महासमुंद: कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना जिले के अंत्योदय और प्राथमिकता वाले राशनकार्डधारियों के लिए वरदान साबित हो रही है. मेहनत करके दो वक्त की रोटी जुगाड़ने वाले परिवारों को लॉकडाउन में मजदूरी नहीं मिल रही थी. लिहाजा इनके सामने दो वक्त की रोटी की समस्या खड़ी हो गई. ऐसे में केंद्र शासन की इस योजना के तहत घर के हर सदस्य को 5 किलो चावल और एक राशन कार्ड पर 1 किलो चना मुफ्त में दिया जा रहा है. राशन मिलने से अंत्योदय और प्राथमिकता राशनकार्ड वाले लाखों परिवारों के घरों में चूल्हा जलने लगा है.
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर गरीब परिवारों की मदद के लिए प्रधानमंत्री ने मार्च 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की. इस योजना के तहत हर अंत्योदय और प्राथमिकता राशनकार्डधारियों को प्रति सदस्य 5 किलो चावल के साथ हर राशनकार्डधारी को 1 किलो चना दिया जा रहा है. महासमुंद जिले में इस योजना के तहत 577 उचित मूल्य की दुकानों से 2 लाख 73 हजार 509 अंत्योदय और प्राथमिक और निशक्त राशनकार्ड धारियों को इस योजना का फायदा मिल रहा है.
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बढ़ाई गई योजना की अवधि
यह योजना 1 अप्रैल से जून तक के लिए संचालित थी. जिसे बढ़ाकर अब नवंबर तक के लिए कर दिया गया है. इस योजना की जमीनी हकीकत जानने के लिए ETV भारत ने नगर के शासकीय उचित मूल्य की दुकान कुम्हारपारा पहुंचकर बीपीएल परिवारों से इस योजना के संदर्भ में जाना. लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना केंद्र सरकार की सबसे अच्छी योजना है. लोगों का कहना है कि कोरोना काल में सभी के रोजगार छूट गए. रोजगार के लिए जब किसी के पास जाते हैं तो कोरोना का हवाला देकर मना कर दिया जाता है. ऐसे में घर का चूल्हा जलना मुश्किल हो गया था, लेकिन जब से केंद्र सरकार ने 5 किलो चावल और 1 किलो चना देना शुरू किया है, तब से हम लोगों के घरों में चूल्हा जलने लगा है. इसलिए हम लोग केंद्र सरकार के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने हम गरीबों के बारे में सोचा.
523 हितग्राहियों को हो रहा फायदा
शासकीय उचित मूल्य की दुकान कुम्हारपारा के संचालक का कहना है कि यहां 523 राशनकार्डधारियों को 5 किलो चावल और 1 किलो चना अप्रैल महीने से दिया जा रहा है. जिला खाद्य अधिकारी का कहना है कि कोरोना काल में गरीब तबके के लोगों को राहत के तौर पर राशन देने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है. जिले में कुल राशन कार्ड धारियों की संख्या 3 लाख 14 हजार 921 है. जिनमें से 41 हजार 412 एपीएल कार्डधारी हैं और 2 लाख 73 हजार 509 अंत्योदय कार्डधारी. इसके अलावा प्राथमिकता और निशक्त कार्डधारी भी हैं जिन्हें इस योजना का फायदा मिल रहा है.