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SPECIAL: दिव्यांगों के लिए वरदान बनी 'एडिप' योजना, आत्मनिर्भर बनने में मिल रही मदद

महासमुंद में 'एडिप योजना' दिव्यागों के लिए वरदान साबित हो रही है. जिले में तकरीबन 12 हजार 583 दिव्यांग हैं, जिनको राज्य और केंद्र सरकार के माध्यम से सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं. वहीं जिले के अछोला गांव में 75 दिव्यांग हैं, जिनसे ETV भारत की टीम ने एडिप योजना के बारे में बातचीत की.

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वरदान बनी 'एडिप' योजना
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Published : Jul 2, 2020, 10:21 PM IST

महासमुंद: केंद्र सरकार ने दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'एडिप योजना' की शुरूआत की है, जो अब दिव्यांगों के लिए वरदान साबित हो रही है. महासमुंद जिले में तकरीबन 12 हजार 583 दिव्यांग हैं, जिनको राज्य और केंद्र सरकार के माध्यम से सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे अब दिव्यांगजन खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

'एडिप' योजना से आत्मनिर्भर बनने में मिल रही मदद

'एडिप योजना' के संदर्भ में ETV भारत की टीम महासमुंद जिले के अछोला गांव के दिव्यांगों से मुलाकात कर इस योजना की जमीनी हकीकत जानी. अछोला गांव की आबादी लगभग 4000 है. पिछड़ा वर्ग बाहुल्य इस गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है. 700 परिवार वाले इस गांव में 75 दिव्यांग हैं.

Disabled are becoming self-sufficient
आत्मनिर्भर बन रहे दिव्यांग

दिव्यांगों को परेशानी से जूझना पड़ता था

अछोला गांव में ETV भारत की टीम ने दिव्यांग संतराम साहू से बातचीत की. जहां उन्होंने बताया कि इलेट्रॉनिक शॉप में वह रिपेयरिंग का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि उनको पहले दुकान तक आने-जाने में दिक्कतें होती थी. साथ ही उनको दुकान के सामान के लिए 10 से 12 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था, जो ट्राई साईकिल से आना-जाना मुमकिन नहीं था.

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वरदान बनी 'एडिप' योजना

मोटराइज्ड ट्राई साइकिल मिलने से संतराम बने आत्मनिर्भर

इसी बीच संतराम को केंद्र सरकार की योजना के बारे में जानकारी हुई. उन्होंने समाज कल्याण विभाग जाकर जानकारी जुटाकर आवेदन किया. 25 सितंबर 2019 एलिम्को के माध्यम से एक शिविर में 'मोटराइज्ड ट्राई साइकिल' मिली. उसके बात संतराम का खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मोटराइज्ड ट्राई साइकिल मिलने के बाद संतराम अब आसानी से अपने व्यवसाय के लिए समान जाकर खुद ले आते हैं.

खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे दिव्यांग

संतराम बताते हैं वह एक दिन में 700 से 1000 और महीने में लगभग 25 हजार आसानी से घर बैठे कमा रहे हैं. अपने साथ अपनी पत्नी और चार बच्चे का भरण-पोषण आसानी से कर ले रहे हैं.

दिव्यांगों ने सरकार को दिया धन्यवाद

वहीं इस योजना का लाभ ले रहे हितग्राहियों का कहना है कि 'एडिप योजना' के तहत मिले सहायक उपकरण ने हम लोगों को आत्मनिर्भर बना दिया है. उनको अब दिनचर्या के साथ ही काम करने में भी आसानी हो रही है, जिससे वह बहुत खुश हैं. राज्य और केंद्र सरकार का धन्यवाद कर रहे हैं.

जुलाई 2020 के अंत में आयोजित पांच कैंप
'एडिप योजना' के मद्देनजर समाज कल्याण विभाग के उप संचालक का कहना है कि दिव्यांगों को सहायक उपकरण प्रदान कराना ही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है, जिससे लोग आत्मनिर्भर बन सके. साथ ही उन्होंने कहा कि 'एडिप योजना' के तहत 40 प्रतिशत वाले दिव्यांगों को ट्राई साइकिल, मोटराइज्ड ट्राई साइकिल ,व्हीलचेयर, वॉकिंग स्टिक, उपकरण दिए गए हैं. जुलाई 2020 के अंत में पांच कैंप आयोजित होने वाले हैं.

महासमुंद: केंद्र सरकार ने दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'एडिप योजना' की शुरूआत की है, जो अब दिव्यांगों के लिए वरदान साबित हो रही है. महासमुंद जिले में तकरीबन 12 हजार 583 दिव्यांग हैं, जिनको राज्य और केंद्र सरकार के माध्यम से सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे अब दिव्यांगजन खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

'एडिप' योजना से आत्मनिर्भर बनने में मिल रही मदद

'एडिप योजना' के संदर्भ में ETV भारत की टीम महासमुंद जिले के अछोला गांव के दिव्यांगों से मुलाकात कर इस योजना की जमीनी हकीकत जानी. अछोला गांव की आबादी लगभग 4000 है. पिछड़ा वर्ग बाहुल्य इस गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है. 700 परिवार वाले इस गांव में 75 दिव्यांग हैं.

Disabled are becoming self-sufficient
आत्मनिर्भर बन रहे दिव्यांग

दिव्यांगों को परेशानी से जूझना पड़ता था

अछोला गांव में ETV भारत की टीम ने दिव्यांग संतराम साहू से बातचीत की. जहां उन्होंने बताया कि इलेट्रॉनिक शॉप में वह रिपेयरिंग का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि उनको पहले दुकान तक आने-जाने में दिक्कतें होती थी. साथ ही उनको दुकान के सामान के लिए 10 से 12 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था, जो ट्राई साईकिल से आना-जाना मुमकिन नहीं था.

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वरदान बनी 'एडिप' योजना

मोटराइज्ड ट्राई साइकिल मिलने से संतराम बने आत्मनिर्भर

इसी बीच संतराम को केंद्र सरकार की योजना के बारे में जानकारी हुई. उन्होंने समाज कल्याण विभाग जाकर जानकारी जुटाकर आवेदन किया. 25 सितंबर 2019 एलिम्को के माध्यम से एक शिविर में 'मोटराइज्ड ट्राई साइकिल' मिली. उसके बात संतराम का खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मोटराइज्ड ट्राई साइकिल मिलने के बाद संतराम अब आसानी से अपने व्यवसाय के लिए समान जाकर खुद ले आते हैं.

खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे दिव्यांग

संतराम बताते हैं वह एक दिन में 700 से 1000 और महीने में लगभग 25 हजार आसानी से घर बैठे कमा रहे हैं. अपने साथ अपनी पत्नी और चार बच्चे का भरण-पोषण आसानी से कर ले रहे हैं.

दिव्यांगों ने सरकार को दिया धन्यवाद

वहीं इस योजना का लाभ ले रहे हितग्राहियों का कहना है कि 'एडिप योजना' के तहत मिले सहायक उपकरण ने हम लोगों को आत्मनिर्भर बना दिया है. उनको अब दिनचर्या के साथ ही काम करने में भी आसानी हो रही है, जिससे वह बहुत खुश हैं. राज्य और केंद्र सरकार का धन्यवाद कर रहे हैं.

जुलाई 2020 के अंत में आयोजित पांच कैंप
'एडिप योजना' के मद्देनजर समाज कल्याण विभाग के उप संचालक का कहना है कि दिव्यांगों को सहायक उपकरण प्रदान कराना ही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है, जिससे लोग आत्मनिर्भर बन सके. साथ ही उन्होंने कहा कि 'एडिप योजना' के तहत 40 प्रतिशत वाले दिव्यांगों को ट्राई साइकिल, मोटराइज्ड ट्राई साइकिल ,व्हीलचेयर, वॉकिंग स्टिक, उपकरण दिए गए हैं. जुलाई 2020 के अंत में पांच कैंप आयोजित होने वाले हैं.

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