महासमुंद: जिले के क्वॉरेंटाइन सेंटर में महिला की मौत के बाद जनप्रतिनिधियों के वहां जाने पर एफआईआर और होम क्वॉरेंटाइन के आदेश को लेकर सोमवार को पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. मूणत का कहना है कि किसी महिला की मौत हुई और जनप्रतिनिधि होने के नाते मौके पर जाना उनका अधिकार है. ऐसे में एफआईआर करना और भाजपा नेताओं को प्रताड़ित करना निंदनीय है. मूणत ने कांग्रेस पर कोरोना काल में भी राजनीति करने का आरोप लगाया है.
मूणत ने कहा कि वे क्वॉरेंटाइन सेंटर में वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेने और वहां की कमियों के बारे में जानकार लेने गए थे. मूणत ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'क्वॉरेंटाइन सेंटर्स की अनियमितता को उजागर करने के बाद उसे दबाने के लिए सरकार भाजपा के नेताओं को प्रताड़ित कर रही है. भारतीय जनता पार्टी इसकी निंदा करती है.'
'सरपंच और सचिव के भरोसे क्वॉरेंटाइन सेंटर'
राजेश मूणत ने कहा कि 'कोरोना महामारी का समय है इसलिए हम कोई बड़ा आंदोलन नहीं कर सकते. नहीं तो हम इसका विरोध भी करते और आंदोलन करते. उन्होंने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटर्स को सरपंच और सचिव संभाल रहे हैं'. मूणत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरपंच और सचिवों के भरोसे क्वॉरेंटाइन सेंटर छोड़ने का नतीजा ये है कि वहां न शौचालय की व्यवस्था है, न सोने के लिए बिस्तर है और न ही पीने के लिए पानी है. यह हाल सिर्फ महासमुंद के नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के क्वॉरेंटाइन सेंटर्स का है.
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कोरोना टेस्ट की नहीं है व्यवस्था: मूणत
कोरोना टेस्ट को लेकर भी मूणत ने सरकार को जमकर कोसा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 5 मेडिकल कॉलेज हैं. लेकिन सरकार अब तक कोरोना टेस्ट के लिए किसी तरह की व्यवस्था नहीं कर पाई है. मूणत ने कहा कि अगर छत्तीसगढ़ में एम्स नहीं होता तो यहां के मरीज तो भगवान भरोसे होते.
सरकार ने नहीं की चर्चा: मूणत
मूणत ने सरकार से सवाल किया है कि कोरोना संकट की इस घड़ी में क्या सरकार ने सांसद या विधायक से किसी भी तरह की बातचीत करने की कोशिश की है. क्या सरकार ने विपक्ष के नेताओं से इस महामारी से बचने के लिए कुछ सुझाव लिए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का ये रवैया बताता है कि कोरोना काल में भी ये सरकार राजनीति कर रही है.