कोरिया: छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरुवा, घुरुआ और बाड़ी के तहत निर्मित गौठान में शैक्षणिक भ्रमण हुआ. शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जनकपुर के छात्र छात्राओं को गौठान की प्राकृतिक वातावरण का अवलोकन कराया गया. बच्चों ने गौठान में गोबर से बने खाद के वर्मी कंपोस्ट जैविक खाद बनाने की विधि का भी अवलोकन किया गया.
बच्चों को शिक्षकों ने बताया कि गौठान बनने के बाद अब गांवों में वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन होने लगा है. महिला समूहों के माध्यम से गौठान के गोबर से जैविक खाद बनाया जा रहा है. इससे पंचायतों और महिलाओं को प्रोत्साहन मिल रहा है. भरतपुर ब्लॉक के गौठान में जैविक खाद का उत्पादन होने लगा हैं. यहां राज्य शासन के अति महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरुवा, घुरुआ और बाड़ी योजना की शुरुआत स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचकर किया था.
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बच्चों ने जाना कैसे बनता है वर्मी कम्पोस्ट खाद
शिक्षकों ने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट खाद की नर्सरी में और कई उपयोग है. इस खाद के उपयोग से पौधे तेजी से तैयार होते हैं. वर्मी कम्पोस्ट खाद जैविक खेती-किसानी के लिए काफी फायदेमंद है. विभिन्न शारीरिक बीमारियों को देखते हुए अब किसान स्वयं के खाने के लिए जैविक पद्धति से धान फसल लेना शुरू कर दिया है. ऐसे किसान रासायनिक खाद यूरिया के बजाय फसल में वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग करते हैं. इस खाद का उपयोग धान और सब्जी समेत विभिन्न प्रकार की खेती में होता है. सभी ने पर्यावरण अनुकूल कार्य करने का संकल्प लेते हुए अपने अपने घरों में कम से कम एक वृक्ष लगाने का संकल्प लिया.