कोरिया : जिले के भरतपुर विकासखंड के हरचोका इलाके में राम गमन पथ का एक हिस्सा सीतामढ़ी नामक प्राचीन धार्मिक स्थल (Sitamarhi Religious Place of Koriya District) है. यह जगह रामगमन के पर्यटन स्थल के रूप इतिहास में भी दर्ज है. छतीसगढ़ में प्रभु श्रीराम भाई लक्ष्मण और सीता मइया के पहले प्रवेश के रूप में इस जगह को जाना जाता है. मवई नदी के किनारे पत्थरों को काटकर यह सीतामढ़ी बनाई गई है. जहां साल भर लोगों का आना जाना लगा रहता है.
पर्यटन स्थल में जल भराव: रामगमन के पर्यटन स्थल में सीतामढ़ी मंदिर पर जलभराव की स्थिति ने अव्यवस्था फैला ( Ramvan gaman Path in Koriya) दी है. ऐसा नही है कि मंदिर के रखरखाव के लिये शासकीय राशि स्वीकृत नही हुई. लेकिन करोड़ों की राशि से मंदिर के मरम्मत और उसकी व्यवस्था में कितना पैसा खर्च हुआ ये किसी को भी पता नही है. मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि ''वे जब से मंदिर में दर्शन करने आ रहे है तब और आज की स्थिति जस की तस है.''
कैसी है हरचोका की स्थिति : आज की स्तिथि में हरचोका इलाके में सीतामढ़ी मंदिर में अंदर पानी भर गया(Water filled in Sitamarhi religious place of Koriya district) है. इससे श्रद्धालुओं के साथ-साथ पण्डा-पुजारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. सीतामढ़ी मंदिर में उत्पन्न हुए हालात की वजह से श्रद्धालुओं को भी परेशानी हो रही है. बच्चों और बुजुर्गों को दर्शन लाभ नहीं मिल पा रहा.
कहां गए करोड़ों रुपए : शासन ने राम गमन पथ के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये हैं. लेकिन सीतामढ़ी के लिये खर्च किये गये पैसे कहां गये ये किसी को पता नही. आज भी मंदिर की हालत वही है जो आज से 10 साल पहले थी. ऐसे में आप सहज ही अंदाजा लगा सकते है की शासकीय पैसों का किस तरह बंदरबांट किया गया (Crores spent in Sitamarhi Koriya) होगा.
नागरिकों को हो रही परेशानी : श्रद्धालु गणेश तिवारी बताते हैं कि ''यहां पर भक्तों की भीड़ लगी रहती है और यहां पर काफी मात्रा में पानी भरा हुआ है. इसमें शासन को ध्यान देना चाहिए .यहां की व्यवस्था में नागरिक को कोई परेशानी ना हो इन चीजों के बारे में शासन कोई ध्यान नहीं दे रही है. इन समस्याओं का निवारण किया जाए.''
श्रद्धालुओं के टूटते हैं हाथ-पांव : अनिल कुमार मिश्रा बताते हैं कि ''सीतामढ़ी की हालत ऐसी है कि हमारे छत्तीसगढ़ में ऐसी हालत कहीं नहीं होगी.यहां पर जो श्रद्धालु आते हैं पानी में फिसलकर चोटिल हो रहे हैं.किसी का हाथ टूट रहा है तो किसी का पांव.इसमें शासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है ना ग्राम पंचायत ध्यान दे रही है.''
शासन से मदद की मांग : सत्येंद्र कुमार पांडे बताते हैं कि ''बरसात के मौसम के दिनों में बहुत सारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. पानी भर जाता है यह पानी नहीं निकल पता है. शासन से अनुरोध है पानी निकालने की व्यवस्था जल्द से जल्द करा दी जाए. पानी इतना भर जाता है बैठने की जगह नहीं रह पाती है. मौसम में पानी अंदर भर जाने की वजह से फिसलन की स्थिति भी बन जाती है.