महासमुंद: जिले के बसना ब्लॉक के ग्राम बरपेलाडीह के मनरेगा मजदूरों को सही समय पर पेमेंट नहीं मिल रहा है. मजदूरों को एक सप्ताह की मजदूरी के लिए सिर्फ 1030 रुपए ही भुगतान किया जा रहा है. जबकि एक सप्ताह की मजदूरी 1351 रुपए होती है. पूरा मेहनताना नहीं मिलने से मजदूर परेशान हैं. वहीं मजदूरों ने पंचायत सचिव पर फर्जी मस्टररोल भरने का भी आरोप लगाया है.
कार्य स्थल पर सुविधाओं की कमी
चंदनमुड़ा तालाब गहरीकरण करीब तीन महीने से जारी है. इसके लिए स्वीकृत राशि 9.86 लाख रुपए है. गांव के सरपंच और रोजगार सहायक ने सूचना फलक (बोर्ड ) तक नहीं लगाया गया. यहीं नहीं कार्यस्थल में मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाएं जैसे छांव, पीने की पानी, प्राथमिक उपचार के लिए फास्टेड बॉक्स (दवा पेटी) का इंतजाम तक नहीं किया गया.
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कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं
ETV भारत की टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां 65 मजदूरों की उपस्थिति बताया गया. जबकि कार्यस्थल में 30 से 35 मजदूर वो भी बिना मास्क काम करते दिखे. मजदूरों के हाथ धोने के लिए न साबुन, हैंडवास, सैनिटाइजर और न पानी की व्यवस्था थी. जबकि बरपेलाडीह गांव में आधा दर्जन से ज्यादा कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस हैं.
कोई देख-रेख करने नहीं आता
मजदूरों ने बताया कि कार्यस्थल पर कोई देख-रेख करने नहीं आते. केवल मेट हर दिन हाजिरी लेने आते हैं. पिछले एक महीने से कोई भी तकनीकी सहायक यहां काम देखने नही आया है. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने काम का पूरा मेहनताना नहीं मिल पा रहहा है. एक सप्ताह की मजदूरी 1351 रुपए होती है , लेकिन उन्हें केवल 1030 रुपए भुगतान किया जा रहा है.
कमी में सुधार लाने दिए जाएंगे निर्देश
मजदूरों को वेतन भुगतान में देरी के संबंध में जनपद पंचायत बसना के कार्यक्रम अधिकारी प्रेमचंद बंजारे ने बताया कि, इस संबंध में वे जांच करेंगे. उन्होंने बताया कि लापरवाही बरतने वाले संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.