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EXCLUSIVE: बिना इजाजत चल रहा स्कूल, बिना मास्क के पढ़ते दिखे छात्र

शासन से बिना आदेश लिए शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तुमगांव को संचालित किया जा रहा है. ETV भारत ने जब स्कूल पहुंच कर हालातों का जायजा लिया तो कई लापरवाही सामने आई है. जिला शिक्षा अधिकारी ने भी इसे गलत माना है. साथ ही कार्रवाई करने की बात कही है.

School operation during  Corona period
कोरोना काल में स्कूल का संचालन
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Published : Oct 8, 2020, 7:55 PM IST

Updated : Oct 8, 2020, 9:40 PM IST

महासमुंद: करोना वायरस संक्रमण के कारण राज्य शासन ने प्रदेश के सभी स्कूलों को बंद कर रखा है. ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. शासन के निर्देशों के बीच कोरोना महामारी के दौर में एक सरकारी स्कूल का संचालन किया जा रहा है. बता दें ETV भारत ने जब स्कूल पहुंच कर हालातों का जायजा लिया तो कई लापरवाही सामने आई है. जिला शिक्षा अधिकारी को भी स्कूल संचालन किए जाने की बात से अवगत कराया गया है.

कोरोना काल में स्कूल का संचालन

पूरा मामला महासमुंद मुख्यालय से मात्र 12 किलोमीटर दूर स्थित है शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तुमगांव का है. ETV भारत की टीम ने जायजा लिया तो पाया कि स्कूल में ज्यादातर बच्चे बिना मास्क के और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के कक्षा में बैठे हुए थे. शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे थे. मामले को लेकर स्कूल के प्राचार्य से बात की गई. प्राचार्य का कहना है कि शासन के गाइड लाइन के अनुसार स्कूल संचालित नहीं किया जा रहा है. यहां बच्चों को मार्गदर्शन देने के लिए बुलाया गया है.

Violation of social distance rules
सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना संकट से सुपोषण अभियान को झटका, 20 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित

बिना आदेश-निर्देश चल रहा स्कूल

ETV भारत से बात करने के दौरान शिक्षकों ने माना कि स्कूल का संचालन फिलहाल ठीक नहीं है, लेकिन शिक्षा सत्र का टाइम टेबल बन जाने के कारण बच्चों को पढ़ा रहे हैं. वहीं स्कूल के प्राचार्य अलग-अलग कक्षा में लगभग 150 से 200 बच्चों को मार्गदर्शन देने की बात कहते हुए शासन से स्कूल संचालित करने के कोई आदेश नहीं होने के बात कह रहे हैं.

Studying without a mask
बिना मास्क के हो रही पढ़ाई

कार्रवाई के निर्देश जारी

कोरोना काल में स्कूल संचालन को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि घटना मेरे संज्ञान में नहीं है. स्कूल संचालित हो रही है, लेकिन शासन से कोई आदेश नहीं दिया है. हमारी ओर से भी स्कूल के संचालन को लेकर कोई आदेश नहीं दिए गए हैं. ऐसा हो रहा है तो गलत है. मामले में नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लिया जाएगा. उसके बाद आगे की कार्रवाई भी की जाएगी.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में इस साल नहीं मनाया जाएगा राज्योत्सव, भूपेश कैबिनेट का फैसला

कई विकल्प मौजूद

करोना वायरस संक्रमण के दौर को देखते हुए राज्य शासन ने मार्च में ही प्रदेश के सभी स्कूलों को बंद कर दिया था. पढ़ई तुंहर दुआर, मोहल्ला क्लास, लाउड स्पीकर के जरिए पढ़ाई के विकल्प तलाशे गए. शिक्षक ऑनलाइन क्लास या फिर गांव-गांव में जाकर पढ़ा रहे हैं. शासन ने बीच में एक गाइडलाइन जारी किया कि 9वीं से 12वीं तक के बच्चे डाउट क्लियर के लिए पालक की अनुमति से स्कूल में पत्र देकर बच्चे स्कूल जाकर शिक्षक से डाउट क्लियर कर सकते हैं. इसी को आधार मानकर इस स्कूल के प्राचार्य ने 3 अक्टूबर से स्कूल का संचालन शुरू कर दिया.

पढ़ें: गरियाबंद: गर्म भोजन नहीं देने पर महिला बाल विकास अधिकारी को कारण बताओ नोटिस

जिला शिक्षा अधिकारी के बिना संज्ञान स्कूल का संचालन हो रहा है. 150 से 200 बच्चे स्कूल में 3 दिन से पढ़ने आ रहे हैं. ऐसे में प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. कोरोना वायरस इन दिनों प्रदेश में तेजी से फैल रहा है. ETV भारत मानता है कि बच्चों की पढ़ाई जरूरी है. लेकिन स्कूल प्रबंधन को यह समझना होगा कि बच्चे हमारे भारत के भविष्य हैं. संक्रमण काल में छोटी सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है. बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार ने कई विकल्प तलाशे हैं. प्रबंधन को इन विकल्पों पर ध्यान देने की जरूरत है. बच्चों के जीवन को इस तरह खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए.

महासमुंद: करोना वायरस संक्रमण के कारण राज्य शासन ने प्रदेश के सभी स्कूलों को बंद कर रखा है. ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. शासन के निर्देशों के बीच कोरोना महामारी के दौर में एक सरकारी स्कूल का संचालन किया जा रहा है. बता दें ETV भारत ने जब स्कूल पहुंच कर हालातों का जायजा लिया तो कई लापरवाही सामने आई है. जिला शिक्षा अधिकारी को भी स्कूल संचालन किए जाने की बात से अवगत कराया गया है.

कोरोना काल में स्कूल का संचालन

पूरा मामला महासमुंद मुख्यालय से मात्र 12 किलोमीटर दूर स्थित है शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तुमगांव का है. ETV भारत की टीम ने जायजा लिया तो पाया कि स्कूल में ज्यादातर बच्चे बिना मास्क के और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के कक्षा में बैठे हुए थे. शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे थे. मामले को लेकर स्कूल के प्राचार्य से बात की गई. प्राचार्य का कहना है कि शासन के गाइड लाइन के अनुसार स्कूल संचालित नहीं किया जा रहा है. यहां बच्चों को मार्गदर्शन देने के लिए बुलाया गया है.

Violation of social distance rules
सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना संकट से सुपोषण अभियान को झटका, 20 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित

बिना आदेश-निर्देश चल रहा स्कूल

ETV भारत से बात करने के दौरान शिक्षकों ने माना कि स्कूल का संचालन फिलहाल ठीक नहीं है, लेकिन शिक्षा सत्र का टाइम टेबल बन जाने के कारण बच्चों को पढ़ा रहे हैं. वहीं स्कूल के प्राचार्य अलग-अलग कक्षा में लगभग 150 से 200 बच्चों को मार्गदर्शन देने की बात कहते हुए शासन से स्कूल संचालित करने के कोई आदेश नहीं होने के बात कह रहे हैं.

Studying without a mask
बिना मास्क के हो रही पढ़ाई

कार्रवाई के निर्देश जारी

कोरोना काल में स्कूल संचालन को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि घटना मेरे संज्ञान में नहीं है. स्कूल संचालित हो रही है, लेकिन शासन से कोई आदेश नहीं दिया है. हमारी ओर से भी स्कूल के संचालन को लेकर कोई आदेश नहीं दिए गए हैं. ऐसा हो रहा है तो गलत है. मामले में नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लिया जाएगा. उसके बाद आगे की कार्रवाई भी की जाएगी.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में इस साल नहीं मनाया जाएगा राज्योत्सव, भूपेश कैबिनेट का फैसला

कई विकल्प मौजूद

करोना वायरस संक्रमण के दौर को देखते हुए राज्य शासन ने मार्च में ही प्रदेश के सभी स्कूलों को बंद कर दिया था. पढ़ई तुंहर दुआर, मोहल्ला क्लास, लाउड स्पीकर के जरिए पढ़ाई के विकल्प तलाशे गए. शिक्षक ऑनलाइन क्लास या फिर गांव-गांव में जाकर पढ़ा रहे हैं. शासन ने बीच में एक गाइडलाइन जारी किया कि 9वीं से 12वीं तक के बच्चे डाउट क्लियर के लिए पालक की अनुमति से स्कूल में पत्र देकर बच्चे स्कूल जाकर शिक्षक से डाउट क्लियर कर सकते हैं. इसी को आधार मानकर इस स्कूल के प्राचार्य ने 3 अक्टूबर से स्कूल का संचालन शुरू कर दिया.

पढ़ें: गरियाबंद: गर्म भोजन नहीं देने पर महिला बाल विकास अधिकारी को कारण बताओ नोटिस

जिला शिक्षा अधिकारी के बिना संज्ञान स्कूल का संचालन हो रहा है. 150 से 200 बच्चे स्कूल में 3 दिन से पढ़ने आ रहे हैं. ऐसे में प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. कोरोना वायरस इन दिनों प्रदेश में तेजी से फैल रहा है. ETV भारत मानता है कि बच्चों की पढ़ाई जरूरी है. लेकिन स्कूल प्रबंधन को यह समझना होगा कि बच्चे हमारे भारत के भविष्य हैं. संक्रमण काल में छोटी सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है. बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार ने कई विकल्प तलाशे हैं. प्रबंधन को इन विकल्पों पर ध्यान देने की जरूरत है. बच्चों के जीवन को इस तरह खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए.

Last Updated : Oct 8, 2020, 9:40 PM IST
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