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कोरिया के कांदाबाडी पहुंचा सात हाथियों का दल, ग्रामीणों में दहशत - seven elephants reached Kandabadi

कोरिया के कांदाबाडी में सात हाथियों का दल पहुंचा है. इन हाथियों पर वन विभाग नजर बनाए हुए है. वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि लोग हाथियों से दूर रहे है.

seven elephants reached kandabadi
कांदाबाडी पहुंचा सात हाथियों का दल
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Published : Aug 31, 2021, 10:26 PM IST

कोरिया: वनमंडल मनेंद्रगढ़ सीमा से सात हाथियों का दल कोरिया के बैकुंठपुर के कांदाबाड़ी में चहल कदमी कर रहा है. बैकुंठपुर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी इन हाथियों के दल पर नजर बनाए हुए हैं. वहीं हाथियों का दल पहुंचने से ग्रामीणों में दहशत है.

बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र के अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र के सलबा के समीप कांदाबाड़ी में पहुंचे हैं. इस दौरान अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है. एहतियातन आसपास के ग्राम में परचा, बस्ती, मेको, सलवा, सलका, सरईगहना के लोगों को खबर दे दी गई है. वहीं वन विभाग ने लोग से हाथियों के दल से दूर रहने कहा है और उन्हें किसी प्रकार की छेड़छाड़ या नुकसान पहुंचाने की कोशिश ना करने की अपील की है.

इस दौरान बीती रात हाथियों का दल बिशुनपुर के जूनापारा से होता हुआ अपने पूर्ववर्ती रास्ते से कांदाबाड़ी पहुंचा. जानकारों का कहना है कि हाथियों के बीते वर्षों के विचरण पर गौर किया जाए तो कांदाबाड़ी में हाथियों का दल कुछ दिन ठहर सकता है. यही कारण है कि आसपास के गांव के लोगों में खतरा बढ़ गया है.

केल्हारी से विचरण करते हुए पहुंचा दल
बताया जा रहा है कि हाथियों का यह दल गत सप्ताह जनकपुर के केल्हारी क्षेत्र से विचरण करते हुए मध्य प्रदेश के जंगल सीमा में पहुंचा. जहां हाथियों का समूह कोतमा जनपद के ग्राम पंचायत साजाटोला के जंगल क्षेत्र से कोरिया जिले की सीमा में प्रवेश कर गया.


कांदाबाडी का रहा है खूनी इतिहास
कांदाबाडी के इतिहास में हाथियों के दल बेहद आक्रामक रहे हैं. 3 साल पहले सात हाथियों की समूह ने अरहर के खेत में पटाका फोड़ने पर एक युवक की जान ले ली थी. तो कुछ साल और पीछे जाये तो यहीं पर पत्थर फोड़ने वाले लोगों पर हाथियों का कहर बरपा था. कई लोगों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा था.

कोरिया: वनमंडल मनेंद्रगढ़ सीमा से सात हाथियों का दल कोरिया के बैकुंठपुर के कांदाबाड़ी में चहल कदमी कर रहा है. बैकुंठपुर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी इन हाथियों के दल पर नजर बनाए हुए हैं. वहीं हाथियों का दल पहुंचने से ग्रामीणों में दहशत है.

बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र के अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र के सलबा के समीप कांदाबाड़ी में पहुंचे हैं. इस दौरान अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है. एहतियातन आसपास के ग्राम में परचा, बस्ती, मेको, सलवा, सलका, सरईगहना के लोगों को खबर दे दी गई है. वहीं वन विभाग ने लोग से हाथियों के दल से दूर रहने कहा है और उन्हें किसी प्रकार की छेड़छाड़ या नुकसान पहुंचाने की कोशिश ना करने की अपील की है.

इस दौरान बीती रात हाथियों का दल बिशुनपुर के जूनापारा से होता हुआ अपने पूर्ववर्ती रास्ते से कांदाबाड़ी पहुंचा. जानकारों का कहना है कि हाथियों के बीते वर्षों के विचरण पर गौर किया जाए तो कांदाबाड़ी में हाथियों का दल कुछ दिन ठहर सकता है. यही कारण है कि आसपास के गांव के लोगों में खतरा बढ़ गया है.

केल्हारी से विचरण करते हुए पहुंचा दल
बताया जा रहा है कि हाथियों का यह दल गत सप्ताह जनकपुर के केल्हारी क्षेत्र से विचरण करते हुए मध्य प्रदेश के जंगल सीमा में पहुंचा. जहां हाथियों का समूह कोतमा जनपद के ग्राम पंचायत साजाटोला के जंगल क्षेत्र से कोरिया जिले की सीमा में प्रवेश कर गया.


कांदाबाडी का रहा है खूनी इतिहास
कांदाबाडी के इतिहास में हाथियों के दल बेहद आक्रामक रहे हैं. 3 साल पहले सात हाथियों की समूह ने अरहर के खेत में पटाका फोड़ने पर एक युवक की जान ले ली थी. तो कुछ साल और पीछे जाये तो यहीं पर पत्थर फोड़ने वाले लोगों पर हाथियों का कहर बरपा था. कई लोगों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा था.

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