कोरिया : भारत देश में जितनी तेजी से बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. उतनी ही तेजी से ठगी करने का तरीका भी नया होता जा रहा ( Vacancy out in Koriya is fake) है. ठग हर दिन एक नया तरीका लोगों से पैसा ऐंठने के लिए निकालते हैं.कई बार तो ठग लोगों की पूरी गाढ़ी कमाई साफ कर देते हैं.कई बार ऐसे ठगों को पुलिस पकड़ती है. सजा भी होती है.लेकिन जेल से छूटने के बाद ये लोग फिर से इसी धंधे में लग जाते हैं.आलम ये है कि कई बार ठगी के आरोपों पकड़े जाते हैं.लेकिन कुछ मामलों को छोड़कर ठगे गए पैसों की रिकवरी नहीं होती. बीते दिनों कोरिया जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया.
ठगों ने निकाली फर्जी वैकेंसी : आपको बता दें कि सुदूर वनांचल विकासखंड भरतपुर के लगभग सभी ग्राम पंचायतों में डाक द्वारा एक विज्ञापन भेजा गया (Fake vacancy reached by post in development block Bharatpur) है. जिसमें सहायक शिक्षक,कंप्यूटर टीचर,नर्सरी टीचर और प्राइमरी टीचर की भर्तियां 4-4 पदों की निकाली गई है. इसका वेतनमान 2500 से लेकर 18500 तक बताया गया है. जिसमें भर्ती के नाम पर बेरोजगारों से पैसे लिए जा रहे हैं. इस विज्ञापन में फॉर्म शुल्क निर्धारित है. जो अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 550 और सामान्य वर्ग के लिए 650 रखी गई है. ठगों ने अभ्यर्थियों को बैंक ड्राफ्ट एजुकेशनल सर्विस न्यू दिल्ली के नाम से बनवाने को कहा है. साथ ही फार्म भरने की अंतिम तिथि 20 जुलाई रखी है. जिस पते पर फॉर्म भेजना है वह पता भी दिल्ली का दर्शाया गया है. जिसके बाद बताया गया है कि एजुकेशनल सर्विसेज न्यू दिल्ली अभ्यर्थियों का चयन कर ग्राम पंचायतों को बताएगा.
ग्राम पंचायतों को नहीं है जानकारी : जब ईटीवी भारत (ETV Bharat investigates fake vacancies) ने फार्म के बारे ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिव से बात की तो उन्होंने इस भर्ती की आधिकारिक पुष्टि नहीं की. रही बात चयनित अभ्यर्थियों के नाम को ग्राम पंचायतों के सरपंच को देने की तो सरपंच बच्चों की बैठने की व्यवस्था और शिक्षकों का पेमेंट कहां से करेगा. जिससे यह भर्ती फर्जी साबित हो रही है.
अधिकारी ने विज्ञापन को बताया फर्जी : इस मामले में जब हमारी बात विकासखंड शिक्षा अधिकारी भरतपुर (Block Education Officer Bharatpur told the recruitment to be fake) लक्ष्मण शर्मा से हुई तो उन्होंने भी इसे फर्जी बताया. लक्ष्मण शर्मा के मुताबिक ''इस प्रकार की कोई जानकारी हमारे विभाग के पास नहीं है और ना ही जिला में है.'' हम आपको बता दें कि विज्ञापन पर दिए फोन नंबर पर हमारे द्वारा कई बार कई नंबरों से फोन लगाया गया लेकिन किसी ने भी फोन रिसीव नहीं किया. इन सब बातों से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह विज्ञापन फर्जी है, इस पर दिए हुए डिमांड ड्राफ्ट के अकाउंट की जांच होनी चाहिए कि आखिर यह किसका अकाउंट है और कौन इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है. जिसकी मदद से भोले भाले ग्रामीण बेरोजगार अभ्यर्थियों को चूना लगाया जा रहा है.
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ईटीवी की पड़ताल में सामने आया सच : हमारी पड़ताल में यह विज्ञापन सिर्फ बेरोजगार युवकों को मनमोहक सब्जबाग दिखाकर पैसे ऐंठने के तरीके के तौर पर सामने आया है. हर ग्राम पंचायतों में इस कागज को भेजकर झूठी नौकरी का सपना दिखाया जा रहा है. आपको बता दें कि कई ग्राम पंचायतों के बेरोजगार अभ्यर्थी तो इस फार्म को भर भी चुके हैं और उन युवाओं का पैसा भी डूबता दिख रहा है. इस संपूर्ण मामले को देखते हुए अनुविभागीय अधिकारी भरतपुर अरुण कुमार सोनकर ने जनकपुर के सभी बैंकों को लेटर जारी कर फर्जी भर्ती पर बन रहे डीडी को ना बनाने हेतु पत्र लिखा है.