कोरिया : एसईसीएल चरचा कॉलरी में महिला कर्मी की शिकायत की जांच करने छह सदस्यीय कमेटी गठित कर सात दिन में रिपोर्ट मांगी गई थी. लेकिन कमेटी ने 11 दिन बाद भी जांच शुरु नहीं की है.अब महिला को अपनी जान की परवाह सता रही है.इस मामले में एसइसीएल चरचा कॉलरी की एक महिला कर्मी ने वरिष्ठ अधिकारी कार्मिक के खिलाफ अभद्रता की शिकायत सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं.महिला कर्मी ने प्रताड़ना को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी थी. लेकिन शिकायत के बाद भी दोषी अधिकारी के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई.
कार्रवाई नहीं होने से अधिकारी का बढ़ा मनोबल : शिकायत के बाद जब अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो अपने पद का इस्तेमाल करते हुए अधिकारी नेमहिला का ट्रांसफर दूसरे विभाग में कर दिया.जिससे त्रस्त महिला कर्मी ने सह क्षेत्र प्रबंधक को लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग रखी है. मामले मे सब एरिया मैनेजर ने महिला की शिकायत की जांच करने छह सदस्यीय कमेटी गठित कर सात दिन में रिपोर्ट मांगी थी. जिसमें चीफ मैनेजर माइनिंग जेपीएन, असिस्टेंट मैनेजर फाइनेंस देवेंद्र शर्मा, मैट्रन रीजनल हॉस्पिटल, मैट्रन एनी पी कोशी, ग्रेड-1 क्लर्क अंजू सिंह, ग्रेड-3 क्लर्क शांति दास गुप्ता शामिल हैं. फिलहाल इंक्वारी कमेटी 11 बीत जाने के बाद जांच शुरू नहीं कर पाई है. कमेटी की सुस्ती और उदासीनता के कारण पीड़ित महिला मानसिक तनाव में रहती है.
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पीड़िता ने लगाई गुहार : पीड़िता ने क्षेत्रीय प्रबंधक चरचा कॉलरी को बताया कि '' मेरे दो छोटेे बच्चे हैं. इनके भविष्य और कार्यालय में स्थिति की गंभीरता को देख मेरे प्रति की गई बदतमीजी के खिलाफ कार्रवाई करने का कष्ट करें. शीर्ष अधिकारी के दुर्व्यवहार से मैं काफी मानसिक तनाव में रहती हूं. मामले में प्रबंधक चरचा कॉलरी ने 3 जनवरी को 6 सदस्यीय जांच समिति का गठन कर 7 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी थी.इधर महिला की शिकायत के बाद भी जांच और कार्रवाई नहीं होने से स्थानीय जनप्रतिनिधियों में अब गुस्सा पनप रहा है.