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महासमुंद में सरकारी योजना के पैसे वसूलने के लिए दलालों ने जिंदा महिला को बता दिया मृत

महासमुंद के पिथौरा विकासखंड के जम्हर में फर्जीवाड़ा का मामला (fraud case) सामने आया है. दलालों के एक गिरोह ने सरकारी योजना का फायदा (government scheme benefits) लेने के लिए एक जीवित महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र (fake death certificate) श्रम विभाग में जमा कर दिया. जब मृत्यु प्रणाम पत्र का सत्यापन किया गया तब जाकर खुलासा हुआ कि जिस महिला का मृत्यु प्रणाम पत्र बना है वह जीवित है.

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महिला को बता दिया मृत
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Published : Jun 8, 2021, 10:19 PM IST

महासमुंद: श्रम विभाग (Labour Department) में दलालों का जाल फैला हुआ है. यही वजह है कि शासन की महत्वाकांक्षी योजनाएं हितग्राहियों तक नहीं पहुंच पा रही है. दलाल फर्जीवाड़ा करके शासन-प्रशासन को चूना लगा रहे हैं. पिथौरा विकासखंड के जम्हर में दलालों के एक गिरोह ने सरकारी योजना का फायदा (government scheme benefits) लेने के लिए एक जीवित महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र (fake death certificate) श्रम विभाग में जमा कर दिया. जब मृत्यु प्रणाम पत्र का सत्यापन किया गया तब जाकर खुलासा हुआ कि जिस महिला का मृत्यु प्रणाम पत्र बना है वह जीवित है.

महिला को बता दिया मृत

मृत्यु के बाद मिलने वाले 30 हजार रुपये की सहायता राशि (Relief fund) लेने के लिए दलालों ने जम्हर गांव की रहने वाली अमरिका ठाकुर को मृत बता दिया. अमरिका का श्रम विभाग में मजदूर के रुप में पंजीयन है. साल 2017 में अमरिका की मां सुकवारा ठाकुर की मृत्यु हो गई. श्रम विभाग में पंजीयन होने से दुर्घटना होने या मृत्यु होने पर अंत्योष्टि अनुग्रह सहायता योजना के तहत मृतक के परिजनों को 30 हजार रुपये की मदद दी जाती है. इस योजना का लाभ दिलाने के लिए दलालों ने अमरिका से संपर्क किया. उनसे सारे दस्तावेज लेकर राशि दिलाने की बात कही.

बिलासपुर में सड़क हादसे में दो छात्रों की मौत

चार साल बाद भी नहीं मिली राशि

अमरिका ने सारे दस्तावेज दलालों को दे दिए. चार साल बीत जाने के बाद अमरिका ठाकुर को आज तक राशि नहीं मिली. बल्कि दलालों ने अमरिका को ही साल 2019 में मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद दलालों ने श्रम विभाग (Labour Department) में योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया. श्रम विभाग ने सत्यापन के लिए जम्हर पंचायत के सचिव के पास मृत्यु प्रमाण पत्र भेजा तो पता चला कि अमरिका ठाकुर तो जीवित है. उसके बाद मृत्यु प्रमाण पत्र की जांच की गई. तब पता चला कि मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी है. अमरिका ठाकुर को जब पता चला तो वह थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची.

ऐसे अब तक 70 मामले पेंडिंग

मामले में जहां पिथौरा थाना के टीआई जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं, वहीं श्रम विभाग के आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे हैं. श्रम विभाग में करीब एक लाख मजदूर पंजीकृत हैं. अभी तक इस तरह के 120 मामले सामने आ चुके हैं और 70 मामले पेंडिग हैं. अब तक केवल 3 से 4 मामले में ही पुलिस ने कार्रवाई की है. वो भी पीड़ित के रिपोर्ट पर. श्रम विभाग ने आज तक किसी मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई. जो कई प्रश्नों को जन्म देता है.

महासमुंद: श्रम विभाग (Labour Department) में दलालों का जाल फैला हुआ है. यही वजह है कि शासन की महत्वाकांक्षी योजनाएं हितग्राहियों तक नहीं पहुंच पा रही है. दलाल फर्जीवाड़ा करके शासन-प्रशासन को चूना लगा रहे हैं. पिथौरा विकासखंड के जम्हर में दलालों के एक गिरोह ने सरकारी योजना का फायदा (government scheme benefits) लेने के लिए एक जीवित महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र (fake death certificate) श्रम विभाग में जमा कर दिया. जब मृत्यु प्रणाम पत्र का सत्यापन किया गया तब जाकर खुलासा हुआ कि जिस महिला का मृत्यु प्रणाम पत्र बना है वह जीवित है.

महिला को बता दिया मृत

मृत्यु के बाद मिलने वाले 30 हजार रुपये की सहायता राशि (Relief fund) लेने के लिए दलालों ने जम्हर गांव की रहने वाली अमरिका ठाकुर को मृत बता दिया. अमरिका का श्रम विभाग में मजदूर के रुप में पंजीयन है. साल 2017 में अमरिका की मां सुकवारा ठाकुर की मृत्यु हो गई. श्रम विभाग में पंजीयन होने से दुर्घटना होने या मृत्यु होने पर अंत्योष्टि अनुग्रह सहायता योजना के तहत मृतक के परिजनों को 30 हजार रुपये की मदद दी जाती है. इस योजना का लाभ दिलाने के लिए दलालों ने अमरिका से संपर्क किया. उनसे सारे दस्तावेज लेकर राशि दिलाने की बात कही.

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चार साल बाद भी नहीं मिली राशि

अमरिका ने सारे दस्तावेज दलालों को दे दिए. चार साल बीत जाने के बाद अमरिका ठाकुर को आज तक राशि नहीं मिली. बल्कि दलालों ने अमरिका को ही साल 2019 में मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद दलालों ने श्रम विभाग (Labour Department) में योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया. श्रम विभाग ने सत्यापन के लिए जम्हर पंचायत के सचिव के पास मृत्यु प्रमाण पत्र भेजा तो पता चला कि अमरिका ठाकुर तो जीवित है. उसके बाद मृत्यु प्रमाण पत्र की जांच की गई. तब पता चला कि मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी है. अमरिका ठाकुर को जब पता चला तो वह थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची.

ऐसे अब तक 70 मामले पेंडिंग

मामले में जहां पिथौरा थाना के टीआई जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं, वहीं श्रम विभाग के आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे हैं. श्रम विभाग में करीब एक लाख मजदूर पंजीकृत हैं. अभी तक इस तरह के 120 मामले सामने आ चुके हैं और 70 मामले पेंडिग हैं. अब तक केवल 3 से 4 मामले में ही पुलिस ने कार्रवाई की है. वो भी पीड़ित के रिपोर्ट पर. श्रम विभाग ने आज तक किसी मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई. जो कई प्रश्नों को जन्म देता है.

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