ETV Bharat / state

इस गांव तक नहीं पहुंच पाई विकास की सड़क, कांधे पर लेकर जाते हैं अस्पताल - tribal development in koriya

कोरिया के कई गांवों में आज तक सड़क नहीं बन पाई है. इस वजह से यहां किसी की तबीयत बिगड़ने पर उसे खाट पर लेकर पैदल अस्पताल तक जाना पड़ता है.

Villagers take the woman to the cot
महिला को खाट पर ले जाते ग्रामीण
author img

By

Published : Jun 14, 2020, 2:02 PM IST

कोरिया: खड़गवां की नेवारीबहरा की पंडो बस्ती की सड़क, सरकार के विकास के दावों की पोल खोल रही है. तकरीबन सौ से ज्यादा मकान की इस बस्ती में आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई है. यहां रहने वाले लोग आने जाने के लिए पगडंडी का उपयोग करते हैं. गांव में स्वास्थ्य व्यवस्था भी नहीं है, जिसकी वजह से ग्रामीणों को पैदल चलकर अस्पताल जाना पड़ता है. बीते शुक्रवार को भी गांव में प्रसव के बाद एक महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई. ऐसे में ग्रामीण महिला को खाट पर लेकर अस्पताल पहुंचे.

रायपुर: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने आयुर्वेदिक उपाय, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए निर्देश

सरकार एक हमेशा जनजातियों के उत्थान के दावे करती है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. तकरीबन सौ से ज्यादा परिवार वाले पंडो बस्ती में आज तक सरकार की सड़क नहीं पहुंच पाई है. शुक्रवार को बस्ती की एक महिला सुनीता पंडो अचानक बेहोश हो गई, जिसके बाद परिजनों ने एंबुलेंस से संपर्क किया, लेकिन उन्हें कोई एंबुलेंस नहीं मिली. इसके बाद चिरमिरी से 108 एंबुलेंस गांव में बुलाई गई. बस्ती तक सड़क नहीं होने की वजह से एंबुलेंस 3 किलोमीटर पहले की रुक गई. ऐसे में ग्रामीण महिला को खाट पर लेकर एंबुलेंस तक पहुंचे.

कंधे पर लेकर पहुंचे एंबुलेंस तक

ग्रामीण रामलाल ने बताया कि 3 जून को सुनीता पंडो की घर में ही डिलीवरी कराई गई थी. इसके 2 दिन बाद शरीर में खून की कमी से महिला की तबीयत बिगड़ने लगी. बस्ती तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने की वजह से पहाड़ी रास्ते से महिला को खाट पर लेकर खेत और नाला का रास्ता तय कर एंबुलेंस तक पहुंचाया गया. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क को लेकर वे कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई सुविधा नहीं मिली है.

कोरिया: खड़गवां की नेवारीबहरा की पंडो बस्ती की सड़क, सरकार के विकास के दावों की पोल खोल रही है. तकरीबन सौ से ज्यादा मकान की इस बस्ती में आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई है. यहां रहने वाले लोग आने जाने के लिए पगडंडी का उपयोग करते हैं. गांव में स्वास्थ्य व्यवस्था भी नहीं है, जिसकी वजह से ग्रामीणों को पैदल चलकर अस्पताल जाना पड़ता है. बीते शुक्रवार को भी गांव में प्रसव के बाद एक महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई. ऐसे में ग्रामीण महिला को खाट पर लेकर अस्पताल पहुंचे.

रायपुर: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने आयुर्वेदिक उपाय, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए निर्देश

सरकार एक हमेशा जनजातियों के उत्थान के दावे करती है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. तकरीबन सौ से ज्यादा परिवार वाले पंडो बस्ती में आज तक सरकार की सड़क नहीं पहुंच पाई है. शुक्रवार को बस्ती की एक महिला सुनीता पंडो अचानक बेहोश हो गई, जिसके बाद परिजनों ने एंबुलेंस से संपर्क किया, लेकिन उन्हें कोई एंबुलेंस नहीं मिली. इसके बाद चिरमिरी से 108 एंबुलेंस गांव में बुलाई गई. बस्ती तक सड़क नहीं होने की वजह से एंबुलेंस 3 किलोमीटर पहले की रुक गई. ऐसे में ग्रामीण महिला को खाट पर लेकर एंबुलेंस तक पहुंचे.

कंधे पर लेकर पहुंचे एंबुलेंस तक

ग्रामीण रामलाल ने बताया कि 3 जून को सुनीता पंडो की घर में ही डिलीवरी कराई गई थी. इसके 2 दिन बाद शरीर में खून की कमी से महिला की तबीयत बिगड़ने लगी. बस्ती तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने की वजह से पहाड़ी रास्ते से महिला को खाट पर लेकर खेत और नाला का रास्ता तय कर एंबुलेंस तक पहुंचाया गया. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क को लेकर वे कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई सुविधा नहीं मिली है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.