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महासमुंद: तमिलनाडु में 12 मजदूर बंधक, परिवार को सुनाई आपबीती, अब प्रशासन से मदद की गुहार

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Published : Nov 24, 2020, 7:31 PM IST

Updated : Nov 24, 2020, 9:22 PM IST

महासमुंद और बलौदाबाजार के 12 मजदूरों को तमिलनाडु की एक कंपनी ने बंधक बना लिया है. मजदूरों को छुड़ाने की गुहार परिजनों ने कलेक्टर से की है. ETV भारत लगातार मजदूरों के पलायन का मुद्दा उठाती रही है. हाल ही में महासमुंद के पिथौरा थाना क्षेत्र में मजदूरों और बच्चों को दलाल के चंगुल से छुड़ाया गया था.

Families pleaded with the Collector to release the hostage laborers in Tamil Nadu
बंधक मजदूर

महासमुंद: जिले में मजदूरों के दलाल के हौसले इतने बुलंद हैं कि कार्रवाई किए जाने के बाद भी दलाल मजदूरों का पलायन धड़ल्ले से करा रहे हैं. इसका खामियाजा गरीब मजदूरों को बंधक बनकर चुकाना पड़ रहा है. मजदूरों को बंधक बनाए जाने का मामला जिले के बसना में सामने आया है. मजदूर दलाल ने महासमुंद और बलौदा बाजार से 12 मजदूरों को तमिलनाडु ले आया, जहां उन्हें बंधक बना दिया गया है. हाल ये है कि मजदूरों को न मजदूरी दी जा रही है, न ही वापस घर जाने दिया जा रहा है. परिवार के सदस्यों ने बच्चों को छुड़ाने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई है.

तमिलनाडु में 12 मजदूर बंधक

नौकरी और अच्छे पैसे दिलाने के नाम पर 2 महीने पहले महासमुंद के पारापाठ से 9 मजदूर और बलौदाबाजार के कंट्रोल ब्लॉक से तीन मजदूरों को तमिलनाडु लाया गया. तमिलनाडु की बालाजी यश पेपर कम एंड नारियल रस्सी फैक्ट्री में ये मजदूर पिछले 2 महीने से काम कर रहे हैं. दलाल इन मजदूरों को वहां छोड़कर खुद पैसे लेकर वापस आ गया. उसके बाद से उस फैक्ट्री के संचालक इन मजदूरों से काम करवा रहे हैं पर मजदूरी के नाम पर एक पैसा नहीं दे रहे हैं. साथ ही इन मजदूरों के साथ मारपीट का भी आरोप कंपनी संचालक पर है.

Families pleaded with the Collector to release the hostage laborers in Tamil Nadu
मजदूर बंधक

18 से 25 साल के मजदूर

वहां जाने के बाद से ये मजदूर अपने घर वालों से बतचीत भी नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन मौका पाकर इन मजदूरों ने अपनी आपबीती परिवार को सुनाई. डरे सहमे परिवार वालों ने इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी और अपने बच्चों की रिहाई की मांग कर रहे हैं. मजदूरों की उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच की है. परिजनों से परिवार से बच्चों को जल्द से जल्द वापस लाने की मांग की है. फिलहाल श्रम विभाग के आला अधिकारी छुट्टी पर हैं. वहीं पुलिस विभाग के आला अधिकारी जल्द कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दे रहे हैं. मजदूरों के पलायन पर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि अधिकारियों को मनरेगा का कार्य ज्यादा से ज्यादा संख्या में शुरू करवाने का आदेश दिए जा रहे हैं.

Families pleaded with the Collector to release the hostage laborers in Tamil Nadu
आवेदन देते परिजन

क्या कहते हैं रिकॉर्ड

  • शासकीय रिकॉर्ड में जिले से मात्र 2 मजदूर ने किया पलायन
  • दलालों को 500 मजदूरों को ले जाने का लाइसेंस प्राप्त.
  • हर दिन दर्जनों मजदूर के पलायन की जानकारी
  • प्रशासन को है पलायन की जानकारी
  • अबतक मजदूरों के लिए कोई कार्रवाई नहीं

ETV भारत लगातार मजदूरों के पलायन का मुद्दा उठाती रहा है, हालही में महासमुंद के पिथौरा थाना क्षेत्र में मजदूरों और बच्चों को दलाल के चंगुल से छुड़ाया गया था. पुलिस ने 167 मजदूर और 55 बच्चों को मजदूर दलाल के चंगुल से छुड़ाया है. मजदूर दलाल गांव में बस पिकअप भेजकर मजदूरों को उत्तर प्रदेश ले जाने का काम कर रहे थे.

Families pleaded with the Collector to release the hostage laborers in Tamil Nadu
आवेदन पत्र

पलायन बना राजनीतिक मुद्दा

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मजदूरों के पलायन के मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने न तो मजदूर के आने के वक्त कोई सुविधा दी थी. न ही उनकी कोई मदद की गई है. उन्होंने कहा कि एक ओर धान की कटाई चल रही है. तो दूसरी ओर मजदूर रोजगार के लिए बाहर जा रहे हैं.

गृहमंत्री के बयान पर एक नजर

हाल ही में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा था कि कोरोना संक्रमण होने के बावजूद मनरेगा के तहत पूरे देश में सबसे अधिक रोजगार छत्तीसगढ़ की सरकार मजदूरों को उपलब्ध करा रही है. साथ ही उन्होंने दावा किया था कि पढ़े-लिखे बेरोजगार युवकों के लिए भी सरकार नई योजनाएं लागू कर रही है. लेकिन दावे और मजदूरों के बताए गए हकीकत के बीच एक बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है.

ETV भारत ने पलायन का मुद्दा कई बार उठाया

महासमुंद: जिले में मजदूरों के दलाल के हौसले इतने बुलंद हैं कि कार्रवाई किए जाने के बाद भी दलाल मजदूरों का पलायन धड़ल्ले से करा रहे हैं. इसका खामियाजा गरीब मजदूरों को बंधक बनकर चुकाना पड़ रहा है. मजदूरों को बंधक बनाए जाने का मामला जिले के बसना में सामने आया है. मजदूर दलाल ने महासमुंद और बलौदा बाजार से 12 मजदूरों को तमिलनाडु ले आया, जहां उन्हें बंधक बना दिया गया है. हाल ये है कि मजदूरों को न मजदूरी दी जा रही है, न ही वापस घर जाने दिया जा रहा है. परिवार के सदस्यों ने बच्चों को छुड़ाने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई है.

तमिलनाडु में 12 मजदूर बंधक

नौकरी और अच्छे पैसे दिलाने के नाम पर 2 महीने पहले महासमुंद के पारापाठ से 9 मजदूर और बलौदाबाजार के कंट्रोल ब्लॉक से तीन मजदूरों को तमिलनाडु लाया गया. तमिलनाडु की बालाजी यश पेपर कम एंड नारियल रस्सी फैक्ट्री में ये मजदूर पिछले 2 महीने से काम कर रहे हैं. दलाल इन मजदूरों को वहां छोड़कर खुद पैसे लेकर वापस आ गया. उसके बाद से उस फैक्ट्री के संचालक इन मजदूरों से काम करवा रहे हैं पर मजदूरी के नाम पर एक पैसा नहीं दे रहे हैं. साथ ही इन मजदूरों के साथ मारपीट का भी आरोप कंपनी संचालक पर है.

Families pleaded with the Collector to release the hostage laborers in Tamil Nadu
मजदूर बंधक

18 से 25 साल के मजदूर

वहां जाने के बाद से ये मजदूर अपने घर वालों से बतचीत भी नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन मौका पाकर इन मजदूरों ने अपनी आपबीती परिवार को सुनाई. डरे सहमे परिवार वालों ने इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी और अपने बच्चों की रिहाई की मांग कर रहे हैं. मजदूरों की उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच की है. परिजनों से परिवार से बच्चों को जल्द से जल्द वापस लाने की मांग की है. फिलहाल श्रम विभाग के आला अधिकारी छुट्टी पर हैं. वहीं पुलिस विभाग के आला अधिकारी जल्द कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दे रहे हैं. मजदूरों के पलायन पर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि अधिकारियों को मनरेगा का कार्य ज्यादा से ज्यादा संख्या में शुरू करवाने का आदेश दिए जा रहे हैं.

Families pleaded with the Collector to release the hostage laborers in Tamil Nadu
आवेदन देते परिजन

क्या कहते हैं रिकॉर्ड

  • शासकीय रिकॉर्ड में जिले से मात्र 2 मजदूर ने किया पलायन
  • दलालों को 500 मजदूरों को ले जाने का लाइसेंस प्राप्त.
  • हर दिन दर्जनों मजदूर के पलायन की जानकारी
  • प्रशासन को है पलायन की जानकारी
  • अबतक मजदूरों के लिए कोई कार्रवाई नहीं

ETV भारत लगातार मजदूरों के पलायन का मुद्दा उठाती रहा है, हालही में महासमुंद के पिथौरा थाना क्षेत्र में मजदूरों और बच्चों को दलाल के चंगुल से छुड़ाया गया था. पुलिस ने 167 मजदूर और 55 बच्चों को मजदूर दलाल के चंगुल से छुड़ाया है. मजदूर दलाल गांव में बस पिकअप भेजकर मजदूरों को उत्तर प्रदेश ले जाने का काम कर रहे थे.

Families pleaded with the Collector to release the hostage laborers in Tamil Nadu
आवेदन पत्र

पलायन बना राजनीतिक मुद्दा

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मजदूरों के पलायन के मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने न तो मजदूर के आने के वक्त कोई सुविधा दी थी. न ही उनकी कोई मदद की गई है. उन्होंने कहा कि एक ओर धान की कटाई चल रही है. तो दूसरी ओर मजदूर रोजगार के लिए बाहर जा रहे हैं.

गृहमंत्री के बयान पर एक नजर

हाल ही में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा था कि कोरोना संक्रमण होने के बावजूद मनरेगा के तहत पूरे देश में सबसे अधिक रोजगार छत्तीसगढ़ की सरकार मजदूरों को उपलब्ध करा रही है. साथ ही उन्होंने दावा किया था कि पढ़े-लिखे बेरोजगार युवकों के लिए भी सरकार नई योजनाएं लागू कर रही है. लेकिन दावे और मजदूरों के बताए गए हकीकत के बीच एक बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है.

ETV भारत ने पलायन का मुद्दा कई बार उठाया

Last Updated : Nov 24, 2020, 9:22 PM IST
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