महासमुंद: बिना परमिशन के क्वॉरेंटाइन सेंटर का निरीक्षण करना बीजेपी कार्यकर्ताओं को भारी पड़ रहा है. बीजेपी के 12 कार्यकर्ताओं को होम क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है. साथ ही उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है. जिसपर प्रदेश में बीजेपी-कांग्रेस एक बार फिर आमने-सामने आ गई है. बीजेपी इसे 'बदलापुर की राजनीति' का नाम दे रही है. वहीं कांग्रेस इसे 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे' बता रही है.
दरअसल, भाजपा के नेता सरायपाली विधानसभा क्षेत्र के कलेणडा गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचे थे. भाजपा नेताओं का कहना है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर जाने की वजह महिला की मौत है, जो कुछ दिन पहले क्वॉरेंटाइन सेंटर के अंदर हुई थी. भाजपा नेताओं का आरोप है कि महिला के रहने, खाने की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण उसकी मौत हुई है. इसकी जांच के लिए वे इस सेंटर का दौरा करने पहुंचे थे.
पढ़ें : लापरवाही: 12 घंटे से हॉस्पिटल में एडमिट होने का इंतजार कर रहे हैं कोरोना पॉजिटिव 8 मरीज
अब इस पूरे मामले में भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस बदलापुर की राजनीति के तहत यह सब करवा रही है. प्रशासन अपनी लापरवाही को छुपाने के लिए इस तरह का काम कर रहा है. क्योंकि उस महिला की मौत प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई है.
'एक सस्ती राजनीति कर रहे हैं'
वहीं कांग्रेस की जिला अध्यक्ष रश्मि चंद्राकर का कहना है कि 110 सेंटर में कहीं भी जाने के पहले परमिशन लेना जरूरी है. यदि इतना ही जनता का ध्यान होता तो लॉकडाउन के 2 महीने भाजपा वाले कहां थे. वह एक सस्ती राजनीति कर रहे हैं, जो कि गलत है. ऐसे लोगों पर FIR तो होनी ही चाहिए.
जांच के बाद आगे की कार्रवाई
भाजपा के क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंचने की जानकारी सराईपाली एसडीएम को लगते ही वे सेंटर पहुंचे. कलेक्टर कार्तिकेय गोयल के आदेश पर सभी नेताओं का रैपिड टेस्ट किट से जांच की गई. लेकिन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में रहने के लिए कहा गया. पुलिस अधीक्षक का कहना है कि जांच के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी.