महासमुंद: 2 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने धान खरीदी केंद्रों का हाल-बेहाल कर दिया है. धान खरीदी केंद्रों में प्रशासन ने जो धान के रखरखाव को लेकर इंतजाम किया था, बारिश ने व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है. सोसायटियों में बइंतजामी से धान खराब हो रहा है. धान खरीदी केंद्रों में जो किसानों के धान रखा हुया हैं, वो भी पानी पड़ने से खराब हो रहा है, जिससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं.
इसी कड़ी में जब ETV भारत की टीम ने धान खरीदी केंद्रों का जायजा लेने पहुंची, तो यहां खुले आसमान के नीचे धान के बोरे रखे थे. रुक-रुककर हो रहे बारिश से जहां, किसान अपने धान को लेकर चिंतित हैं, तो वहीं बरोडा सोसाइटी के कर्मचारी भी लापता थे.
खुले आसमान के नीचे 28 लाख क्विंंटल धान
बता दें कि '1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है. इस साल 1लाख 34 हजार 247 किसानों ने अपना पंजीयन कराया और अभी तक 1 लाख 20 हजार 423 किसानों ने 59 लाख क्विंटल धान बेचा है, जिसमें से एक 31 लाख क्विंटल धान का परिवहन किया गया है. बाकी बचा 28 लाख क्विंटल धान अभी भी खरीद केंद्रों में ही पड़ा है. जिले में 127 खरीदी केंद्रों के माध्यम से धान की खरीदी की जा रही है.
धान खरीदी केंद्रों में खरीदी बंद
प्रशासन सोसाइटी को लाखों रुपए देने की बात कह रहा है, लेकिन 2 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने विपणन विभाग के सारे दावों की पोल खोलकर रख दी है. धान खरीदी केंद्रों में धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है, जो भीग गया है. इतना ही नहीं धान खरीदी केंद्रों में बारदाना नहीं होने के कारण ज्यादातर खरीद केंद्र बंद पड़े हैं.
किसानों के लिए बारिश बनीं मुसीबत
मामले में जब आला अधिकारियों से बातचीत की गई, तो वो अपना ही राग अलाप रहे हैं. गौरतलब है कि 13 हजार 824 किसानों ने अभी तक अपना धान नहीं बेचा है. धान खरीदी के लिए 7 दिन ही बचे हैं, ऐसे में मौसम का खराब होना किसानों के लिए बड़ी मुसीबत है.