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35 साल बाद उसी गांव में कलेक्टर बन पहुंचे, जहां पहले थे शिक्षक

महासमुंद में कलेक्टर डोमन सिंह ठाकुर उस गांव में गए जहां वे 35 साल पहले शिक्षक थे. कलेक्टर वहां अपने छात्रों से भी मिले.

Collector Doman Singh Thakur went to the village where he was a teacher
गांव पहुंचे कलेक्टर
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Published : Jan 21, 2021, 7:48 PM IST

महासमुंद: एक शिक्षक डोमन सिंह ठाकुर जो एक गांव के स्कूल में बच्चों को पढ़ाते थे. अब उस गांव का ही नहीं बल्कि जिले का कलेक्टर बन गए हैं. कलेक्टर बनने के बाद डोमन सिंह ठाकुर उसी गांव में अपने अतीत को याद करने पहुंचे थे. जहां पहुंच वे लोगों और अपने छात्रों से मिले. इस दौरान कलेक्टर ने गांव वालों के साथ अपनी खुशियां सझा की. कलेक्टर को अपने बीच पाकर गांव वाले भी काफी गदगद दिखे.

बताते हैं, 35 साल पहले 1987 में महासमुंद के वर्तमान कलेक्टर डोमन सिंह ठाकुर पिथौरा ब्लॉक के कौहाकूड़ा से लगे सरायपाली गांव में पढ़ाते थे. गुरुवार को कलेक्टर डोमन सिंह उसी गांव में चौपाल लगाने पहुंचे थे. हालांकि किसी को ये पता नहीं था कि इस गांव में जो कलेक्टर चौपाल कार्यक्रम आये हैं, वो कभी इसी गांव के स्कूल में शिक्षक भी रह चुके हैं.

पढ़ें-अपनी नगर पंचायत को ग्राम पंचायत बनाने की मांग क्यों कर रहे हैं लोग ?

डोमन सिंह ने ग्रामीणों से रूबरू होकर उनकी समस्याएं सुनी और सभी का हालचाल भी जाना. आज से करीब 35 साल पहले खपरैल वाले एक मकान में बच्चों को पढ़ाते थे. जो उस समय में स्कूल हुआ करता था और वहां उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दी थी. गांव के बुजुर्गों से मिलकर कलेक्टर डोमन सिंह अपने बीते दिनों की यादें भी ताजा करते नजर आए.

महासमुंद: एक शिक्षक डोमन सिंह ठाकुर जो एक गांव के स्कूल में बच्चों को पढ़ाते थे. अब उस गांव का ही नहीं बल्कि जिले का कलेक्टर बन गए हैं. कलेक्टर बनने के बाद डोमन सिंह ठाकुर उसी गांव में अपने अतीत को याद करने पहुंचे थे. जहां पहुंच वे लोगों और अपने छात्रों से मिले. इस दौरान कलेक्टर ने गांव वालों के साथ अपनी खुशियां सझा की. कलेक्टर को अपने बीच पाकर गांव वाले भी काफी गदगद दिखे.

बताते हैं, 35 साल पहले 1987 में महासमुंद के वर्तमान कलेक्टर डोमन सिंह ठाकुर पिथौरा ब्लॉक के कौहाकूड़ा से लगे सरायपाली गांव में पढ़ाते थे. गुरुवार को कलेक्टर डोमन सिंह उसी गांव में चौपाल लगाने पहुंचे थे. हालांकि किसी को ये पता नहीं था कि इस गांव में जो कलेक्टर चौपाल कार्यक्रम आये हैं, वो कभी इसी गांव के स्कूल में शिक्षक भी रह चुके हैं.

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