कोरिया : एयरटेल में नौकरी लगाने के नाम पर शहर में दो लड़के विज्ञापन का पम्पलेट (advertisement pamphlet) चिपका रहे थे. इस दौरान पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी (police patrol party) की उन पर नजर पड़ी. पूछताछ में जब आरोपी कुछ भी साक्ष्य नहीं दे पाए तो आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई (legal action) करते हुए न्यायालय में पेश कर दोनों को जेल भेजा गया.
फव्वारा चौक पर पुलिस ने पंपलेट चिपकाते पकड़ा
थाना बैकुंठपुर अंतर्गत कोतवाली पुलिस ने पेट्रोलिंग के दौरान उत्तर प्रदेश निवासी दो युवकों इंद्रेश कुमार और अमित सिंह को एयरटेल में नौकरी लगाने वाले विज्ञापन पम्पलेट को फव्वारा चौक बैकुंठपुर में चिपकाते देखा. पेट्रोलिंग पार्टी ने उन दोनों को विज्ञापन के बारे में विस्तार से बताने को कहा, जिसमें दोनों कुछ बता नहीं पाए. पुलिस को शक हुआ कि विज्ञापन फर्जी है और इस शक के आधार पर विज्ञापन में दिये गए नम्बरों पर फोन लगाया गया. इसमें सभी नम्बर इंगेज रहा और फोन भी नहीं लगा. इस संबंध में एयरटेल कंपनी से कोतवाली टीम ने जानकारी चाही तो पता लगा कि नौकरी के लिए ऐसा कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया गया है.
आरोपियों ने बस स्टैंड से फव्वारा चौक तक चिपकाया था पंपलेट
इसके बाद थाना बैकुंठपुर की पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. पूछताछ में उन दोनों ने बताया कि उन्होंने पोस्टर को बस स्टैंड से लेकर फव्वारा चौक तक चिपकाया है. बैकुंठपुर पुलिस टीम ने उन सभी विज्ञापनों को उन्हीं दोनों आरोपियों से उखड़वाया. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया.
एसपी ने की सतर्क रहने की अपील
कोरिया एसपी संतोष सिंह ने आम लोगों से अपील की है कि ऐसे फर्जी और भ्रामक विज्ञापन के झांसे में न आयें. ये बेरोजगार युवाओं को छलने का एक तरीका है. मोबाइल टावर के नाम पर बड़े-बड़े विज्ञापन दिये जा रहे हैं और लोगों से पैसे ठगे जा रहे हैं. ये ठग खुद को एयरटेल, आइडिया, ट्राई या दूरसंचार सेवा प्रदाताओं का एजेंट बताते हैं. इसके अलावा फर्जी विज्ञापन के पंपलेट बांटते हैं और फर्जी कॉल करके लोगों को कई तरह के ऑफर्स देते हैं.