ETV Bharat / state

कोरिया में खबर का असर, श्मशान में जीवन बिता रही बीमार महिला को मिलेगी नई जिंदगी

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ रश्मि सोनकर ने श्मशान में जीवन बिता रही बीमार महिला की मदद के लिए कदम उठाए हैं. उन्होंने महिला को बैकुंठपुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया है. महिला आयोग अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक(Kiranmayi Nayak) ने मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर कोरिया कलेक्टर(koriya collector) से इस विषय में बात की है.

social-organization-helping-woman-living-in-crematorium-of-koriya
महिला को मिलेगी नई जिंदगी
author img

By

Published : Jun 4, 2021, 11:06 PM IST

कोरिया: मनेंद्रगढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत चौघड़ा पंचायत के शांतिनगर की महिला गंभीर बीमारी और लाचारी के कारण पिछले 5 महीने से श्मशान में अपनी जिंदगी काट रही थी. इस खबर को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. संस्थान ने बताया था कि लोगों को मरने के बाद मुक्तिधाम ले जाया जाता है लेकिन एक बीमार महिला को उसके बच्चों ने जीते-जी मुक्तिधाम में छोड़ दिया है. जहां वह मौत का इंतजार कर रही है. ETV भारत की खबर का असर हुआ है.

बीमार महिला को मिलेगी नई जिंदगी

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ रश्मि सोनकर गुरुवार को सुबह 1100 बजे मुक्तिधाम पहुंच कर उस महिला से बात की है. उन्हें नहलाकर नए कपड़े दिए गए हैं. महिला गंभीर रूप से बीमार थी. उसे इलाज के लिए मनेंद्रगढ़ के हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. बाद में बेहतर इलाज के लिए हॉस्पिटल बैकुंठपुर भेज दिया गया. मामले में समाज कल्याण विभाग ने महिला के इलाज और देखरेख की जिम्मेदारी ली है. डॉ रश्मि सोनकर ने समाज के सामने एक मिसाल पेश की है.

कोरिया में कलयुगी बच्चों ने जीते जी मां को पहुंचाया श्मशान, 5 महीने से मौत की राह देख रही महिला

महिला आयोग की अध्यक्ष ने लिया संज्ञान

सूचना मिलने के बाद महिला आयोग अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक(Kiranmayi Nayak) ने मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर कोरिया कलेक्टर(koriya collector) से इस विषय में बात की. मनेन्द्रगढ़ एसडीएम प्रशासनिक अमले के साथ मुक्तिधाम पहुंची. महिला से मुलाकात कर उसकी बीमारी की जानकारी ली. उसे मनेंद्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों की देखरेख में उनका उपचार जारी है.

ये है पूरा मामला

सोशल मीडिया में भरतपुर विधानसभा में आने वाले ग्राम पंचायत चैघडा के शांति नगर में रहने वाली बेबी सारथी के पति की 8 महीने पहले मौत हो गई थी. पति के मौत के बाद परिजन ने महिला की ओर ध्यान देना बंद कर दिया था. इस बीच वह गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गई. महिला के बच्चों और सास ने उसे मुक्तिधाम में ले जाकर छोड़ दिया. मुक्तिधाम परिसर के नजदीक बने शेड में बीते 5 महीने से एक ही खाट पर पड़े वह मल-मूत्र का त्याग करती है. उसके बिस्तर के नीचे गंदगी का अंबार लगा हुआ है. उसी खाट पर खाना खाती है और उसी पर सोई रहती है. लेटे रहने की वजह से उसके पूरे शरीर में घाव भी हो गए हैं.आसपास गुजरने वाले लोग किसी तरह से नाक दबाकर वहां से गुजर जाते हैं.

कोरिया: मनेंद्रगढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत चौघड़ा पंचायत के शांतिनगर की महिला गंभीर बीमारी और लाचारी के कारण पिछले 5 महीने से श्मशान में अपनी जिंदगी काट रही थी. इस खबर को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. संस्थान ने बताया था कि लोगों को मरने के बाद मुक्तिधाम ले जाया जाता है लेकिन एक बीमार महिला को उसके बच्चों ने जीते-जी मुक्तिधाम में छोड़ दिया है. जहां वह मौत का इंतजार कर रही है. ETV भारत की खबर का असर हुआ है.

बीमार महिला को मिलेगी नई जिंदगी

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ रश्मि सोनकर गुरुवार को सुबह 1100 बजे मुक्तिधाम पहुंच कर उस महिला से बात की है. उन्हें नहलाकर नए कपड़े दिए गए हैं. महिला गंभीर रूप से बीमार थी. उसे इलाज के लिए मनेंद्रगढ़ के हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. बाद में बेहतर इलाज के लिए हॉस्पिटल बैकुंठपुर भेज दिया गया. मामले में समाज कल्याण विभाग ने महिला के इलाज और देखरेख की जिम्मेदारी ली है. डॉ रश्मि सोनकर ने समाज के सामने एक मिसाल पेश की है.

कोरिया में कलयुगी बच्चों ने जीते जी मां को पहुंचाया श्मशान, 5 महीने से मौत की राह देख रही महिला

महिला आयोग की अध्यक्ष ने लिया संज्ञान

सूचना मिलने के बाद महिला आयोग अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक(Kiranmayi Nayak) ने मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर कोरिया कलेक्टर(koriya collector) से इस विषय में बात की. मनेन्द्रगढ़ एसडीएम प्रशासनिक अमले के साथ मुक्तिधाम पहुंची. महिला से मुलाकात कर उसकी बीमारी की जानकारी ली. उसे मनेंद्रगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टरों की देखरेख में उनका उपचार जारी है.

ये है पूरा मामला

सोशल मीडिया में भरतपुर विधानसभा में आने वाले ग्राम पंचायत चैघडा के शांति नगर में रहने वाली बेबी सारथी के पति की 8 महीने पहले मौत हो गई थी. पति के मौत के बाद परिजन ने महिला की ओर ध्यान देना बंद कर दिया था. इस बीच वह गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गई. महिला के बच्चों और सास ने उसे मुक्तिधाम में ले जाकर छोड़ दिया. मुक्तिधाम परिसर के नजदीक बने शेड में बीते 5 महीने से एक ही खाट पर पड़े वह मल-मूत्र का त्याग करती है. उसके बिस्तर के नीचे गंदगी का अंबार लगा हुआ है. उसी खाट पर खाना खाती है और उसी पर सोई रहती है. लेटे रहने की वजह से उसके पूरे शरीर में घाव भी हो गए हैं.आसपास गुजरने वाले लोग किसी तरह से नाक दबाकर वहां से गुजर जाते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.