महासमुंद: जिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओंं का ऑपरेशन पहले से ही बंद है. अब सोनोग्राफी और दूसरी जांच भी नहीं हो रही है. इसकी वजह से गर्भवती महिलाओं और परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी समस्या को लेकर महासमुंद ब्लॉक की मितानिन गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंची और जिला अस्पताल में सुविधाएं शुरू करने को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
जिला अस्पताल में सोनोग्राफी और ऑपरेश्न शुरू करने की मांग
मितानिन संघ ने सौंपे ज्ञापन में बताया है कि पिछले 12 नवंबर 2020 से गर्भवती महिलाओंं का ऑपरेशन बंद है. सोनोग्राफी भी नहीं हो रही है. जिसके चलते निजी अस्पताल जाना पड़ रहा है. इससे उन्हें ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. मितानिनों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर अस्पताल में सीजर ऑपरेशन और सोनोग्राफी की सुविधा जल्द शुरू करने की मांग की.
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अस्पताल प्रबंधन नहीं कर रहा कोई व्यवस्था
मितानिनों ने बताया कि व्यवस्था के लिए कई बार अस्पताल प्रबंधन से गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. मितानिनों ने बताया कि जब महिलाओं को प्रसव की जांच और प्रसव कराने के लिए अस्पताल लेकर जाते है और वहां व्यवस्थाएं नहीं होने पर उन्हें भला-बुरा कहा जाता है. इसके अलावा रायपुर रेफर कर दिया जाता है. जहां उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
गरीब परिवार ज्यादा प्रभावित
जिला अस्पताल में सोनोग्राफी और सीजर नहीं होने से सबसे अधिक परेशानी गरीब परिवारों को हो रही है. उन्हें शहर के निजी अस्पताल में ऑपरेशन और जांच के लिए मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है. इससे मानसिक, शारीरिक परेशानी और आर्थिक नुकसान हो रहा है. ज्ञापन सौंपने मितानिन चमेली, उम्मे सलमा, राजबती साहू, पार्वती गोस्वामी, रजनी औसर, उषा पटेल, नंदिनी के साथ कई लोग शामिल रहे. मितानिनों ने हफ्तेभर के अंदर अस्पताल में सुविधाएं शुरू नहीं कराने पर धरना देने की चेतावनी दी है.