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महासमुंद: खुले आसमान के नीचे 28 लाख क्विंटल धान, प्रशासन बेपरवाह

धान खरीदी केंद्रों में प्रशासन की लापरवाही थोड़ी सी बारिश में ही नजर आने लग गई है. खुले आसमान के नीचे रखे धान के बोरे पानी में भीग गए हैं. जब बरोडा धान खरीदी केंद्र में ETV भारत की टीम पहुंची, तो कर्मचारी धान खरीदी केंद्र से ही लापता थे.

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Published : Feb 7, 2020, 6:24 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 12:05 AM IST

28 lakh quintals of paddy lying in the open in mahasamund
खुले आसमान के नीचे 28 लाख क्विंटल धान

महासमुंद: 2 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने धान खरीदी केंद्रों का हाल-बेहाल कर दिया है. धान खरीदी केंद्रों में प्रशासन ने जो धान के रखरखाव को लेकर इंतजाम किया था, बारिश ने व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है. सोसायटियों में बइंतजामी से धान खराब हो रहा है. धान खरीदी केंद्रों में जो किसानों के धान रखा हुया हैं, वो भी पानी पड़ने से खराब हो रहा है, जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं.

खुले आसमान के नीचे 28 लाख क्विंटल धान

इसी कड़ी में जब ETV भारत की टीम ने धान खरीदी केंद्रों का जायजा लेने पहुंची, तो यहां खुले आसमान के नीचे धान के बोरे रखे थे. रुक-रुककर हो रहे बारिश से जहां, किसान अपने धान को लेकर चिंतित हैं, तो वहीं बरोडा सोसाइटी के कर्मचारी भी लापता थे.

खुले आसमान के नीचे 28 लाख क्विंंटल धान
बता दें कि '1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है. इस साल 1लाख 34 हजार 247 किसानों ने अपना पंजीयन कराया और अभी तक 1 लाख 20 हजार 423 किसानों ने 59 लाख क्विंटल धान बेचा है, जिसमें से एक 31 लाख क्विंटल धान का परिवहन किया गया है. बाकी बचा 28 लाख क्विंटल धान अभी भी खरीद केंद्रों में ही पड़ा है. जिले में 127 खरीदी केंद्रों के माध्यम से धान की खरीदी की जा रही है.

धान खरीदी केंद्रों में खरीदी बंद
प्रशासन सोसाइटी को लाखों रुपए देने की बात कह रहा है, लेकिन 2 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने विपणन विभाग के सारे दावों की पोल खोलकर रख दी है. धान खरीदी केंद्रों में धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है, जो भीग गया है. इतना ही नहीं धान खरीदी केंद्रों में बारदाना नहीं होने के कारण ज्यादातर खरीद केंद्र बंद पड़े हैं.

किसानों के लिए बारिश बनीं मुसीबत
मामले में जब आला अधिकारियों से बातचीत की गई, तो वो अपना ही राग अलाप रहे हैं. गौरतलब है कि 13 हजार 824 किसानों ने अभी तक अपना धान नहीं बेचा है. धान खरीदी के लिए 7 दिन ही बचे हैं, ऐसे में मौसम का खराब होना किसानों के लिए बड़ी मुसीबत है.

महासमुंद: 2 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने धान खरीदी केंद्रों का हाल-बेहाल कर दिया है. धान खरीदी केंद्रों में प्रशासन ने जो धान के रखरखाव को लेकर इंतजाम किया था, बारिश ने व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है. सोसायटियों में बइंतजामी से धान खराब हो रहा है. धान खरीदी केंद्रों में जो किसानों के धान रखा हुया हैं, वो भी पानी पड़ने से खराब हो रहा है, जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं.

खुले आसमान के नीचे 28 लाख क्विंटल धान

इसी कड़ी में जब ETV भारत की टीम ने धान खरीदी केंद्रों का जायजा लेने पहुंची, तो यहां खुले आसमान के नीचे धान के बोरे रखे थे. रुक-रुककर हो रहे बारिश से जहां, किसान अपने धान को लेकर चिंतित हैं, तो वहीं बरोडा सोसाइटी के कर्मचारी भी लापता थे.

खुले आसमान के नीचे 28 लाख क्विंंटल धान
बता दें कि '1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है. इस साल 1लाख 34 हजार 247 किसानों ने अपना पंजीयन कराया और अभी तक 1 लाख 20 हजार 423 किसानों ने 59 लाख क्विंटल धान बेचा है, जिसमें से एक 31 लाख क्विंटल धान का परिवहन किया गया है. बाकी बचा 28 लाख क्विंटल धान अभी भी खरीद केंद्रों में ही पड़ा है. जिले में 127 खरीदी केंद्रों के माध्यम से धान की खरीदी की जा रही है.

धान खरीदी केंद्रों में खरीदी बंद
प्रशासन सोसाइटी को लाखों रुपए देने की बात कह रहा है, लेकिन 2 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने विपणन विभाग के सारे दावों की पोल खोलकर रख दी है. धान खरीदी केंद्रों में धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है, जो भीग गया है. इतना ही नहीं धान खरीदी केंद्रों में बारदाना नहीं होने के कारण ज्यादातर खरीद केंद्र बंद पड़े हैं.

किसानों के लिए बारिश बनीं मुसीबत
मामले में जब आला अधिकारियों से बातचीत की गई, तो वो अपना ही राग अलाप रहे हैं. गौरतलब है कि 13 हजार 824 किसानों ने अभी तक अपना धान नहीं बेचा है. धान खरीदी के लिए 7 दिन ही बचे हैं, ऐसे में मौसम का खराब होना किसानों के लिए बड़ी मुसीबत है.

Intro:एंकर- 2 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने प्रशासन द्वारा धान खरीदी केंद्रों में धान की सुरक्षा के लिए किए गए इंतजाम की पोल खोल कर रख दी है जी हां ऐसा ही कुछ नजारा महासमुंद जिले के धान खरीदी केंद्रों में देखने को मिल रहे। ईटीवी भारत की टीम ने जब धान खरीदी केंद्रों का दौरा किया। धान खरीदी केंद्रों में खुले आसमान के नीचे धान के बोरे रखे थे। कुछ धान स्टेको में पन्नी लगी थी पर ज्यादातर धान के स्टेट खुले मिले जहां किसान धान खरीदी बंद वह अपने ध्यान को खुले में देखकर चिंतित थे। वही बरोडा सोसाइटी के कर्मचारी सोसाइटी केंद्र में ही नहीं थे।


Body:वीओ1- महासमुंद जिले में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है इस वर्ष 1लाख34हजार247 किसानों ने अपना पंजीयन कराया और अभी तक 1लाख20हजार423 किसानों ने 59 लाख धान बेचा जिसमें से एक 31लाख क्विंटल धान का परिवहन किया गया है शेष 28 क्विंटल धान अभी भी धान खरीदी केंद्रों में पड़ा है जिले में 127 ध्यान केंद्र खरीदी केंद्रों के माध्यम धान की खरीदी की जा रही है विपणन विभाग सुरक्षा के नाम पर लाखों रुपए सोसाइटी को देने की बात कह रही है पर 2 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से नहीं विपणन विभाग के सारे दावों को पोल खोल दिए धान खरीदी केंद्रों में धान खुले आसमान के नीचे पड़े हुए जोकि भीग गए हैं और 2 दिनों में बारिश व बारदाना नहीं होने के कारण जिले के ज्यादातर धान खरीदी केंद्रों में धान खरीदी बंद है जिससे किसान काफी परेशान हैं ईटीवी भारत की टीम ने बेलसोंडा सोसाइटी का दौरा किया और किसानों से की बातचीत।


Conclusion:वीओ2--इस पूरे मामले में आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे हैं गौरतलब है कि 13824 किसानों ने अभी तक अपना धान नहीं भेजा है और धान खरीदी के लिए 7 दिन शेष है ऐसे में मौसम का खराब हो जाना किसानों के लिए बड़ी मुसीबत है।

one2one - स्थानीय निवासी ग्राम बेलसोंडा किसान

बाइट 1 - संतोष पाठक जिला विपणन अधिकारी महासमुंद पहचान - जैकेट और स्काई कलर का शर्ट।

हकीमुद्दीन नासिर ईटीवी भारत महासमुंद छत्तीसगढ़
Last Updated : Feb 8, 2020, 12:05 AM IST
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