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महासमुंद : कस्टम मिलिंग के नाम पर सरकारी धान की कालाबाजारी का खुलासा - black marketing in name of custom milling

खाद्य विभाग की टीम ने घोड़ारी स्थित NL राइस इंडस्ट्रीज पर छापा मारा. वहां से कस्टममिलिंग के नाम पर सरकारी धान की धड़ल्ले से कालाबाजारी का मामला उजागर हुआ है. राइसमिल से 302 क्विंटल धान जब्त किया गया है.

सरकारी धान की धड़ल्ले से कालाबाजारी
सरकारी धान की धड़ल्ले से कालाबाजारी
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Published : Jan 29, 2020, 7:27 PM IST

Updated : Jan 29, 2020, 9:15 PM IST

महासमुंद : कस्टममिलिंग के नाम पर सरकारी धान की धड़ल्ले से कालाबाजारी कर शासन को करोड़ों रुपए की चपत लगाई गई है. सोसाइटी का धान ऐसे राइसमिल में लाया जा रहा है जिसने कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन नहीं कराया है. मामले का खुलासा छापेमारी में जब्त धान से हुआ है. जब्त बारदाने के बोरों पर सोसाइटी की मुहर लगी है.

कस्टममिलिंग के नाम पर सरकारी धान की कालाबाजारी

बता दें कि खाद्य विभाग को सूचना मिली थी कि सोसाइटी के धान की कालाबाजारी की जा रही है, जिसके बाद खाद्य विभाग की टीम ने घोड़ारी स्थित NL राइस इंडस्ट्रीज पर छापा मारा. वहां 4026 क्विंटल धान और 366 क्विंटल चावल पाया गया. इसमें 756 बोरे में मामा भांजा सोसाइटी की मुहर लगी थी.

पढ़ें: झीरम आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट ने भी की खारिज

जांच में सामने आया कि NL राइस इंडस्ट्रीज का कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन नहीं हुआ है. इसके बावजूद सोसाइटी का धान राइसमिल में मिलना कस्टम मिलिंग अधिनियम का उल्लंघन है. विभाग की टीम ने राइसमिल से 302 क्विंटल धान जब्त किया है.

महासमुंद : कस्टममिलिंग के नाम पर सरकारी धान की धड़ल्ले से कालाबाजारी कर शासन को करोड़ों रुपए की चपत लगाई गई है. सोसाइटी का धान ऐसे राइसमिल में लाया जा रहा है जिसने कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन नहीं कराया है. मामले का खुलासा छापेमारी में जब्त धान से हुआ है. जब्त बारदाने के बोरों पर सोसाइटी की मुहर लगी है.

कस्टममिलिंग के नाम पर सरकारी धान की कालाबाजारी

बता दें कि खाद्य विभाग को सूचना मिली थी कि सोसाइटी के धान की कालाबाजारी की जा रही है, जिसके बाद खाद्य विभाग की टीम ने घोड़ारी स्थित NL राइस इंडस्ट्रीज पर छापा मारा. वहां 4026 क्विंटल धान और 366 क्विंटल चावल पाया गया. इसमें 756 बोरे में मामा भांजा सोसाइटी की मुहर लगी थी.

पढ़ें: झीरम आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट ने भी की खारिज

जांच में सामने आया कि NL राइस इंडस्ट्रीज का कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन नहीं हुआ है. इसके बावजूद सोसाइटी का धान राइसमिल में मिलना कस्टम मिलिंग अधिनियम का उल्लंघन है. विभाग की टीम ने राइसमिल से 302 क्विंटल धान जब्त किया है.

Intro:एंकर- कस्टम मिलिंग के नाम पर धड़ल्ले से सरकारी धान का अफरा-तफरी कर शासन को करोड़ों का चूना लगाने का खेल महासमुंद जिले में खेला जा रहा है जी हां ऐसा ही एक मामला जिले में सामने आया है राइस मिल का कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन कराये बगैर ही सोसाइटी का धान राइस मिल में आ रहा है इसका खुलासा छापे मार कार्यवाही के बाद जप्त किए धान के बारदाने पर लगे सोसाइटी के मोहर से हुआ है।


Body:वीओ 1 - आपको बता दें कि खाद्य विभाग को सूचना मिली थी कि सोसाइटी के धान की कालाबाजारी की जा रही है उसके बाद सूचना पर खाद्य विभाग की टीम ने घोड़ा री स्थित एनएल राइस इंडस्ट्रीज पर छापा मारा तो वहां पर 4026 क्विंटल धान व 366 कुंटल चावल पाया गया जिसमें 756 बोरे में मामा भांजा सोसाइटी का मोहर लगा हुआ था जांच में पता चला कि एन एल राइस इंडस्ट्रीज का कस्टम मिलिंग के लिए पंजीयन नहीं है उसके बावजूद सोसाइटी का धान राइस मिल में मिलना कस्टम मिलिंग अधिनियम का उल्लंघन है उसके बाद खाद्य विभाग की टीम राइस मिल में 302 क्विंटल धान जप्त कर जांच कर रही है।


Conclusion:बाइट 1 - अजय यादव जिला खाद्य अधिकारी महासमुंद

हकीमुद्दीन नासिर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़
Last Updated : Jan 29, 2020, 9:15 PM IST
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