महासमुंद: जिले में रेत माफिया धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन (illegal sand mining) और भंडारण कर रहे हैं. वहीं खनिज विभाग के आला अधिकारी नींद में सोये हुए हैं. यही कारण है कि सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि की शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. ताजा मामला सांकरा के जोंक नदी का है. जहां नियमों को ताक पर रखकर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है.
इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष अधिकारियों पर मिली भगत का आरोप लगा रही हैं. वहीं आला अधिकारियों ने आरोपों पर कुछ भी नहीं कहा. वे कार्रवाई किए जाने का रटा-रटाया राग अलाप रहे हैं.
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महासमुंद जिले में 11 रेत घाट स्वीकृत हैं. 18 लोगों को 10.61 हेक्टेयर में 81000 टन रेत भंडारण की अनुमति है. वर्तमान में जिले के सभी रेत घाट बरसात के कारण 15 अक्टूबर तक बंद है. उसके बावजूद रेत माफिया उत्खनन और भंडारण कर रहे हैं. जहां भंडारण की अनुमति ली गई है, उससे ज्यादा रेत का भंडारण अन्य जगहों पर करके रेत का पहाड़ बना दिया गया है.जिससे शासन को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.
5 हजार टन रेत भंडारण की अनुमति
शासकीय रिकॉर्ड के अनुसार सांकरा में दिव्या उप्पल को खसरा नं 341,342 के 0.90 हेक्टेयर में 5 हजार टन रेत भंडारण की अनुमति है. इसके अलावा कई रेत माफिया और भी जगहों पर हजारों डंफर रेत का भंडारण अवैध रूप से कर रखे हैं. जिसकी शिकायत जिला पंचायत अध्यक्ष कई बार खनिज अधिकारी से कर चुकीं हैं. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.