कोरिया: कोरिया की बैकुंठपुर सीट से कांग्रेस विधायक और संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव के एनआरआई पति अमिताभ कुमार घोष ने एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिए बयान जारी किया है. अमिताभ कुमार घोष ने अंबिका सिंहदेव से राजनीति और पति में से किसी एक को चुनने की बात कही है. उन्होंने राजनीति को गंदा बताया है.
अमिताभ कुमार घोष ने क्या लिखा: अमिताभ घोष ने लिखा है कि "यह उनकी आखिरी पोस्ट है. उन्होंने पोस्ट पर कुछ लोगों पर बिना नाम लिए निशाना साधा है. लिखा है कि मोहब्बत है, तभी जाने दे रहा हूं. मैं तो सोमवार को आखिरी पोस्ट करना चहाता था. लेकिन अब थक गया हूं. ऐसे में एक दिन पहले ही पोस्ट के सिलसिले का अंत कर रहा हूं."
जिंदगी से भागकर कहां जाओगे:अमिताभ घोष ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि "काश सुशांत सिंह राजपूत और अन्य अनेक लोग चुप-चाप चले जाने से पहले थोड़ा हिम्मत करके मेरी तरह कुछ किए होते. जिंदगी से भाग के जाओगे कहां अब मतलब पर मैं क्यूँ चाहता हूं. अंबिका जी राजनीति छोड़ दें? छोटा सा उत्तर है राजनीति गंदी है.राजनीति इस विषय में विस्तार से मैं कुछ और नहीं लिखूंगा"
चोरी छिपे कुछ नहीं होता, जो होता है खुलेआम होता है: अमिताभ घोष ने आगे लिखा कि "चोरी छिपे कुछ नहीं होता. जो होता है खुलेआम होता है. आपको दिखाई नहीं देता? देता है पर आप कहोगे राजनीति तो ऐसा ही होता है. सही बात है. इसीलिए तो मैं कभी नहीं चाहा के मेरी पत्नी राजनीति में आए या रहे. आप अपनी पत्नी को छोड़ दोगे इस राजनीति के मैदान में? नहीं न तो हमसे यह उम्मीद क्यूं रखते हो साहब? आप में से बहुत लोग मुझे पहले से जानते हैं. कुछ पीछे दो साल से. एक जन भी तो आगे आकर हमसे बोले नहीं कि आप उन्हें समझाएं कि इस सियासी मैदान से बहार आ जाएं. जो-जो इस अपराध से जुड़े हैं, सबका संसार उजड़े"
अंबिका जी के साथ मेरा नाम जुड़ा: एनआरआई पति ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि" उल्टा आप अपने स्वार्थ और मतलब से अंबिका जी का साथ दिए. क्यूं अंबिका जी विधवा हैं. मैं मर गया हूं. डिवोर्सी हैं. मैं छोड़ के भाग आया हूं. अंबिका जी के साथ मेरा नाम हर जगह पर जुड़ा है. यहां तक कr उनके सरकारी बंगले के हर एक बिल पर मेरा नाम है. मैं ईश्वर पर भरोसा रखता हूं. मां रामदैया से प्रार्थना कर रहा हूं कि जो-जो इस अपराध से जुड़े हैं, सबका संसार ऐसे ही उजड़े. पूरे नामों की लिस्ट मैं मां के चरणों में रख के आया हूं. वो इंसाफ करें. जब आप पर बीतेगा तब आपको समझ में आएगा हम पर क्या गुजरा"
मैंने एक एक सबूत इक्टठा किया है: अमिताभ घोष ने आगे लिखा कि "अंबिका जी के राजनीति में आने से दो साल पहले मैं सब समझ रहा था इंग्लैंड से. 2021 से अब तक देखा-सुना-समझा. एक-एक करके इंडिया में सबूत इकठ्ठा किए. घबराइये मत मैं न ही किसी का नाम लेने वाला हूं न ही कोई सबूत जन समक्ष में लाने वाला हूं."
मेरी बीवी मुझे वापस मिल जाए: अमिताभ घोष ने आगे लिखा कि "अगर मजबूर न किए गए तो मुझे साहब किसीसे कुछ लेना देना नहीं. बस मेरी बीवी मुझे वापस मिल जाए. जो हुआ बहुत हुआ. मैं उनको पिछले चार साल से तो समझा ही रहा था वो नहीं सुने. फिर मैंने उन्हें कहा कि मैं क्या करूंगा. वह सोचे कि यह सिर्फ बोल रहे है कुछ करेगा नहीं. सबको एक हादसा जरूरी है. "
हादसा जरूरी है: अमिताभ घोष आगे लिखते हैं कि "नहीं हुजूर कौन सीखा है. सिर्फ बातों से सबको एक हादसा जरूरी है. कर दिया न मैंने हादसा अब फैसला अंबिका जी को लेना है. या तो वो राजनीति चुने या मुझे ऑप्शन दे दिया. निर्णय वो लें. साक्षी आप बनें. वो जो भी फैसला लेंगे मुझे स्वीकार है. एक शब्द भी और नहीं लिखूंगा इस विषय में. चलते-चलते सिर्फ आखिरी दो लाइन- मोहब्बत है इसीलिए जाने दे रहा हूं, जिद होती तो कहीं का नहीं रहती"
यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल पोस्ट की पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता. अब तक इस मामले में अंबिका सिंहदेव का कोई बयान नहीं आया है.