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SPECIAL: बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए मिलेंगे लाखों रुपए, जानिए क्या है सुकन्या समृृद्धि योजना - बेटियों के लिए पोस्ट ऑफिस में योजना

सुकन्या समृद्धि योजना 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत चल रही एक बेहतरीन योजना है. इस योजना की शुरुआत 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. सुकन्या समृद्धि भारत की एक छोटी बचत योजना है. ETV भारत की टीम इस योजना से मिलने वाले लाभ के बारे में जानने के लिए महासमुंद के पोस्ट ऑफिस पहुंची, जहां बच्चियों के माता-पिता इस योजना से संतुष्ट और खुश नजर आए.

mahasamund sukanya samriddh yojana
महासमुंद में सुकन्या समृद्धि योजना
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Published : Oct 13, 2020, 2:38 PM IST

Updated : Oct 13, 2020, 3:14 PM IST

महासमुंद: बढ़ती महंगाई के बीच जीवनयापन करना लोगों के लिए मुश्किल होता जा रहा है. इस बीच परिवार में बच्चों को पढ़ाना-लिखाना और उनकी परवरिश बड़ी चुनौती बन जाती है. अगर घर में बेटी हो, तो माता-पिता को उसे अच्छी शिक्षा देने, कुछ अच्छे मुकाम तक पहुंचाने और फिर शादी करने की चिंता सताने लगती है. ऐसे में जिनके घर बेटियां हैं, उनके भविष्य को संवारने के लिए केंद्र सरकार ने 'सुकन्या समृद्धि योजना' लॉन्च की थी. यह योजना 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत शुरू की गई थी. ETV भारत की टीम इस योजना से मिलने वाले लाभ के बारे में जानने के लिए महासमुंद के पोस्ट ऑफिस पहुंची, जहां बच्चियों के माता-पिता इस योजना से संतुष्ट और खुश नजर आए.

सुकन्या समृृद्ध योजना से संवरेगा बेटियों का भविष्य

सुकन्या समृद्धि योजना 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत चल रही एक बेहतरीन योजना है. इस योजना की शुरुआत 2015 में प्रधानमंत्री ने की थी. सुकन्या समृद्धि भारत की एक छोटी बचत योजना है. इस योजना के तहत माता-पिता या कानूनी अभिभावक कन्या के नाम से खाता खोल सकते हैं. इस योजना के अंतर्गत खाता खुलवाने के लिए बच्ची की आयु सीमा 10 साल से कम होनी चाहिए.

sukanya samriddh yojana in mahasamund
सुकन्या समृृद्ध योजना से संवरेगा बेटियों का भविष्य

15 साल में 4 गुणा बढ़ेगी जमा राशि

सुकन्या समृद्धि योजना महासमुंद के लिए वरदान साबित हो रही है. जो महिलाएं कभी अपनी बच्चियों की पढ़ाई और शादी को लेकर चिंता करती थीं, इस योजना का लाभ उठाकर बेफिक्र हैं. बेटियों के भविष्य के लिए पैसा जमा कर माता-पिता खुशहाल जीवन जी रहे हैं. इस योजना की सबसे खास बात ये है कि करीब 15 साल तक हर महीने 1 हजार रुपए जमा करने पर मिलने वाली राशि करीब 5 लाख 10 हजार होगी. बेटी के बड़े होने तक उसकी अच्छी शिक्षा के लिए ये राशि मददगार होगी.

साल 2015 से अब तक 20 हजार बेटियों के खुले खाते

महासमुंद में 2015 से लेकर आज तक बेटियों के लिए करीब 20 हजार खाते खुल चुके हैं. महिलाएं बताती हैं कि सुकन्या योजना के तहत बेटियों का खाता खोलकर वे खुश हैं और भविष्य को लेकर उनकी चिंता खत्म हो चुकी है. महिलाओं ने जानकारी देते हुए बताया कि बेटियों की पढ़ाई और शादी को लेकर घर-परिवार में हमेशा चिंता बनी रहती थी, लेकिन अब छोटी-छोटी रकम जमा कर वे बच्चियों का भविष्य संवार रहीं हैं. बेटियों के 18 या 25 साल के होने पर जमा की गई रकम को निकाला जा सकता है. आखिर में मिलने वाली ये राशि जमा की गई राशि का चार गुना होती है. जैसे-जैसे लोगों को इस योजना के बारे में जानकारी हो रही है, वे अपनी बच्चियों के लिए खाते खुलवा रहे हैं.

सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खोलने के नियम

  • जिनके घर 10 साल से कम उम्र की बेटी है, वह इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
  • एक बच्ची के लिए एक ही खाता खोला जा सकता है. पोस्ट ऑफिस में ही इस योजना के तहत खाता खुलाने की सुविधा है.
  • बेटी के 18 साल के होने पर उसकी उच्च शिक्षा के लिए सुकन्या समृद्धि खाते से 50 फीसदी तक रकम निकाली जा सकती है.
  • सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाने के लिए शुरू में 250 रुपए लगेंगे. इसके बाद 100 रुपए से ज्यादा कि राशि खाते में जमा की जा सकती है.
  • खाता खुलवाने के बाद एक बार या कई बार में अधिकतम डेढ़ लाख तक की राशि खाते में जमा कराई जा सकती है.
  • खाते खोलने के दिन से 15 साल तक पैसे जमा किए जा सकते हैं. मान लें अगर बेटी 9 साल की है, तो उसके 24 साल की उम्र हो जाने तक पैसे जमा कराए जा सकते हैं.
  • 100 हजार के हिसाब से 15 साल तक करीब 1 लाख 80 हजार रुपए जमा होंगे. समयावधि पूरी होने के बाद जमा की गई ये राशि 5 लाख 10 हजार हो जाएगी. ब्याज दर 7.6 प्रतिशत है.
  • बेटी के 24 से 30 साल के होने तक खाते में जमा किए गए रकम पर ब्याज मिलता रहता है.
  • सुकन्या समृद्धि खाते में न्यूनतम राशि जमा ना किए जाने पर यह अनियमित हो जाता है. इसे 50 रुपए सालाना की पेनाल्टी देकर नियमित कराया जा सकता है. इसके अलावा हर साल जमा करने वाली न्यूनतम राशि भी देना होगा.
  • पेनाल्टी ना चुकाने पर सुकन्या समृद्धि खाते में जमा राशि पर पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट के बराबर ही ब्याज मिलेगा. यह करीब 4 फीसदी है.
  • अगर सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज ज्यादा चुका दिया गया है, तो उसे रिवाइज किया जा सकता है.
  • इस स्कीम का लाभ सिर्फ भारत में रहने वाली बेटियों को ही मिलता है, यानी अनिवासी भारतीय सुकन्या समृद्धि खाता नहीं खुला सकते.
  • अगर बेटी की नागरिकता बदलती है, तो उसी दिन से सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज मिलना बंद हो जाएगा.
  • सुकन्या समृद्धि योजना में किए जाने वाले निवेश पर टैक्स छूट के साथ इससे मिलने वाला रिटर्न भी टैक्स फ्री होता है.

महासमुंद में खुले बेटियों के 20 हजार खाते

सुकन्या समृद्धि योजना का प्रचार पोस्ट ऑफिस के माध्यम से बड़े ही व्यापक रूप से किया जा रहा है. महासमुंद में पोस्ट ऑफिस का एक बड़ा नेटवर्क है. यहां पूरे जिले में 137 पोस्ट ऑफिस हैं, जो ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक हैं. इस योजना का लाभ ग्रामीण इलाकों से सबसे ज्यादा रुझान मिल रहा है, क्योंकि वहां पर कोई बैंक नहीं होता है. पोस्ट ऑफिस डोर-टू-डोर लोगों तक पहुंचता है. इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी पोस्ट मास्टर और पोस्टमैन कर रहे हैं. जिसका नतीजा है कि आज इन सालों में 20 हजार खाते खुल चुके हैं. पिछले साल की बात करें, तो 6 हजार 500 खाते खुले हैं. इस बार भी ज्यादा से ज्यादा खाता खोलने की बात की जा रही है. लोगों का धीरे-धीरे इसके लिए रुझान बढ़ा रहा है और लोग बेटियों का भविष्य संवारने के लिए जागरूक हो रहे हैं.

'बच्चियों के बेहतर भविष्य के लिए बचत करना जरूरी'

  • पोस्ट ऑफिस पहुंची कुमारी साहू बताती हैं कि वे सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अपनी 3 महीने की बेटी का खाता खुलाने पहुंची है. उनका कहना है कि बेटी के भविष्य में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए अभी से ही तैयारी कर रहीं हैं.
  • देव कुमारी का कहना है कि इस योजना के तहत खाते में सबसे ज्यादा ब्याज दर है, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी बच्ची का खाता खोला है और अपनी बचत के पैसों को यहां जमा करती हैं. उनका कहना है कि भविष्य में शिक्षा के लिए ज्यादा पैसे लगने की संभावना है.
  • मीनाक्षी का मानना है कि कोई कितना भी अमीर हो, लेकिन बच्चों को पढ़ाना हो तो पैसे कम पड़ ही जाते हैं. वे कहती हैं कि सुकन्या योजना के तहत अगर माता-पिता को बच्ची के लिए बचत करने का माध्यम मिल रहा है, तो यह बेटी का भविष्य संवारने का सबसे बेहतर तरीका है.

लोगों को जागरूक करने पोस्ट ऑफिस कर रहा प्रचार-प्रसार

संभागीय निरीक्षक शैलेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि सुकन्या योजना का पोस्ट ऑफिस के माध्यम से बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. माता-पिता रोजाना बेटियों के लिए खाता खुलवाने के लिए पहुंचते हैं. इससे बच्चियों की पढ़ाई और शादी की फिक्र कम हो जाती है. हर महीने अगर बेटियों के नाम से 1 हजार रुपए की बचत की जाए और बेटी के बड़े होने पर वह जमा की हुई राशि का 4 गुना वापस मिले, ये भविष्य संवारने का सबसे अच्छा रास्ता है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुकन्या समृद्धि योजना का फायदा लेना चाहिए और बेटियों का भविष्य उज्जवल बनाना चाहिए.

महासमुंद: बढ़ती महंगाई के बीच जीवनयापन करना लोगों के लिए मुश्किल होता जा रहा है. इस बीच परिवार में बच्चों को पढ़ाना-लिखाना और उनकी परवरिश बड़ी चुनौती बन जाती है. अगर घर में बेटी हो, तो माता-पिता को उसे अच्छी शिक्षा देने, कुछ अच्छे मुकाम तक पहुंचाने और फिर शादी करने की चिंता सताने लगती है. ऐसे में जिनके घर बेटियां हैं, उनके भविष्य को संवारने के लिए केंद्र सरकार ने 'सुकन्या समृद्धि योजना' लॉन्च की थी. यह योजना 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत शुरू की गई थी. ETV भारत की टीम इस योजना से मिलने वाले लाभ के बारे में जानने के लिए महासमुंद के पोस्ट ऑफिस पहुंची, जहां बच्चियों के माता-पिता इस योजना से संतुष्ट और खुश नजर आए.

सुकन्या समृृद्ध योजना से संवरेगा बेटियों का भविष्य

सुकन्या समृद्धि योजना 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत चल रही एक बेहतरीन योजना है. इस योजना की शुरुआत 2015 में प्रधानमंत्री ने की थी. सुकन्या समृद्धि भारत की एक छोटी बचत योजना है. इस योजना के तहत माता-पिता या कानूनी अभिभावक कन्या के नाम से खाता खोल सकते हैं. इस योजना के अंतर्गत खाता खुलवाने के लिए बच्ची की आयु सीमा 10 साल से कम होनी चाहिए.

sukanya samriddh yojana in mahasamund
सुकन्या समृृद्ध योजना से संवरेगा बेटियों का भविष्य

15 साल में 4 गुणा बढ़ेगी जमा राशि

सुकन्या समृद्धि योजना महासमुंद के लिए वरदान साबित हो रही है. जो महिलाएं कभी अपनी बच्चियों की पढ़ाई और शादी को लेकर चिंता करती थीं, इस योजना का लाभ उठाकर बेफिक्र हैं. बेटियों के भविष्य के लिए पैसा जमा कर माता-पिता खुशहाल जीवन जी रहे हैं. इस योजना की सबसे खास बात ये है कि करीब 15 साल तक हर महीने 1 हजार रुपए जमा करने पर मिलने वाली राशि करीब 5 लाख 10 हजार होगी. बेटी के बड़े होने तक उसकी अच्छी शिक्षा के लिए ये राशि मददगार होगी.

साल 2015 से अब तक 20 हजार बेटियों के खुले खाते

महासमुंद में 2015 से लेकर आज तक बेटियों के लिए करीब 20 हजार खाते खुल चुके हैं. महिलाएं बताती हैं कि सुकन्या योजना के तहत बेटियों का खाता खोलकर वे खुश हैं और भविष्य को लेकर उनकी चिंता खत्म हो चुकी है. महिलाओं ने जानकारी देते हुए बताया कि बेटियों की पढ़ाई और शादी को लेकर घर-परिवार में हमेशा चिंता बनी रहती थी, लेकिन अब छोटी-छोटी रकम जमा कर वे बच्चियों का भविष्य संवार रहीं हैं. बेटियों के 18 या 25 साल के होने पर जमा की गई रकम को निकाला जा सकता है. आखिर में मिलने वाली ये राशि जमा की गई राशि का चार गुना होती है. जैसे-जैसे लोगों को इस योजना के बारे में जानकारी हो रही है, वे अपनी बच्चियों के लिए खाते खुलवा रहे हैं.

सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खोलने के नियम

  • जिनके घर 10 साल से कम उम्र की बेटी है, वह इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
  • एक बच्ची के लिए एक ही खाता खोला जा सकता है. पोस्ट ऑफिस में ही इस योजना के तहत खाता खुलाने की सुविधा है.
  • बेटी के 18 साल के होने पर उसकी उच्च शिक्षा के लिए सुकन्या समृद्धि खाते से 50 फीसदी तक रकम निकाली जा सकती है.
  • सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाने के लिए शुरू में 250 रुपए लगेंगे. इसके बाद 100 रुपए से ज्यादा कि राशि खाते में जमा की जा सकती है.
  • खाता खुलवाने के बाद एक बार या कई बार में अधिकतम डेढ़ लाख तक की राशि खाते में जमा कराई जा सकती है.
  • खाते खोलने के दिन से 15 साल तक पैसे जमा किए जा सकते हैं. मान लें अगर बेटी 9 साल की है, तो उसके 24 साल की उम्र हो जाने तक पैसे जमा कराए जा सकते हैं.
  • 100 हजार के हिसाब से 15 साल तक करीब 1 लाख 80 हजार रुपए जमा होंगे. समयावधि पूरी होने के बाद जमा की गई ये राशि 5 लाख 10 हजार हो जाएगी. ब्याज दर 7.6 प्रतिशत है.
  • बेटी के 24 से 30 साल के होने तक खाते में जमा किए गए रकम पर ब्याज मिलता रहता है.
  • सुकन्या समृद्धि खाते में न्यूनतम राशि जमा ना किए जाने पर यह अनियमित हो जाता है. इसे 50 रुपए सालाना की पेनाल्टी देकर नियमित कराया जा सकता है. इसके अलावा हर साल जमा करने वाली न्यूनतम राशि भी देना होगा.
  • पेनाल्टी ना चुकाने पर सुकन्या समृद्धि खाते में जमा राशि पर पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट के बराबर ही ब्याज मिलेगा. यह करीब 4 फीसदी है.
  • अगर सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज ज्यादा चुका दिया गया है, तो उसे रिवाइज किया जा सकता है.
  • इस स्कीम का लाभ सिर्फ भारत में रहने वाली बेटियों को ही मिलता है, यानी अनिवासी भारतीय सुकन्या समृद्धि खाता नहीं खुला सकते.
  • अगर बेटी की नागरिकता बदलती है, तो उसी दिन से सुकन्या समृद्धि खाते पर ब्याज मिलना बंद हो जाएगा.
  • सुकन्या समृद्धि योजना में किए जाने वाले निवेश पर टैक्स छूट के साथ इससे मिलने वाला रिटर्न भी टैक्स फ्री होता है.

महासमुंद में खुले बेटियों के 20 हजार खाते

सुकन्या समृद्धि योजना का प्रचार पोस्ट ऑफिस के माध्यम से बड़े ही व्यापक रूप से किया जा रहा है. महासमुंद में पोस्ट ऑफिस का एक बड़ा नेटवर्क है. यहां पूरे जिले में 137 पोस्ट ऑफिस हैं, जो ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक हैं. इस योजना का लाभ ग्रामीण इलाकों से सबसे ज्यादा रुझान मिल रहा है, क्योंकि वहां पर कोई बैंक नहीं होता है. पोस्ट ऑफिस डोर-टू-डोर लोगों तक पहुंचता है. इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी पोस्ट मास्टर और पोस्टमैन कर रहे हैं. जिसका नतीजा है कि आज इन सालों में 20 हजार खाते खुल चुके हैं. पिछले साल की बात करें, तो 6 हजार 500 खाते खुले हैं. इस बार भी ज्यादा से ज्यादा खाता खोलने की बात की जा रही है. लोगों का धीरे-धीरे इसके लिए रुझान बढ़ा रहा है और लोग बेटियों का भविष्य संवारने के लिए जागरूक हो रहे हैं.

'बच्चियों के बेहतर भविष्य के लिए बचत करना जरूरी'

  • पोस्ट ऑफिस पहुंची कुमारी साहू बताती हैं कि वे सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अपनी 3 महीने की बेटी का खाता खुलाने पहुंची है. उनका कहना है कि बेटी के भविष्य में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए अभी से ही तैयारी कर रहीं हैं.
  • देव कुमारी का कहना है कि इस योजना के तहत खाते में सबसे ज्यादा ब्याज दर है, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी बच्ची का खाता खोला है और अपनी बचत के पैसों को यहां जमा करती हैं. उनका कहना है कि भविष्य में शिक्षा के लिए ज्यादा पैसे लगने की संभावना है.
  • मीनाक्षी का मानना है कि कोई कितना भी अमीर हो, लेकिन बच्चों को पढ़ाना हो तो पैसे कम पड़ ही जाते हैं. वे कहती हैं कि सुकन्या योजना के तहत अगर माता-पिता को बच्ची के लिए बचत करने का माध्यम मिल रहा है, तो यह बेटी का भविष्य संवारने का सबसे बेहतर तरीका है.

लोगों को जागरूक करने पोस्ट ऑफिस कर रहा प्रचार-प्रसार

संभागीय निरीक्षक शैलेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि सुकन्या योजना का पोस्ट ऑफिस के माध्यम से बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. माता-पिता रोजाना बेटियों के लिए खाता खुलवाने के लिए पहुंचते हैं. इससे बच्चियों की पढ़ाई और शादी की फिक्र कम हो जाती है. हर महीने अगर बेटियों के नाम से 1 हजार रुपए की बचत की जाए और बेटी के बड़े होने पर वह जमा की हुई राशि का 4 गुना वापस मिले, ये भविष्य संवारने का सबसे अच्छा रास्ता है. ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुकन्या समृद्धि योजना का फायदा लेना चाहिए और बेटियों का भविष्य उज्जवल बनाना चाहिए.

Last Updated : Oct 13, 2020, 3:14 PM IST
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