिए लगने वाले देशी नुस्खों से तैयार खाद और कीटनाशक का भी प्रयोग करना सिखाया जाता है । ताकि किसान को लागत में कमी के साथ नुकसान की आंशका भी कम हो ।


बाईट 01- हेमलता राजपूत - संस्था प्रमुख - श्रीजन बीज बैंक -कुहरी पहचान - हरा वाला साड़ी और साड़ी में पत्ती वाला डीजाईन बना है।

बाईट 02- ध्यान सिंह धु्रव- किसान पहचान - सफेद कलर का टी-षर्ट और सर में लाल कलर का गमछा बान्धा हुआ।

बाईट 03- यादराम ध्रुव - किसान पहचान - नीला और सफेद कलर का टी-षर्ट।

बाईट 04- व्ही पी चैबे - उप संचालक कृषि महासमुंद पहचान - प्लेन षर्ट

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर इटीवी भारत महासमुन्द छत्तीसगढ़ मो. 9826555052

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