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महासमुंद में गुरुनानक जयंती के अवसर पर धूमधाम से निकाली गई शोभायात्रा

महासमुंद में गुरुनानक देव की 550वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई. सिख समाज के लोगों ने गाजे बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली.

शोभायात्रा
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Published : Nov 12, 2019, 7:04 AM IST

Updated : Nov 12, 2019, 7:52 AM IST

महासमुंद: शहर में सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव की 550वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई. सिख समाज के लोगों ने गुरुद्वारे से गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकालकर नगर भ्रमण किया. शोभायात्रा से पहले समाज के लोगों ने सड़कों की साफ-सफाई की.

शोभायात्रा

हर बार की तरह इस साल भी गुरुनानक जयंती के 13 दिन पहले रोज प्रभात फेरी निकाली गई. गुरुनानक जयंती के अवसर पर निकाली गई यात्रा का नगर के अन्य धर्म के लोगों ने कई जगह स्वागत किया. गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के पीछे-पीछे समाज का विशाल समूह गुरुनानक देव की जय-कारे से साथ नगर भ्रमण में शामिल हुआ.

ऐसी है मान्यता

ऐसा माना जाता है कि गुरुनानक देव सिखों के पहले गुरु हैं, जिन्होंने सिख धर्म की स्थापना की. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनका जन्म 1526 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. इसी दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन गुरुद्वारे में शबद-कीर्तन किया जाता है और जगह-जगह लंगर की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शहर के कई स्थानों पर लंगर दिया गया.

महासमुंद: शहर में सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव की 550वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई. सिख समाज के लोगों ने गुरुद्वारे से गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकालकर नगर भ्रमण किया. शोभायात्रा से पहले समाज के लोगों ने सड़कों की साफ-सफाई की.

शोभायात्रा

हर बार की तरह इस साल भी गुरुनानक जयंती के 13 दिन पहले रोज प्रभात फेरी निकाली गई. गुरुनानक जयंती के अवसर पर निकाली गई यात्रा का नगर के अन्य धर्म के लोगों ने कई जगह स्वागत किया. गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के पीछे-पीछे समाज का विशाल समूह गुरुनानक देव की जय-कारे से साथ नगर भ्रमण में शामिल हुआ.

ऐसी है मान्यता

ऐसा माना जाता है कि गुरुनानक देव सिखों के पहले गुरु हैं, जिन्होंने सिख धर्म की स्थापना की. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनका जन्म 1526 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. इसी दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन गुरुद्वारे में शबद-कीर्तन किया जाता है और जगह-जगह लंगर की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शहर के कई स्थानों पर लंगर दिया गया.

Intro:एंकर - सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव की 550 वी जयंती महासमुंद में धूमधाम से मनाई गई सिख समाज के लोगों ने गुरुद्वारे से गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकालकर नगर भ्रमण किया शोभायात्रा जिस मार्ग से गुजरा वहां पर समाज की महिलाओं पुरुषों और बच्चों ने सड़कों की सफाई की हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गुरुनानक जयंती के 13 दिन पहले रोज प्रभात फेरी निकाली गई गुरुनानक जयंती के अवसर पर निकाली गई यात्रा का नगर के अन्य धर्म के लोगों ने कई जगह स्वागत किया।


Body: ऐसा माना जाता है की गुरुनानक देव सिखों के पहले गुरु है जिन्होंने सिख धर्म की स्थापना की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनका जन्म 1526 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था इसी दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है इस दिन गुरुद्वारे में शब्द कीर्तन करते हैं और जगह-जगह लंगर की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शहर के कई स्थानों पर लंगर दिया गया फूलों की पालकी श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के पीछे पीछे समाज का विशाल समूह गुरुनानक देव की जय करे से साथ नगर भ्रमण में शामिल हुए।


Conclusion:बाइट 1 - कुलवंत चावला सिख समाज

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो. 9826555052
Last Updated : Nov 12, 2019, 7:52 AM IST
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