महासमुंद : कोरोना संक्रमण के बाद से किए गए लॉकडाउन में कई हजार मजदूर अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं, जो धीरे-धीरे अपने घर लौट रहे हैं. वहीं केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही ट्रेन से कई मजदूर वापस लौट आए हैं. वापस लौट रहे मजदूरों के लिए सरकार ने क्वॉरेंटाइन सेंटर बना रखा है, ताकि यात्रा के दौरान अगर कोई मजदूर संक्रमित हो, तो उससे अन्य लोगों में संक्रमण न फैले. महासमुंद पहुंचे मजदूरों का रैपिड टेस्ट किट से टेस्ट किया गया है.
दरअसल, महासमुंद जिले को मजदूरों के टेस्ट के लिए 1600 रैपिड टेस्ट किट उपलब्ध कराई गई है. इसमें से 1168 किट से टेस्ट किया जा चुका है. जिसमें से 1158 सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है. वहीं जिले को 959 स्वाब टेस्ट किट उपलब्ध कराई गई है, जिसमें से 404 मरीजों का सैंपल कलेक्ट कर लिया गया है. इसमें से 312 की रिपोर्ट आ चुकी है. वहीं 91 सैंपल की रिपोर्ट वेटिंग में है. यदि हम सिर्फ रैपिड टेस्ट किट की बात करें, तो गुरूवार से अब तक 250 टेस्ट किए गए हैं. फिलहाल बची हुई 290 रैपिड कीट को पूरे ब्लॉक में बांट दिया गया है.
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रेड जोन से आए लोगों पर खास नजर
महासमुंद जिले में कुल आने वाले मजदूरों की संख्या 9000 बताई जा रही है, जिसमें से 3500 मजदूर आ चुके हैं. जब ETV भारत की टीम ने रैपिड टेस्ट किट और मजदूरों के आंकड़ों पर डॉक्टर से बात की तो उन्होंने बताया कि, 'जिले में लगातार राज्यों से मजदूर आ रहे हैं, हम सबसे पहले यह टेस्ट उन लोगों पर कर रहे हैं, जो मजदूर बाहर से आ रहे हैं या रेड जोन वाले क्षेत्र में थे. इसके आलावा जिनको सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ है, ऐसे ही लोगों की जांच पहले की जा रही है. उनका सैंपल स्वाब में लेकर रायपुर एम्स भेजा जा रहा है'.