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महासमुंद: धान जब्त, कागज लेकर दर-दर भटक रहे किसान

4 से 5 महीने की अथक परिश्रम के बाद किसान अपने खेतों से धान लेकर इस उम्मीद में मंडी तक पहुंच रहे हैं कि जल्द उन्हें अपनी मेहनत का फल मिलेगा लेकिन थोड़ी सी चूक के कारण उनके आंखों में आंसू नजर आ रहे हैं. खबर में विस्तार से जानें क्या है मामला

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Published : Dec 29, 2019, 8:52 PM IST

Updated : Dec 29, 2019, 9:49 PM IST

paddy of poor farmers  seized
गरीब किसानों के धान जब्त

महासमुंद: धान को लेकर प्रदेश सरकार की बनाई गई नीति छोटे और गरीब किसानों के लिए परेशानियों का कारण बनती जा रही है. दरअसल धान बेचने के लिए मंडी तक पहुंचे ऐसे किसान जो किसी कारण से अधिकारियों के सवालों के जवाब नहीं दे पाए उनके धान को बिना देरी किए जब्त किया जा रहा है.

गरीब किसानों के धान जब्त

4 से 5 महीने के अथक परिश्रम के बाद किसान अपने खेतों से धान लेकर इस उम्मीद में मंडी तक पहुंच रहे हैं कि जल्द उन्हें अपनी मेहनत का फल मिलेगा लेकिन थोड़ी सी चूक के कारण उनके आंखों में आंसू नजर आ रहे हैं.

पढ़ें : 25 फीसदी धान खरीदी पूरी, मौसम का नहीं पड़ रहा असर

जिन किसानों के धान जब्त किए गए हैं उनका कहना है कि 'किसी भी कारण से अगर वह अपनी उपज के पास अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान नहीं पाए गए तो धान को संदेह के आधार पर जब्त किए जा रहे हैं'.

इन मामलों के जवाब नहीं
ऐसा ही एक मामला महिला किसान के साथ हुआ है. महिला किसान नें ईटीवी को बताया कि 'जिस दरमियान मंडी में कलेक्टर दौरे के लिए आए थे उस समय वह नहाने के लिए चली गई थी और उसके साथ आया नौकर वहां पर मौजूद था. उससे कुछ सवाल पूछे गए तो वह सही जवाब नहीं दे पाया जिसके कारण उसके धान को जब्त कर लिया गया है. अब महिला अपने खेत और अन्य कागज साथ लेकर अपनी ही उपज को अपना बताने के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रही है.

ऐसे ही दर्जनों किसान हैं जिनके साथ इस तरह की कुछ छोटी-मोटी परेशानी होने के बाद उनकी उपज जब्त कर लिया गई है. व्यवस्था से परेशान किसान पहले ही अपना धान बेचने के लिए टोकन कटाने और फिर बाद में अपनी बारी का इंतजार करने में पूरा समय बिता रहे हैं. उसके बाद इस तरह की समस्या उनके लिए और भी दर्द भरा साबित हो रहा है.

महासमुंद: धान को लेकर प्रदेश सरकार की बनाई गई नीति छोटे और गरीब किसानों के लिए परेशानियों का कारण बनती जा रही है. दरअसल धान बेचने के लिए मंडी तक पहुंचे ऐसे किसान जो किसी कारण से अधिकारियों के सवालों के जवाब नहीं दे पाए उनके धान को बिना देरी किए जब्त किया जा रहा है.

गरीब किसानों के धान जब्त

4 से 5 महीने के अथक परिश्रम के बाद किसान अपने खेतों से धान लेकर इस उम्मीद में मंडी तक पहुंच रहे हैं कि जल्द उन्हें अपनी मेहनत का फल मिलेगा लेकिन थोड़ी सी चूक के कारण उनके आंखों में आंसू नजर आ रहे हैं.

पढ़ें : 25 फीसदी धान खरीदी पूरी, मौसम का नहीं पड़ रहा असर

जिन किसानों के धान जब्त किए गए हैं उनका कहना है कि 'किसी भी कारण से अगर वह अपनी उपज के पास अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान नहीं पाए गए तो धान को संदेह के आधार पर जब्त किए जा रहे हैं'.

इन मामलों के जवाब नहीं
ऐसा ही एक मामला महिला किसान के साथ हुआ है. महिला किसान नें ईटीवी को बताया कि 'जिस दरमियान मंडी में कलेक्टर दौरे के लिए आए थे उस समय वह नहाने के लिए चली गई थी और उसके साथ आया नौकर वहां पर मौजूद था. उससे कुछ सवाल पूछे गए तो वह सही जवाब नहीं दे पाया जिसके कारण उसके धान को जब्त कर लिया गया है. अब महिला अपने खेत और अन्य कागज साथ लेकर अपनी ही उपज को अपना बताने के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रही है.

ऐसे ही दर्जनों किसान हैं जिनके साथ इस तरह की कुछ छोटी-मोटी परेशानी होने के बाद उनकी उपज जब्त कर लिया गई है. व्यवस्था से परेशान किसान पहले ही अपना धान बेचने के लिए टोकन कटाने और फिर बाद में अपनी बारी का इंतजार करने में पूरा समय बिता रहे हैं. उसके बाद इस तरह की समस्या उनके लिए और भी दर्द भरा साबित हो रहा है.

Intro:एंकर - धान के लिए बनाई गई सरकार की नई नीति गरीब किसानों के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही है धान बेचने के लिए मंडी तक पहुंचे ऐसे किसान जो किसी कारण से अधिकारियों के सवालों के जवाब नहीं दे पाए उनके धान को बिना देरी किए जप्त कर लिया जा रहा है जब तक किसान को समझ में आ रहा है तब तक उनकी धान की जब्ती हो जा रही है 4 से 5 महीने की अथक परिश्रम के बाद किसान अपने खेतों में धान उगाने के बाद इस उम्मीद में मंडी तक पहुंच रहे हैं कि जल्द उन्हें अपनी मेहनत का फल मिलेगा लेकिन थोड़ी सी चूक के कारण उनके आंखों में आंसू नजर आ रहे हैं आइए आपको बताते चलें आखिर समस्या क्या हो रही है।


Body:विओ 1 - जिन किसानों के धान जब किए गए हैं उनका कहना है कि किसी भी कारण से अगर वह अपनी उपज के पास अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान नहीं पाए गए ऐसे किसानों के धान संदेह के आधार पर जप्त किए जा रहे हैं ऐसे ही एक महिला किसान ईटीवी को बताया कि जिस दरमियान मंडी में कलेक्टर साहब दौरे के लिए आए थे उस समय वह नहाने के लिए चले गई थी और उसके साथ आया नौकर या मजदूर वहां पर मौजूद था उसके कुछ सवाल पूछे गए तो वह सही जवाब नहीं दे पाया जिसके कारण उसके धान को जप्त कर लिया गया है।


Conclusion:वीओ 2 - अब यहां महिला अपने खेती के कागजात और अन्य साथ लेकर अपनी उपज को अपना बताने के लिए कलेक्टर के चक्कर काट रहे हैं ऐसे ही दर्जन किसान हैं जिनके साथ इस तरह की कुछ छोटी-मोटी वाक्य होने के बाद उनके उपज को जप्त कर लिया गया है व्यवस्था से हैरान किसान पहले ही अपना और धान बेचने के लिए टोकन कटाने फिर बाद में अपनी बारी का इंतजार करने न्यू परेशान है उसके बाद इस तरह की समस्या उनके लिए और भी दर्द भरा साबित हो रहा है।

बाइट 1 - सुमित्रा सतनामी महिला ग्राम - पारसठटी पहचान लाल स्वेटर और गमछा लपेटे हुए।

बाइट 2 - घनश्याम साहू ग्राम लाफिंग खुर्द पहचान हल्का पीले कलर का स्वेटर और सर में सफेद कलर का पगड़ी बांधा हुआ।

P2C हकीमुद्दीन नासिर

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
Last Updated : Dec 29, 2019, 9:49 PM IST
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