कोरिया: जिले के मनेन्द्रगढ़ के पास मौजूद SECL हसदेव क्षेत्र की खदानों में काम करने वाले मजदूरों के बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने के लिए प्रबंधन की तरफ से कई निजी कंपनियों की बसों को किराए पर लेकर संचालित किया जा रहा है. लेकिन लगता है कि SECL प्रबंधन की ओर से इन बस संचालकों से बस से जुड़े दस्तावेज नहीं लिए जाते. इसकी वजह से सैकड़ों छात्रों को परेशानी उठानी पड़ती है.
गुरुवार की शाम तकरीबन साढ़े 6 बजे 2 सौ से अधिक बच्चे शहर के आस्था रेस्टोरेंट के आसपास खड़े हुए थे. जब बच्चों से पूछा गया कि आप लोग घर क्यों नहीं गए तो उन्होंने बताया कि अभी तक बस नहीं आई है.
2 घंटे के इंतजार के बाद जब बस वहां पहुंची और ETV भारत के संवाददाता ने बस चालक पप्पू से बातचीत की तो, उसने बताया कि बस के मालिक ने कहा था कि RTO वाले आए हैं. चेकिंग की जा रही है. बस लेकर मत आना. इस कारण वह बच्चों को स्कूल से घर छोड़ने सही वक्त पर नहीं आ सका. अब जब RTO ने अपनी चेकिंग हटा ली है तब बच्चों को लेने आया है.
कालरी प्रबंधन पर सवाल
कालरी प्रबंधन की ओर से कालरी क्षेत्रों में रहने वाले मजदूरों के बच्चों को लाने और ले जाने के लिए जब बसों को किराए पर लेता है, तो क्या उन बसों के दस्तावेजों की जांच नहीं करता. जैसा की ड्राइवर ने बताया कि बस मालिक ने उसे चेकिंग के दौरान बस नहीं ले जाने को कहा है तो इसे आखिर किसकी गलती मानी जाए.
ETV भारत के संवाददाता ने जब इस बात की जानकारी SDM मनेन्द्रगढ़ को दी तो, उन्होंने मामले में जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. लेकिन, सवाल ये उठता है की किस प्रकार ट्रांसपोर्ट कंपनी संचालक बिना वैध दस्तावेजों के बसों का संचालन कर रहे हैं.