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महासमुंद : कोरोना वॉरियर्स के सम्मान को लेकर विवाद, राज्यपाल और सीएम से शिकायत

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Published : Aug 19, 2020, 2:18 PM IST

नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर पालिका ने कर्मचारियों का सम्मान नहीं करने को राजनीतिक करार दिया है. प्रकाश चंद्राकर का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों के इशारे पर कोरोनो वॉरियर्स के सम्मान की जगह अपमान किया जा रहा है.

Municipality president wrote a complaint to the Governor anusuiya uikey and CM bhupesh baghel
शिकायत पत्र भेजा

महासमुंद : नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने पालिका के करोना वॉरियर्स से उपेक्षा और भेदभाव करने के मामले में राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित तमाम मंत्रियों को विभागीय अधिकारियों के खिलाफ पत्र भेजकर शिकायत की है. पालिकाध्यक्ष ने शिकायत में प्रशासनिक अधिकारियों के इशारे पर कोरोनो वॉरियर्स के सम्मान की जगह अपमान का आरोप लगाया है. पालिकाध्यक्ष ने अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

पालिकाध्यक्ष ने शिकायत पत्र में कहा है कि स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के हाथों पालिका कर्मचारियों का सम्मान नहीं कराया गया. वैश्विक महामारी कोरोना में लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में थे. कर्मचारियों ने संक्रमण के खतरे के बावजूद कंटेनमेंट जोन में जाकर सैनिटाइजर का छिड़काव, सेंटर में भोजन की व्यवस्था कराने जैसे काम किए. पालिका अध्यक्ष ने कहा कि जहां लोग जाने से कतराते थे, वहां पालिका कर्मचारियों ने जान जोखिम में डालकर अपनी सेवाएं दी हैं. कोरोना संक्रमित मृत व्यक्ति का दाह संस्कार भी पालिका के कर्मचारियों ने किया है. ऐसे लोगों को समारोह स्थल बुलाकर सम्मान के बजाय अपमान किया गया. पालिकाध्यक्ष ने पत्र में कहा कि सिर्फ इसलिए कर्मचारी उपेक्षित किए गए हैं कि नगरपालिका में बीजेपी के अध्यक्ष हैं. राजनीतिक द्वेष की वजह से ऐसा किया गया है.

पढ़ें : कोरोना का असर : देश में 41 लाख युवाओं के गए रोजगार, सबसे अधिक मजदूर

राजनीति का हिस्सा
कई जिलों में कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया है. इसमें स्वास्थ्यकर्मी, निगम और पालिका कर्मी, पुलिस कर्मचारी, मीडिया शामिल है. लेकिन महासमुंद में पालिका कर्मचारियों का सम्मान नहीं किया गया. इसे नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने राजनीतिक करार दिया है.

महासमुंद : नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने पालिका के करोना वॉरियर्स से उपेक्षा और भेदभाव करने के मामले में राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित तमाम मंत्रियों को विभागीय अधिकारियों के खिलाफ पत्र भेजकर शिकायत की है. पालिकाध्यक्ष ने शिकायत में प्रशासनिक अधिकारियों के इशारे पर कोरोनो वॉरियर्स के सम्मान की जगह अपमान का आरोप लगाया है. पालिकाध्यक्ष ने अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

पालिकाध्यक्ष ने शिकायत पत्र में कहा है कि स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के हाथों पालिका कर्मचारियों का सम्मान नहीं कराया गया. वैश्विक महामारी कोरोना में लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में थे. कर्मचारियों ने संक्रमण के खतरे के बावजूद कंटेनमेंट जोन में जाकर सैनिटाइजर का छिड़काव, सेंटर में भोजन की व्यवस्था कराने जैसे काम किए. पालिका अध्यक्ष ने कहा कि जहां लोग जाने से कतराते थे, वहां पालिका कर्मचारियों ने जान जोखिम में डालकर अपनी सेवाएं दी हैं. कोरोना संक्रमित मृत व्यक्ति का दाह संस्कार भी पालिका के कर्मचारियों ने किया है. ऐसे लोगों को समारोह स्थल बुलाकर सम्मान के बजाय अपमान किया गया. पालिकाध्यक्ष ने पत्र में कहा कि सिर्फ इसलिए कर्मचारी उपेक्षित किए गए हैं कि नगरपालिका में बीजेपी के अध्यक्ष हैं. राजनीतिक द्वेष की वजह से ऐसा किया गया है.

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राजनीति का हिस्सा
कई जिलों में कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया है. इसमें स्वास्थ्यकर्मी, निगम और पालिका कर्मी, पुलिस कर्मचारी, मीडिया शामिल है. लेकिन महासमुंद में पालिका कर्मचारियों का सम्मान नहीं किया गया. इसे नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने राजनीतिक करार दिया है.

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