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जेल भरो आंदोलन के साथ आदिवासियों का हल्लाबोल - Balod Ke Baba Balakdas

महासमुंद में सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने जेल भरो आंदोलन किया. आदिवासी बालोद में आदिवासियों पर हुए अत्याचार का विरोध कर रहे (Jail Bharo movement of tribals in Mahasamund) हैं.

Jail Bharo movement of tribals in Mahasamund
जेल भरो आंदोलन के साथ आदिवासियों का हल्लाबोल
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Published : Jun 17, 2022, 6:12 PM IST

महासमुंद : जिले मे सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले जिले के आदिवासी समाज के लोगों ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर पटवारी कार्यालय के सामने धरना (Nine point demand of tribals in Mahasamund) दिया. धरने के बाद आदिवासी समाज ने जुलूस निकालकर अस्थायी जेल में गिरफ्तारी ((Jail Bharo movement of tribals in Mahasamund)) दी. आदिवासी समाज के जेल भरो आंदोलन को देखकर पुलिस प्रशासन बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था.

क्यों हुआ आंदोलन : सर्व आदिवासी समाज (Sarva Adivasi Samaj Chhattisgarh) के आंदोलन करने के पीछे इनकी मांगे है कि ''एक व्यक्ति बालकदास (Balod Ke Baba Balakdas) ने बालोद जिले के डौंडी ब्लॉक में आदिवासी समाज के जामड़ी पाठ को परिवर्तित कर पाटेश्वरधाम बनाया है.वहीं 1 मई को ग्राम तुएगोंदी में आदिवासी समाज के पारंपरिक पूजापाठ में गुंडे बुलाकर तलवार, लाठी ,कांच की बोतलों और पत्थरों से आदिवासियों पर प्राणघातक हमला करवाया गया है. लेकिन इस अपराध के बाद भी बालकदास पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. .इसी तरह महासमुंद जिले के पिथौरा में बूढ़ादेव देवालय और समाधिस्थल पर की गई तोड़फोड़ के आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई.जिसके खिलाफ अब आदिवासी समाज एकजुट हुआ है.

ये भी पढ़ें- आखिर क्यों बालोद में जारी हुआ हाई अलर्ट ?

प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार की बात : सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष का कहना है कि '' छग आदिवासी बाहुल्य एवं पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के विशेष संवैधानिक अधिकार के बावजूद छग में आदिवासी समाज पर अत्याचार प्रताड़ना बढ़ता जा रहा है. न्याय के लिए सरकार से मांग किए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन किया जाएगा ''

महासमुंद : जिले मे सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले जिले के आदिवासी समाज के लोगों ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर पटवारी कार्यालय के सामने धरना (Nine point demand of tribals in Mahasamund) दिया. धरने के बाद आदिवासी समाज ने जुलूस निकालकर अस्थायी जेल में गिरफ्तारी ((Jail Bharo movement of tribals in Mahasamund)) दी. आदिवासी समाज के जेल भरो आंदोलन को देखकर पुलिस प्रशासन बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था.

क्यों हुआ आंदोलन : सर्व आदिवासी समाज (Sarva Adivasi Samaj Chhattisgarh) के आंदोलन करने के पीछे इनकी मांगे है कि ''एक व्यक्ति बालकदास (Balod Ke Baba Balakdas) ने बालोद जिले के डौंडी ब्लॉक में आदिवासी समाज के जामड़ी पाठ को परिवर्तित कर पाटेश्वरधाम बनाया है.वहीं 1 मई को ग्राम तुएगोंदी में आदिवासी समाज के पारंपरिक पूजापाठ में गुंडे बुलाकर तलवार, लाठी ,कांच की बोतलों और पत्थरों से आदिवासियों पर प्राणघातक हमला करवाया गया है. लेकिन इस अपराध के बाद भी बालकदास पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. .इसी तरह महासमुंद जिले के पिथौरा में बूढ़ादेव देवालय और समाधिस्थल पर की गई तोड़फोड़ के आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई.जिसके खिलाफ अब आदिवासी समाज एकजुट हुआ है.

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प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार की बात : सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष का कहना है कि '' छग आदिवासी बाहुल्य एवं पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के विशेष संवैधानिक अधिकार के बावजूद छग में आदिवासी समाज पर अत्याचार प्रताड़ना बढ़ता जा रहा है. न्याय के लिए सरकार से मांग किए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन किया जाएगा ''

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