महासमुंद: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है. बुंदेली गांव में 246 किसानों के नाम पर फसल बीमा की लगभग 60 लाख की राशि स्वीकृत हुई पर गांव के मात्र 79 लोगों को ही फसल बीमा की क्षतिपूर्ति राशि मिली है.
बाकी बचे 157 किसान फसल बीमा की क्षतिपूर्ति के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर है. किसानों ने 2018-19 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गांव के 528 सिचिंत और असिंचित भूमि के किसानों ने सोसाइटी से बीमा कराया था. कई बार शिकायत के बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
नहीं दूर हो रही परेशानी
निजी फसल बीमा कंपनी ने नियमानुसार फसल क्षतिपूर्ति का आकलन भी किया गया, जिसमें 246 संचित किसानों के नाम फसल बीमा कंपनी ने 59 लाख 95 हजार 381 रुपये की क्षतिपूर्ति राशि जारी किया, जिसमें से 89 किसानों को 12 लाख 48 हजार की फसल क्षतिपूर्ति मिली है, बाकी 157 किसानों को 47 लाख 47 हजार 381 रुपये की राशि आज तक नहीं मिली. किसानों का कहना है कि 'जनपद के कृषि विस्तार अधिकारी से शिकायत करने पर कहा जाता है कि बीमा कंपनी या फिर कलेक्टर से जाकर मिलिए'.
'बीमा कंपनी से क्षतिपूर्ति देने के कहा गया'
मामले में कृषि विभाग के उपसंचालक का कहना है कि 'शिकायत सही है और जिलास्तर पर गठित डीएमटी समिति की बैठक में इसे संज्ञान में लेकर बीमा कंपनी को फसल क्षतिपूर्ति की राशि देने के लिए कहा गया है'. गौरतलब है कि बीमा कंपनी की मनमानी और लापरवाही के कारण सैकड़ों किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जो बीमा कंपनी के कार्यप्रणाली को दर्शाता है.