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Teachers day 2022 कोरिया में कई छात्रों का भविष्य बनाने वाले शिक्षक

Teachers day 2022 शिक्षक समाज को आईना दिखाता है.समाज से अपने छात्रों को रुबरु कराता है. शिक्षक ना हो तो आने छात्रों को उनके आने वाले भविष्य में कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन छात्रों की कठिनाईयों को दूर करने वाला शिक्षक खुद भी कठिन परीक्षा गुजरता है. छोटी जगहों की निजी स्कूलों में शिक्षकों की स्थिति उतनी अच्छी नहीं होती. लेकिन फिर भी वो जिन्हें शिक्षा देता है. उनसे आने वाले समय में कुछ बड़ा करने की उम्मीद रखता है.

कोरिया में कई छात्रों का भविष्य बनाने वाले शिक्षक
कोरिया में कई छात्रों का भविष्य बनाने वाले शिक्षक
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Published : Sep 5, 2022, 7:07 PM IST

Updated : Sep 5, 2022, 7:33 PM IST

कोरिया : अभाव में रहने के बावजूद भी समाज को साक्षर बनाने का काम अगर कोई कर सकता है तो वह मात्र शिक्षक ही कर सकता है. जो चाहता है कि उसके द्वारा पढ़ाये गए बच्चे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के आयाम छुए. कुछ ऐसी ही मिसाल प्रदेश की प्रथम विधानसभा भरतपुर सोनहत के नगर पंचायत खोंगापानी में रहने वाले शिक्षक महेंद्र पांडे में मिलती (Teacher made the future of many students in koriya ) है. जो एक निजी शिक्षण संस्थान में पढ़ाते हुए अब सेवानिवृत्ति की ओर अग्रसर हैं. लेकिन अपने जीवन काल में उन्होंने ऐसे कई कार्य किए हैं . जिसने उन्हें छात्र छात्राओं के साथ ही पूरे क्षेत्र में लोकप्रिय बना दिया. मध्यम वर्गीय परिवार के महेंद्र पांडे खोंगापानी के यमुना प्रसाद शास्त्री स्कूल में अध्यापन का कार्य करते हैं. उनके पढ़ाए हुए कई बच्चे आज देश में कई संस्थानों में कार्य कर रहे हैं .Teachers day 2022

शिक्षा का असर : शिक्षक महेंद्र पांडे के संस्कारों का असर उनके बच्चों में भी देखा जा सकता है. उनके बड़े पुत्र दीपक पांडे देश के प्रतिष्ठित फार्मा कंपनी सिपला में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं. तो वहीं छोटे पुत्र नीरज पांडे एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष (NSUI State President Neeraj Pandey) हैं. बीते वर्ष नीरज को छात्रों के लिए कार्य करने वाले संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई का छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. नीरज मानते हैं कि जब तक छात्रों के हितों की अनदेखी की जाएगी, तब तक छात्र अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे. यही वजह है कि वे इस ओर लगातार प्रयास कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- कोरिया के सिंगरौली प्राथमिक स्कूल में हाईटेक तकनीक से पढ़ाई

पढ़ाई के साथ हित की लड़ाई : महेंद्र पांडे ने शिक्षक के तौर पर जहां एक ओर बच्चों को पढ़ना सिखाया. तो एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष बेटे नीरज ने छात्रों को अपने हक के लिए लड़ना सिखाया. नीरज पांडे ने कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई होने पर ऑनलाइन परीक्षा की मांग राज्य सरकार से की और प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित हुई. वहीं प्रदेश भर में आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षा की फीस माफ भी करवाई. नीरज कहते हैं मैं जब भी छात्रों के बीच जाता हूं वहां प्रतिभावान छात्रों की आर्थिक समस्या से रूबरू होता हूं तो उनकी समस्याओं को मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों के जरिये दूर कराने का कार्य करता हूं.

कोरिया : अभाव में रहने के बावजूद भी समाज को साक्षर बनाने का काम अगर कोई कर सकता है तो वह मात्र शिक्षक ही कर सकता है. जो चाहता है कि उसके द्वारा पढ़ाये गए बच्चे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के आयाम छुए. कुछ ऐसी ही मिसाल प्रदेश की प्रथम विधानसभा भरतपुर सोनहत के नगर पंचायत खोंगापानी में रहने वाले शिक्षक महेंद्र पांडे में मिलती (Teacher made the future of many students in koriya ) है. जो एक निजी शिक्षण संस्थान में पढ़ाते हुए अब सेवानिवृत्ति की ओर अग्रसर हैं. लेकिन अपने जीवन काल में उन्होंने ऐसे कई कार्य किए हैं . जिसने उन्हें छात्र छात्राओं के साथ ही पूरे क्षेत्र में लोकप्रिय बना दिया. मध्यम वर्गीय परिवार के महेंद्र पांडे खोंगापानी के यमुना प्रसाद शास्त्री स्कूल में अध्यापन का कार्य करते हैं. उनके पढ़ाए हुए कई बच्चे आज देश में कई संस्थानों में कार्य कर रहे हैं .Teachers day 2022

शिक्षा का असर : शिक्षक महेंद्र पांडे के संस्कारों का असर उनके बच्चों में भी देखा जा सकता है. उनके बड़े पुत्र दीपक पांडे देश के प्रतिष्ठित फार्मा कंपनी सिपला में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं. तो वहीं छोटे पुत्र नीरज पांडे एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष (NSUI State President Neeraj Pandey) हैं. बीते वर्ष नीरज को छात्रों के लिए कार्य करने वाले संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई का छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. नीरज मानते हैं कि जब तक छात्रों के हितों की अनदेखी की जाएगी, तब तक छात्र अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे. यही वजह है कि वे इस ओर लगातार प्रयास कर रहे हैं.

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पढ़ाई के साथ हित की लड़ाई : महेंद्र पांडे ने शिक्षक के तौर पर जहां एक ओर बच्चों को पढ़ना सिखाया. तो एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष बेटे नीरज ने छात्रों को अपने हक के लिए लड़ना सिखाया. नीरज पांडे ने कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई होने पर ऑनलाइन परीक्षा की मांग राज्य सरकार से की और प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित हुई. वहीं प्रदेश भर में आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षा की फीस माफ भी करवाई. नीरज कहते हैं मैं जब भी छात्रों के बीच जाता हूं वहां प्रतिभावान छात्रों की आर्थिक समस्या से रूबरू होता हूं तो उनकी समस्याओं को मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों के जरिये दूर कराने का कार्य करता हूं.

Last Updated : Sep 5, 2022, 7:33 PM IST
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