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हाथियों के आतंक से ग्रामीण हैं परेशान, करेंगे लोकसभा चुनाव का बहिष्कार - हाथियों का आतंक से परेशान है गांववाले

महासमुंद: हाथियों के आतंक और उत्पात के कारण ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया है. ग्रामीणों का कहना है कि वे हाथियों को लेकर बहुत ज्यादा परेशान हैं क्योंकि इससे उनका जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है.

महासमुंद
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Published : Apr 1, 2019, 9:32 PM IST

लोगों ने किया लोकसभा चुनाव का बहिष्कार
महासमुंद: हाथियों के आतंक और उत्पात के कारण ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया है. ग्रामीणों का कहना है कि वे हाथियों को लेकर बहुत ज्यादा परेशान हैं क्योंकि इससे उनका जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है.स्थिति यह है कि अब उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि जिस खेती के जरिए उनका जीवन यापन होता था, उन खेतों को हाथियों ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है.

बता दें कि गांव जोगा के ग्रामीणों ने तय किया है कि जब तक हाथियों से उन्हें राहत नहीं मिल जाती और शासन उन्हें एक परमानेंट सॉल्यूशन नहीं देता, तब तक वह शांत नहीं बैठेंगे.

23 मार्च को किया था नेशनल हाईवे जाम
इसके पहले ग्रामीणों ने 23 मार्च को नेशनल हाईवे जाम किया था, जिस पर शासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि वह जल्द ही कुछ रास्ता निकालेगा पर अभी तक कुछ नहीं होने पर ग्रामीणों ने तय किया है कि वह लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. इसे लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर सुनील जैन से मुलाकात कर तीन बिंदुओं पर आवेदन सौंपा है.

मामले में महासमुंद जनपद अध्यक्ष धरमदास महिलांग अध्यक्षता कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे. उनका कहना है कि, 'मैं जनप्रतिनिधि तो हूं पर शासन के लोग मेरी भी बात नहीं सुनते'. हाथियों से निजात नहीं, तो लोकसभा में मतदान भी नहीं.

लोगों ने किया लोकसभा चुनाव का बहिष्कार
महासमुंद: हाथियों के आतंक और उत्पात के कारण ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का एलान किया है. ग्रामीणों का कहना है कि वे हाथियों को लेकर बहुत ज्यादा परेशान हैं क्योंकि इससे उनका जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है.स्थिति यह है कि अब उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि जिस खेती के जरिए उनका जीवन यापन होता था, उन खेतों को हाथियों ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है.

बता दें कि गांव जोगा के ग्रामीणों ने तय किया है कि जब तक हाथियों से उन्हें राहत नहीं मिल जाती और शासन उन्हें एक परमानेंट सॉल्यूशन नहीं देता, तब तक वह शांत नहीं बैठेंगे.

23 मार्च को किया था नेशनल हाईवे जाम
इसके पहले ग्रामीणों ने 23 मार्च को नेशनल हाईवे जाम किया था, जिस पर शासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि वह जल्द ही कुछ रास्ता निकालेगा पर अभी तक कुछ नहीं होने पर ग्रामीणों ने तय किया है कि वह लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. इसे लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर सुनील जैन से मुलाकात कर तीन बिंदुओं पर आवेदन सौंपा है.

मामले में महासमुंद जनपद अध्यक्ष धरमदास महिलांग अध्यक्षता कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे. उनका कहना है कि, 'मैं जनप्रतिनिधि तो हूं पर शासन के लोग मेरी भी बात नहीं सुनते'. हाथियों से निजात नहीं, तो लोकसभा में मतदान भी नहीं.

Intro:एंकर- हाथियों का आतंक और हाथियों का उत्पात लंबे समय से ग्राम जोबा ,अछोला,व सिरपुर मे चल रहा है वहां के ग्रामीण हाथियों को लेकर बहुत ज्यादा परेशान है क्योंकि उनका जनजीवन है पूरी तरह प्रभावित हो रहा है स्थिति यह है कि अब उनके पास खाने के लिए भी चीजें नहीं है क्योंकि जिस खेती के जरिए उनका जीवन यापन होता था उन खेतों को हाथियों ने पूरी तरह बर्बाद कर दिया और तो और लोगों को मौत का डर बना रहता है लोग काम में नहीं जाते खेत पूरी तरह बर्बाद है और वही सरकार से जो सहायता मिलना चाहिए वह भी नाम मात्र की है
ग्राम जोगा के ग्रामीणों ने तय किया है की जब तक हाथियों से उन्हें राहत नहीं मिल जाती और शासन उन्हें एक परमानेंट सॉल्यूशन नहीं देता तब तक वह शांत नहीं बैठेंगे उसी के चलते ग्रामीणों ने 23 तारीख को नेशनल हाईवे को जाम करने की कोशिश की जिस पर शासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही कुछ रास्ता निकालेंगे पर अभी तक कुछ ना होने पर आज वहां के ग्रामीणों ने तय किया है कि वह इस लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे जब तक शासन उनकी बात नहीं सुनेगा वह इस चुनाव में अपनी सहभागिता नहीं निभाएंगे इसी के चलते उन्होंने आज महासमुंद कलेक्ट्रेट में कलेक्टर सुनील जैन से मुलाकात की वह अपना आवेदन दिया 3 बिंदु के आवेदन में उन्होंने बहुत सारी चीजों का उल्लेख किया है कि जहां पर हाथी आके रुके हैं वहां पर कोई इमारती लकड़ी नहीं है तो उसके मूड काट कर उस जगह को साफ किया जाए जिससे हाथी वहां नहीं आएंगे रवि फसल का मुआवजा मिले जिससे किसान को राहत मिल सके वह अपना जीवन यापन कर सके।
यहां पर एक बात बताना बहुत जरूरी होगा की महासमुंद जनपद अध्यक्ष धरमदास महिलाग भी इस पूरे कार्यक्रम में शामिल रहे और चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं उनका कहना है कि मैं जनप्रतिनिधि तो हूं पर शासन के लोग मेरी भी बात नहीं सुनते और पहले में किसान और ग्रामीण हूं बाद में जनप्रतिनिधि किसानों की लड़ाई मेरी अपनी लड़ाई है हाथियों से निजात नहीं तो लोकसभा में मतदान नहीं।


Body:one2one - धरमदास महिलांग बाइट क्रमांक 121131
बाइट 2 - सुनील कुमार जैन कलेक्टर महासमुंद बाइट क्रमांक 122608


Conclusion:
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