महासमुंद : नगर पालिका अपने स्थापना के 50 साल पूरी कर चुकी है और अब नगर निगम बनने की ओर अग्रसर है. इसके लिए रायपुर की 2 सदस्य टीम सर्वे के लिए महासमुंद पालिका आई थी और उन ग्राम पंचायतों का सर्वे किया है, जिसका नाम नगर निगम के प्रस्ताव के लिए भेजा गया था.
बता दें कि महासमुंद नगर पालिका 8 सितंबर 1968 में बना था, तब कुल 15 वार्ड थे. साल 1984 में 21 वार्ड बने और लगातार बढ़ते रहे और आज 2019 में 30 वार्ड हैं.
नगर निगम में शहर या जिले को तब्दील होने के लिए रायपुर की 2 सदस्य टीम सर्वे के लिए महासमुंद पालिका आई थी और उन ग्राम पंचायतों का सर्वे किया है, जिसका नाम नगर निगम के प्रस्ताव के लिए भेजा गया था.
रायपुर से टीम आई है जांच करने
रायपुर की टीम जांच कर अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है. वहीं उन गांव के भौतिक सत्यापन के लिए दो सदस्यीय टीम के साथ सीएमओ नगर पालिका, तहसीलदार और राजस्वकर्मी ग्रामीण क्षेत्रों का सत्यापन करना कर रहे हैं. बाह्य क्षेत्र के सत्यापन में टीम ने गांव की आबादी, वहां की सुविधाओं के विषय में जानकारी ली है. ऐसे में यदि यह सभी गांव नगर निगम का हिस्सा बने, तो करीब 25 हजार आबादी निकाय क्षेत्र में बढ़ जाएगी.
नगर निगम होने से क्या सुविधा मिलेगी
⦁ नगर निगम के होने से विकास के बड़े प्रोजेक्ट शुरू हो सकेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, पानी और सड़क की स्थिति बेहतर हो सकेगी.
⦁ नगर सहित सभी ग्राम पंचायतों को सुविधा मिलने लगेगी.
⦁ नगरी निकाय से जुड़ जाने पर ग्राम पंचायतों के भूमि की कीमत बढ़ जाएगी.
⦁ अभी कुल 30 वार्डों की संख्या है, जिसे बढ़कर 40 तक हो सकता है.
मूलभूत सुविधाएं मिलें : स्थानीय
लोगों का कहना है कि नगर पालिका हो, चाहे नगर निगम हो मूलभूत सुविधाएं पहले उपलब्ध कराएं और फिर इस तरफ अग्रसर हो.
सभी ग्राम पंचायतों को मिलेगी सुविधा
नगर पालिका अध्यक्ष ने बताया कि अभी पालिका के बाहर कई गांव हैं, जहां पानी की समस्या है, वहां पानी आसानी से उपलब्ध नहीं होता है. जिले के वर्धमान नगर की यही समस्या है कि वहां पानी नहीं मिल पा रहा है. पालिका क्षेत्र में आने से वर्धमान नगर सहित सभी ग्राम पंचायतों को सुविधा मिलेगी.