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ODF जिले में खुले में शौच के लिए जाते हैं लोग ! - कोरिया न्यूज

कोरिया जिले को ODF तो घोषित कर दिया गया, लेकिन इसकी सच्चाई इससे उलट है. यहां दूरस्थ क्षेत्रों के कई गांव के लोग आज भी खुले में शौच के लिए जाते हैं.

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शौचालय निर्माण में गड़बड़ी
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Published : Feb 1, 2021, 4:48 PM IST

कोरिया: राज्य का पहला खुले में शौच मुक्त जिले के भरतपुर ब्लॉक का हाल बेहाल है. यहां कई ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जहां शौचालय निर्माण अभी भी अधूरा पड़ा है. हालत ये है कि आज भी लोग खुले में शौच करने बाहर जाते हैं.

शौचालय निर्माण में गड़बड़ी

अधूरे निर्माण के कारण खुले में शौच जाने की मजबूरी

जिले के भरतपुर विकासखंड के कई गांव के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. जो ओडीएफ जिले की पोल खोलने के लिए काफी है. इस ब्लॉक के कई गांव सघन वन्यक्षेत्र में हैं. यहां के कई दूर-दराज के इलाकों में ना सड़कें हैं, ना कोई आने-जाने के साधन है. ऐसे इलाके के गांवों में शौचालय निर्माण को लेकर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है.

पढ़ें: आवास के लिए रिश्वत नहीं दी तो शौचालय में रसोई बनाने को मजबूर गरीब महिला

इस ब्लॉक के तोजा ग्राम पंचायत के आश्रित गांव पोट्टा झोरकी में जगह-जगह शौचालयों का निर्माण तो दिख रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. लोगों को शौच के लिए जंगल जाना पड़ता है. जिसके कारण हमेशा जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है. ग्रामीणों का कहना है कि कई महीनों से शौचालय निर्माण अधूरा पड़ा है. ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में शाम के समय शौच के लिए निकले लोगों को भालुओं का शिकार होना पड़ता है.इस दौरान कई लोगों की जान भी जा चुकी है. प्रशासन भी मामले में लापरवाह बना हुआ है. सरकारी दस्तावेजों में जिले को ODF घोषित करने के लिए अधूरे शौचालय निर्माण के बाद भी शौच मुक्त जिला होने का दावा कर दिया गया.

कोरिया: राज्य का पहला खुले में शौच मुक्त जिले के भरतपुर ब्लॉक का हाल बेहाल है. यहां कई ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जहां शौचालय निर्माण अभी भी अधूरा पड़ा है. हालत ये है कि आज भी लोग खुले में शौच करने बाहर जाते हैं.

शौचालय निर्माण में गड़बड़ी

अधूरे निर्माण के कारण खुले में शौच जाने की मजबूरी

जिले के भरतपुर विकासखंड के कई गांव के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. जो ओडीएफ जिले की पोल खोलने के लिए काफी है. इस ब्लॉक के कई गांव सघन वन्यक्षेत्र में हैं. यहां के कई दूर-दराज के इलाकों में ना सड़कें हैं, ना कोई आने-जाने के साधन है. ऐसे इलाके के गांवों में शौचालय निर्माण को लेकर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है.

पढ़ें: आवास के लिए रिश्वत नहीं दी तो शौचालय में रसोई बनाने को मजबूर गरीब महिला

इस ब्लॉक के तोजा ग्राम पंचायत के आश्रित गांव पोट्टा झोरकी में जगह-जगह शौचालयों का निर्माण तो दिख रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. लोगों को शौच के लिए जंगल जाना पड़ता है. जिसके कारण हमेशा जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है. ग्रामीणों का कहना है कि कई महीनों से शौचालय निर्माण अधूरा पड़ा है. ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में शाम के समय शौच के लिए निकले लोगों को भालुओं का शिकार होना पड़ता है.इस दौरान कई लोगों की जान भी जा चुकी है. प्रशासन भी मामले में लापरवाह बना हुआ है. सरकारी दस्तावेजों में जिले को ODF घोषित करने के लिए अधूरे शौचालय निर्माण के बाद भी शौच मुक्त जिला होने का दावा कर दिया गया.

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