कोरिया : बेहतर पुलिसिंग की बदौलत ही कोरिया जिले में एक बूढ़े पिता को उसकी बेटी मिल पाई है. करीब 7 साल बाद पिता और बेटी की बात हुई. 7 साल पहले कोरिया से एक बच्ची लापता हो गई थी. पिता ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट मनेंद्रगढ़ थाने में कराई. जिसके बाद कई दिनों तक उसकी खोजबीन की गई. लेकिन बच्ची नहीं मिली. पिता ने भी बेटी के मिलने की आस छोड़ दी थी. ये वाकया साल 2015 का था.
लेकिन अभी हाल में कोरिया जिले की कमान एसपी संतोष सिंह ने संभाली. जिसके बाद उन्होंने पुराने पेंडिंग केसों पर काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने मनेंद्रगढ़ से लापता हुई काजल नाम की लड़की के केस पर खोजबीन शुरू की. जिसके बाद सारा पुलिस अमला एक्टिव हुआ. इसका नतीजा था कि उस गुम हुई बच्ची का पता पुलिस को चला. पुलिस ने काजल को यूपी के कानपुर से ढूंढ निकाला. फिर उस बेटी की पिता से बात कराई. 7 साल बाद बेटी की आवाज सुनकर पिता की आंखे भर आई. कोरिया पुलिस की इस पहल की हर ओर तारीफ हो रही है.
वीडियो कॉल से बात कर पिता हुए भावुक
लापता लड़की को वीडियो कॉल के माध्यम से लड़की के पिता से बात कराई गई. बात करते वक्त पिता और बेटी भावुक हो गए. बेटी के बच्चों को देखकर पिता के चहरे पर खुशी नजर आई और उन्होंने पुलिस का आभार व्यक्त किया है. 8 जुलाई साल 2015 के दिन कन्हैया लाल कुशवाहा ने अपनी 15 साल की बेटी काजल कुशवाहा के गुम होने की रिपोर्ट थाने में लिखवाई थी. लेकिन उस वक्त उनकी बच्ची का कोई पता नहीं चला. 7 साल बाद कोरिया पुलिस ने गुमशुदा बेटी को न सिर्फ ढूंढा, बल्कि उसकी बात पिता से वीडियो कॉल के जरिए करवाई. पिता से बातचीत में काजल ने बताया कि उसने शादी कर ली है. वह अपने पति के साथ कानपुर में रह रही है और काफी खुश है. बेटी को खुश देखकर पिता ने भी राहत की सांस ली और कहा कि बेटी जहां रहो खुश रहो.
'मां की डांट से तंग आकर छोड़ा था घर'
काजल ने इस बातचीत के दौरान बताया कि उसने मां की डांट से परेशान होकर 7 साल पहले घर छोड़ा था. वह कोरिया के रेलवे स्टेशन आ गई. वहां से ट्रेन के जरिए वह यूपी के कानपुर पहुंच गई. इस दौरान उसने कई घरों में काम किया. उसके बाद उसने शादी कर अपना घर बसा लिया.
कोरिया पुलिस के इस कार्य की हर ओर तारीफ हो रही है. ऐसे में दूसरे जिलों के पुलिसकर्मियों को भी कोरिया पुलिस के इस कार्य से सीख लेने की जरूरत है. छत्तीसगढ़ में लापता बच्चों से जुड़े केस में ऐसे काम कर गुम हुए बच्चों को पुलिस परिवार से मिला सकती है.