कोरिया: भरतपुर के ओदरागडई आश्रित ग्राम में साल 2005 में प्राथमिक स्कूल भवन बनने के लिए स्वीकृत हुआ था, जिसका काम भी चालू किया गया और उससे लाखों रुपए निकाल लिए गए, लेकिन आज भी स्कूल का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि स्कूल भवन निर्माण में कार्य करने वाले मजदूरों को भी आज तक इसका पैसा या मजदूरी भुगतान नहीं दिया गया. जिसके लिए समय-समय पर यहां की स्थानीय लोगों ने सचिवों से संपर्क भी किया लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी. लोगों ने यह भी बताया कि यही स्कूल भवन निर्माण ग्राम पंचायत की ओर से बनवाया जा रहा था और आज भी 25 से 30 साल पुराने प्राथमिक स्कूल भवन में ही बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जाता रहा है, जो बिल्डिंग भी पूरी तरह जर्जर हो चुकी है और कभी भी गिर सकती है.
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इस मामले को देखते हुए साफ समझा जा सकता है कि ग्राम पंचायतों के भ्रष्टाचार का खेल 2005 से ही चालू हो गया था, जोकि इस स्कूल भवन निर्माण कार्य में कार्य कर रहे मजदूरों को उनका भुगतान भी नहीं दिया गया. इससे साफ जाहिर होता है कि इस ग्राम पंचायत के सचिव ने मनमाने तरीके से पैसे का आहरण किया है. इसके कारण लोगों को मजदूरी तक नहीं मिली, यहां के अधिकारियों के लिए यह शर्मिंदगी भरी बात है, जिनपर वो विचार करें.