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किसान परेशान फसल बीमा की राशि नहीं मिलने पर दर-दर भटक रहे हैं किसान - नहीं मिला फसल बीमा का क्लेम

महासमुंद में बीमा कंपनी की मनमानी से किसान परेशान हैं. बीमा का क्लेम लेने के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है.

किसानों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jul 16, 2019, 2:33 PM IST

Updated : Jul 16, 2019, 2:58 PM IST

महासमुंद: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है. बुंदेली गांव में 246 किसानों के नाम पर फसल बीमा की लगभग 60 लाख की राशि स्वीकृत हुई पर गांव के मात्र 79 लोगों को ही फसल बीमा की क्षतिपूर्ति राशि मिली है.

किसानों ने किया प्रदर्शन

बाकी बचे 157 किसान फसल बीमा की क्षतिपूर्ति के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर है. किसानों ने 2018-19 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गांव के 528 सिचिंत और असिंचित भूमि के किसानों ने सोसाइटी से बीमा कराया था. कई बार शिकायत के बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

नहीं दूर हो रही परेशानी
निजी फसल बीमा कंपनी ने नियमानुसार फसल क्षतिपूर्ति का आकलन भी किया गया, जिसमें 246 संचित किसानों के नाम फसल बीमा कंपनी ने 59 लाख 95 हजार 381 रुपये की क्षतिपूर्ति राशि जारी किया, जिसमें से 89 किसानों को 12 लाख 48 हजार की फसल क्षतिपूर्ति मिली है, बाकी 157 किसानों को 47 लाख 47 हजार 381 रुपये की राशि आज तक नहीं मिली. किसानों का कहना है कि 'जनपद के कृषि विस्तार अधिकारी से शिकायत करने पर कहा जाता है कि बीमा कंपनी या फिर कलेक्टर से जाकर मिलिए'.

'बीमा कंपनी से क्षतिपूर्ति देने के कहा गया'
मामले में कृषि विभाग के उपसंचालक का कहना है कि 'शिकायत सही है और जिलास्तर पर गठित डीएमटी समिति की बैठक में इसे संज्ञान में लेकर बीमा कंपनी को फसल क्षतिपूर्ति की राशि देने के लिए कहा गया है'. गौरतलब है कि बीमा कंपनी की मनमानी और लापरवाही के कारण सैकड़ों किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जो बीमा कंपनी के कार्यप्रणाली को दर्शाता है.

महासमुंद: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है. बुंदेली गांव में 246 किसानों के नाम पर फसल बीमा की लगभग 60 लाख की राशि स्वीकृत हुई पर गांव के मात्र 79 लोगों को ही फसल बीमा की क्षतिपूर्ति राशि मिली है.

किसानों ने किया प्रदर्शन

बाकी बचे 157 किसान फसल बीमा की क्षतिपूर्ति के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर है. किसानों ने 2018-19 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गांव के 528 सिचिंत और असिंचित भूमि के किसानों ने सोसाइटी से बीमा कराया था. कई बार शिकायत के बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

नहीं दूर हो रही परेशानी
निजी फसल बीमा कंपनी ने नियमानुसार फसल क्षतिपूर्ति का आकलन भी किया गया, जिसमें 246 संचित किसानों के नाम फसल बीमा कंपनी ने 59 लाख 95 हजार 381 रुपये की क्षतिपूर्ति राशि जारी किया, जिसमें से 89 किसानों को 12 लाख 48 हजार की फसल क्षतिपूर्ति मिली है, बाकी 157 किसानों को 47 लाख 47 हजार 381 रुपये की राशि आज तक नहीं मिली. किसानों का कहना है कि 'जनपद के कृषि विस्तार अधिकारी से शिकायत करने पर कहा जाता है कि बीमा कंपनी या फिर कलेक्टर से जाकर मिलिए'.

'बीमा कंपनी से क्षतिपूर्ति देने के कहा गया'
मामले में कृषि विभाग के उपसंचालक का कहना है कि 'शिकायत सही है और जिलास्तर पर गठित डीएमटी समिति की बैठक में इसे संज्ञान में लेकर बीमा कंपनी को फसल क्षतिपूर्ति की राशि देने के लिए कहा गया है'. गौरतलब है कि बीमा कंपनी की मनमानी और लापरवाही के कारण सैकड़ों किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जो बीमा कंपनी के कार्यप्रणाली को दर्शाता है.

Intro:एंकर-- प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है जी हां ऐसा ही एक मामला महासमुंद जिले में सामने आया है जहां शासकीय रिकॉर्ड में ग्राम में 246 किसानों के नाम में फसल बीमा की लगभग 60 लाख की राशि स्वीकृत हुई पर गांव के मात्र 79 लोगों को ही फसल बीमा की क्षतिपूर्ति राशि मिली है शेष 157 किसान फसल बीमा की क्षतिपूर्ति के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर है देखिए एक रिपोर्ट...


Body:
वीओ 1 - महासमुंद कलेक्टर कार्यालय के बाहर ग्राम बुंदेली के यह वह किसान खड़े हैं जो वर्ष 2018 -19 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सोसाइटी से बीमा कर आए थे ग्राम बुंदेली के 528 सिंचित व असिंचित किसानों ने बीमा कराया था एच डी एफ सी फसल बीमा कंपनी ने नियमानुसार फसल क्षतिपूर्ति का आकलन भी किया जिसमें 246 संचित किसानों के नाम एच डी एफ सी फसल बीमा कंपनी ने 59लाख95हजार381 क्षतिपूर्ति राशि जारी किया जिसमें से 89 किसानों को 12लाख48हजार की फसल क्षतिपूर्ति मिली शेष 157 किसानों को 47 लाख 47 हजार ₹381 आज तक नहीं मिला जिसकी शिकायत किसान 3 महीनों से जनपद से कलेक्टर तक कर रहे हैं पर इन किसानों को आज तक फसल बीमा का लाभ नहीं मिला किसानों का कहना है कि जनपद के कृषि विस्तार अधिकारी से शिकायत करने पर कहा जाता है कि बीमा कंपनी या फिर कलेक्टर से जाकर मिलीए।


Conclusion:वीओ 2 - इस पूरे मामले में कृषि विभाग के उपसंचालक का कहना है कि शिकायत सही है और जिला स्तर पर गठित डीएमटी समिति के बैठक में इसे संज्ञान में लाकर बीमा कंपनी को फसल क्षतिपूर्ति की राशि देना कहा गया है। गौरतलब है कि बीमा कंपनी के मनमानी व लापरवाही के कारण सैकड़ों किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पा रहा है जो बीमा कंपनी के कार्यप्रणाली को दर्शाता है।

बाइट 1 - किशोर सोनवानी पीड़ित किसान पहचान नीले में लाइनिंग शर्ट और कंधे में सफेद कलर का स्कार्फ लटकाया हुआ।

बाइट 2 - नरेश सिन्हा पीड़ित किसान पहचान संतरा कलर का शर्ट।

बाइट 3 - व्हीपी चौबे उपसंचालक कृषि विभाग महासमुंद पहचान क्रीम कलर का फुल सेट टेबल में बैठा हुआ।

हकीमुद्दीन नासिर रिपोर्टर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़ मो.9826555052
Last Updated : Jul 16, 2019, 2:58 PM IST
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