महासमुंद: बसना तहसील में किसान किताब (ऋण पुस्तिका) में फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है. जांच के दौरान पटवारी के यहां से कार्यालय का फर्जी सील के साथ किसान किताब बरामद किया गया है. मामले का खुलासा तब हुआ जब किसान, पंजीयन के फार्म में हस्ताक्षर के लिए आवश्यक दस्तावेज के साथ बसना तहसील में उपस्थित हुए थे.
मामले में सरायपाली एसडीएम कुणाल दुदावत ने बताया कि 8 अक्टूबर 2020 को बसना तहसील के किसान मनोज पटेल पिता ब्रजलाल पटेल (भठोरी), कृषक पदुम पिता सुखरू (खटखटी), कृषक निरंजन पिता लालसाय (कर्राभौना) किसान पंजीयन के फार्म में बसना नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर के लिए आवश्यक दस्तावेज के साथ उपस्थित हुए थे. इस दौरान मनोज पटेल की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों में उन्होंने किसान किताब प्रस्तुत किया गया था. उक्त किसान किताब में तत्कालीन तहसीलदार बसना का हत्ताक्षर संदिग्ध प्रतीत होने के कारण उक्त किसान किताब के संबंध में जांच की गई. साथ ही किसान से पूछताछ भी की गई.
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किसान किताब में हेराफेरी
पूछताछ में किसान ने बताया कि किसान किताब हरिशंकर हल्का पटवारी ने 3-4 महीने पहले ही दिया है. जांच के दौरान कई और किसानों के किसान किताब में पटवारी की ओर से हेराफेरी करने की बात सामने आई. इस संबंध में बसना तहसीलदार ने सरायपाली अनुविभागीय अधिकारी को प्रतिवेदन भेजा. जिसपर सरायपाली एसडीएम के निर्देशानुसार बसना तहसीलदार और संयुक्त टीम ने पटवारी हरिशंकर नायक हल्का नंबर 33 के कार्यालय और निवास में दबीश दी. जहां से कई चैकाने वाले खुलासे हुए.
कार्यालय में दी दबिश
कार्यालय और निवास से तहसीलदार बसना के कार्यालय, नायब तहसीलदार बसना, न्यायालय नायब तहसीलदार बसना, अधीक्षक भू-अभिलेख महासमुन्द के सील और 28 किसान किताब, किसान किताब संघारित पंजी को बरामद किया गया. जिसके बाद फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही सरायपाली एसडीएम ने पटवारी को निलंबित भी कर दिया है.