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महासमुंद पुलिस ने पलायन कर यूपी जा रहे 15 मजदूरों को ट्रेन से उतारा

छ्त्तीसगढ़ के दूसरे राज्यों में मजदूरी करने के लिए लोगों के पलायन की खबर फिर सामने आई है. पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा मजदूरों को दूसरे राज्य में जाने से रोक दिया.

Mahasamund police stopped migration of laborers
यूपी जा रहे 15 मजदूरों को ट्रेन से उतारा
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 23, 2023, 10:57 PM IST

महासमुंद: महासमुंद जिले से बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन होता रहा है. ताजा मामला बागबाहरा विकासखंड के तेंदूबहरा का है. पुलिस ने दूसरे राज्य में मजदूरी करने जा रहे 15 लोगों को रोका है. सभी 15 मजदूरों को उत्तर प्रदेश ले जाने की तैयारी थी. पुलिस को जैसे ही मजदूरों के पलायन की खबर मिली तुरंत पुलिस महासमुंद रेलवे स्टेशन पर पहुंची. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर ट्रेन से रायपुर रवाना हो रहे 15 मजदूरों को उतार लिया. सभी 15 मजदूरों को पुलिस ने पहले तो भोजन कराया फिर उनके घर भिजवाने का प्रबंध किया.

मजदूरी के लिए क्या कहता है नियम?: अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979 के अंतर्गत मजदूरों को ले जाने के लिए ठेकेदारों को मजदूरों की संख्या सहित पंजीयन कराना होता है. मजदूरों को मजदूरी के लिए कहां ले जाया जा रहा है इसकी भी सूचना श्रम विभाग को दी जाती है. तेंदूबहरा से जिन 15 मजदूरों को रायपुर के रास्ते यूपी ले जाने की तैयारी थी उसकी कोई भी सूचना श्रम विभाग के पास नहीं थी. श्रम विभाग के अधिकारियों पर हमेशा से ये आरोप लगता रहा है कि वो नींद में सोए रहते हैं.

पुलिस की अपनी सफाई: जिले के एसपी का कहना है कि किसी भी मजदूर ने शिकायत नहीं की है. पुलिस का कहना है कि जबतक शिकायत नहीं होती वो कोई भी कार्रवाई ठेकेदार या किसी और पर नहीं कर सकते हैं. आंकड़े बताते हैं कि हर साल दीपावली के मौके पर हजारों मजदूर दूसरे राज्यों में काम के लिए पलायन करते हैं. कोविड काल में तो 65 से 70 हजार मजदूर वापस अपने घर लौटे थे.

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मजदूरी के लिए क्या कहता है नियम?: अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979 के अंतर्गत मजदूरों को ले जाने के लिए ठेकेदारों को मजदूरों की संख्या सहित पंजीयन कराना होता है. मजदूरों को मजदूरी के लिए कहां ले जाया जा रहा है इसकी भी सूचना श्रम विभाग को दी जाती है. तेंदूबहरा से जिन 15 मजदूरों को रायपुर के रास्ते यूपी ले जाने की तैयारी थी उसकी कोई भी सूचना श्रम विभाग के पास नहीं थी. श्रम विभाग के अधिकारियों पर हमेशा से ये आरोप लगता रहा है कि वो नींद में सोए रहते हैं.

पुलिस की अपनी सफाई: जिले के एसपी का कहना है कि किसी भी मजदूर ने शिकायत नहीं की है. पुलिस का कहना है कि जबतक शिकायत नहीं होती वो कोई भी कार्रवाई ठेकेदार या किसी और पर नहीं कर सकते हैं. आंकड़े बताते हैं कि हर साल दीपावली के मौके पर हजारों मजदूर दूसरे राज्यों में काम के लिए पलायन करते हैं. कोविड काल में तो 65 से 70 हजार मजदूर वापस अपने घर लौटे थे.

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