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महासमुंद: फिर शुरू हुआ पलायन, 55 बच्चों समेत 167 मजदूरों को दलाल के चंगुल से छुड़ाया गया

लॉकडाउन में अपने-अपने राज्य लौटे मजदूर काम के लिए एक बार फिर पलायन को मजबूर हो रहे हैं. पिथौरा थाना क्षेत्र में मजदूरों और बच्चों को दलाल के चंगुल से छुड़ाया गया है. पुलिस ने 167 मजदूर और 55 बच्चों को मजदूर दलाल के चंगुल से छुड़ाया है.

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167 मजदूरों को दलाल के चंगुल से छुड़ाया गया
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Published : Nov 21, 2020, 6:52 PM IST

Updated : Nov 22, 2020, 12:17 PM IST

महासमुंद: छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के दौरान लौटे मजबूर काम की तलाश में फिर पलायन कर रहे हैं. अनलॉक तो हुआ लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. इससे छत्तीसगढ़ के मजदूर एक बार फिर परदेस जाने लगे हैं. श्रमिकों की मजबूरी का फायदा दलाल उठा रहे हैं. पिथौरा थाना क्षेत्र में पलायन कराए जा रहे मजदूरों और बच्चों को दलाल के चंगुल से छुड़ाया गया है.

महासमुंद में फिर शुरू हुआ पलायन

लॉकडाउन में बंगाल से बिहार पैदल जाने को मजबूर हुए मजदूर

पिथौरा पुलिस ने बताया कि जिले में एक बार फिर पलायन की स्थिति बन गई है. पिथौरा थाना क्षेत्र में 167 मजदूर और 55 बच्चों को मजदूर दलाल के चंगुल से छुड़ाया गया है. मजदूर दलाल गांव में बस पिकअप भेजकर मजदूरों को उत्तर प्रदेश ले जाने का काम कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने दलालों के गिरफ्त से मजदूरों को छुड़ा लिया गया है. बस और पिकअप से 44 पुरुष 23 महिला और 23 बच्चों को उत्तर प्रदेश जाते समय पुलिस ने छुड़ाया है.

अफगानिस्तान से पलायन करने को मजबूर सिख-हिंदू समुदाय के लोग

मजदूरों को दलाल के गिरफ्त से छुड़ाया गया
दलाल खुलेआम मजदूरों को पैसों का लालच देते हैं. गांव से मजदूरों को पैसे का लालच देकर भारी भरकम काम कराने के लिए दूसरे स्टेट ले जाते हैं. यह खेल प्रशासन की नाक के नीचे खेला जा रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी अपनी मजबूरी बता रहे हैं. कोतवाली पुलिस ने नदी मोड़ के पास मजदूरों को दलाल के गिरफ्त से छुड़ाया. वहीं इसी बीच बच्चों को भी छुड़वाकर श्रम विभाग को सौंपा गया है.

नंदू महंती मजदूरों को करा रहा पलायन
श्रम विभाग के पूछताछ में मजदूरों ने दलाल का नाम नंदू महंती बताया है, जो इस क्षेत्र में सक्रिय है. मजदूर दलाल खुलेआम बस और छोटे वाहनों को गांव में भेजता है. जहां से मजदूरों को पैसे का लालच देकर दूसरे राज्य के लिए पलायन कराया जाता है. मजदूरों के मुताबिक उन्हें यहां रोजगार नहीं मिल रहा है. इसलिए वह पलायन को मजबूर हैं.

महासमुंद: छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के दौरान लौटे मजबूर काम की तलाश में फिर पलायन कर रहे हैं. अनलॉक तो हुआ लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. इससे छत्तीसगढ़ के मजदूर एक बार फिर परदेस जाने लगे हैं. श्रमिकों की मजबूरी का फायदा दलाल उठा रहे हैं. पिथौरा थाना क्षेत्र में पलायन कराए जा रहे मजदूरों और बच्चों को दलाल के चंगुल से छुड़ाया गया है.

महासमुंद में फिर शुरू हुआ पलायन

लॉकडाउन में बंगाल से बिहार पैदल जाने को मजबूर हुए मजदूर

पिथौरा पुलिस ने बताया कि जिले में एक बार फिर पलायन की स्थिति बन गई है. पिथौरा थाना क्षेत्र में 167 मजदूर और 55 बच्चों को मजदूर दलाल के चंगुल से छुड़ाया गया है. मजदूर दलाल गांव में बस पिकअप भेजकर मजदूरों को उत्तर प्रदेश ले जाने का काम कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने दलालों के गिरफ्त से मजदूरों को छुड़ा लिया गया है. बस और पिकअप से 44 पुरुष 23 महिला और 23 बच्चों को उत्तर प्रदेश जाते समय पुलिस ने छुड़ाया है.

अफगानिस्तान से पलायन करने को मजबूर सिख-हिंदू समुदाय के लोग

मजदूरों को दलाल के गिरफ्त से छुड़ाया गया
दलाल खुलेआम मजदूरों को पैसों का लालच देते हैं. गांव से मजदूरों को पैसे का लालच देकर भारी भरकम काम कराने के लिए दूसरे स्टेट ले जाते हैं. यह खेल प्रशासन की नाक के नीचे खेला जा रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी अपनी मजबूरी बता रहे हैं. कोतवाली पुलिस ने नदी मोड़ के पास मजदूरों को दलाल के गिरफ्त से छुड़ाया. वहीं इसी बीच बच्चों को भी छुड़वाकर श्रम विभाग को सौंपा गया है.

नंदू महंती मजदूरों को करा रहा पलायन
श्रम विभाग के पूछताछ में मजदूरों ने दलाल का नाम नंदू महंती बताया है, जो इस क्षेत्र में सक्रिय है. मजदूर दलाल खुलेआम बस और छोटे वाहनों को गांव में भेजता है. जहां से मजदूरों को पैसे का लालच देकर दूसरे राज्य के लिए पलायन कराया जाता है. मजदूरों के मुताबिक उन्हें यहां रोजगार नहीं मिल रहा है. इसलिए वह पलायन को मजबूर हैं.

Last Updated : Nov 22, 2020, 12:17 PM IST
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