महासमुंद: जहां एक ओर पूरे देश से प्रवासी मजदूरों के परेशानियों की तस्वीरें सामनें आ रही हैं, तो दूसरी ओर मानपुर ग्राम पंचायत की सरपंच ने मिसाल पेश की है. ओडिशा से लौटे मजदूरों को यहां क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठहराने के साथ ही उनके रोजगार की व्यव्सथा की गई है. जिससे वो रोज पैसे कमा रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूर कामकाज छोड़कर अपने घर लौट रहे हैं. गांव में उन्हें 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. जिसके कारण मजदूरों के उपर आर्थिक संकट और गहरा रहा है. ऐसे में मानपुर ग्राम पंचायत की सरपंच विजयन बंजारे ने अपने गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूरों को ईंट बनाने का काम दिया है.
क्वॉरेंटाइन सेंटर बना मिशाल
जिले में 551 ग्राम पंचायतों में 1540 क्वॉरेंटाइन सेंटर हैं. यहां 7 हजार प्रवासी मजदूर आकर ठहरे हैं. इन्हीं में से एक है मानपुर का क्वॉरेंटाइन सेंटर जो जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर है. गांव की आबादी 12 सौ है और ये एक अनुसूचित जनजाति बहुल गांव है. यहां से 50 लोग दूसर राज्यों में काम के लिए गए थे. जिनमें से 10 लोग वापस आ चुके हैं. सभी को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखकर सरपंच विजयन बंजारे ने उन्हें रोजगार दिया है.
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सरपंच विजयन बंजारे 7 सौ रुपए प्रति हजार ईंट के हिसाब से मजदूरों को पैसा दे रही हैं. सरपंच का कहना है कि अपने पैसे से इन्हें ईंट बनाने का रोजगार उपलब्ध कराया है. सरपंच ने इन ईंटों को अपना घर बनाने और सरकारी कामों में इस्तेमाल करने की बात कही है.
खुश हैं मजदूर
मुश्किल वक्त में विजयन ने अपने पैसों से इनके रोजगार की व्यवस्था की है. लॉकडाउन के दौर में भी इन्हें रोजगार मिल रहा है, जिससे मजदूर खुश हैं. 14 दिन में से 12 दिनों में मजदूर लगभग 20 हजार ईंट बना चुके हैं. जिसके एवज में इन्हें 14 से 15 हजार रुपए का भुगतान भी हो चुका है. मजदूरों ने इसके लिए सरपंच को धन्यवाद दिया है. सरपंच विजयन बंजारे ने लोगों को इससे सीख लेने की सलाह दी है.